कलाकृति पर अनिता सिकरवार की राय से प्यारी असहमतियां

मेरा कोना

मनीष बोले: ऐ खुदा तेरे सिवा मेरा इक और भी खुदा है

जरा इस कलाकृति को निहारिये। इस लाजवाब तस्वीर को अनिता सिकरवार ने अपनी वाल पर मास्ट-हेड बनाया है। अरे वही अनिता सिकरवार जो फेसबुक पर अपनी गम्भीर, तल्ख और त्वरित टिप्पणियों और चर्चाओं के लिए मशहूर हैं।

खैर, इस तस्वीर को जैसे ही अनिता सिकरवार ने पोस्ट किया, चर्चाओं का एक नया दौर शुरू हो गया। शुरूआत हुई फेसबुक की परम्पराओं और प्राथमिकताओं के तहत लाइक्स का गुलदस्ता भेजने से। लेकिन इसी के बीच इसी तस्वीर पर चलती रही चर्चाओं की भीड़, जो अक्सर चुटीली होती लगीं।

जरा आप भी निहारिये ना।

Kumar Sauvir : बहुत खूबसूरत है कूंची का कमाल और लाजवाब है रंगों का संयोजन

अनिता सिकरवार : जीवंत चित्रण

Kumar Sauvir : मैंने तो प्रशंसा की चरण-बद्ध सीढि़यां नापने की कोशिश की थी, लेकिन आप सीधे लिफ्ट लपक कर निष्कर्ष के टॉप पर चढ़ गयीं। कुछ भी हो, फोटो अच्छी है

Manaash Grewal : ताउम्र नहीं कर सकता ऐ खुदा मैं इबादत तेरी

कि तेरे सिवा मेरा इक और भी खुदा है।

मनास।

अनिता सिकरवार : Kumar Sauvir ji मंजिल तक सफर कभी सिङिया कभी लिफ्ट; ….

अनिता सिकरवार : Manaash Grewal का खुदा भी है ?

Kumar Sauvir : जिन्दaगी यकीनन सफर ही होता है। लेकिन सीढ़ी-लिफ्ट तक ही सीमित नहीं। यह सफर दरअसल एक रिदम होता है, संगीत। इसमें गायक और साजिंदे एकसाथ हुनर दिखाते हैं। कभी सुना है कि तानपूरा और मल्हार की तानें अलग-अलग ढफली की तरह बज-गा रही हों। आपको अगर लगता है कि मैं गलत और सही कह रही हैं, तो आपको बधाई। मैं अपनी हार मान लूंगा। लूंगा क्या, मान कर ही चुका हूं

अनिता सिकरवार आपका अनुभव अधिक दृष्टी परक है । Kumar Sauvir ji

Kumar Sauvir : दृष्टिपरक है मतलब। यानी तथ्यपरक नहीं है। यह तो स्पष्ट‍ कर दीजिए

Govind Gupta : ये चित्र किसी कविता से कम नहीं । लाजवाब..।

( अनिता सिकरवार की फेसबुक वाल से )

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