सहारा की चूहा-दौड़ पर सेबी ने जमाया जबर्दस्त हथौड़ा

मेरा कोना

 

सुप्रीम कोर्ट दौड़ने वाली आदत को सेबी का करारा जवाब

: गुहार, कि सहारा के सारे मामलों को सुप्रीम कोर्ट में सुना जाए : सारधा फाइनेंस कम्पनी कांड के बाद अब कयास लगने शुरू हुए सहारा पर : 30 हजार करोड़ पर भागा सारधा समूह, सहारा समूह पर देनदारी है 24 हजार करोड़ की :

नई दिल्ली : कभी भुगतान में अडंगा लगाना, तो कभी सुनवाई टालने की कोशिश करना सहारा समूह और सुब्रत राय पर बहुत महंगा पडने जा रहा है। हर बार सुप्रीम कोर्ट से फटकार खाने के बावजूद न मानने की आदत से मजबूर सहारा समूह की ऐसी हरकतों पर अंकुश लगाने के लिए सेबी ने सीधे आज सौ सुनार की और सिर्फ एक लोहार की तर्ज पर सहारा पर एक जोरदार हथौड़ा रसीद कर दिया। खबर है कि सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में सहारा के खिलाफ एक और याचिका दायर कर दी है। इस याचिका में सेबी ने सुप्रीम कोर्ट ने अपील की है कि अलग-अलग अदालतों में चल रहे मामलों को सुप्रीम कोर्ट में सुना जाए। कहने की जरूरत नहीं कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेशों और निर्देशों के बावजूद बार-बार सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर माथा टेकने की आदत वाले सहारा समूह को सेबी ने एक और बड़ा झटका दे दिया है।

तो अब सेबी ने सहारा हाउसिंग और सहारा रियल एस्टेट से जुड़े सभी मामले सुप्रीम कोर्ट में सुनने की अपील की है। इतना ही नहीं, सेबी ने इलाहाबाद और लखनऊ कोर्ट के मामले को सुप्रीम कोर्ट में सुनने की भी अपील की है। जानकार बताते हैं कि सहारा की सारी पिछली याचिकाओं पर मुंह की मात खा चुका सहारा इंडिया पर सेबी की यह ताजा कार्रवाई खासी और जबर्दस्तक बन सकती है। इसलिए भी कि सुप्रीम कोर्ट साफ-साफ कह चुका है कि निवेशकों की रकम पैसा न अदा करने के बाद ही सहारा की किसी भी याचिका को सुप्रीम कोर्ट सुनेगा। सुप्रीम कोर्ट ने तो पिछली सुनवाई में साफ कह दिया था कि आखिर सहारा वाले अपने निवेशकों का पैसा क्यों नहीं देना चाहते हैं।

गौरतलब है कि सहारा इंडिया पर 24 हजार करोड़ की देनदारी का मामला है, जबकि बंगाल समेत कई राज्यों में अपना धंधा कर आज भाग चुकी सारधा फाइनेंस कम्पनी ने देश के निवेशकों से 30 हजार करोड़ रूपयों की चपत लगायी थी। अब तक इस सदमे के चलते 7 लोगों ने आत्महत्या कर लिया है और तीन लोग जहर खाकर जीवन-मौत से जूझ रहे हैं।

फाइनेंस कम्‍पनियों की लूट से जुड़ी खबरों को यदि देखना चाहें तो कृपया क्लिक करें:- आकण्‍ठ धोखेबाजी पर बनी अट्टालिकाएं अब धूल में

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *