एमवे को बड़ा झटका, कंट्री-हेड समेत तीन गिरफ्तार

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घटिया प्रोडक्ट बेचने और मनी लॉड्रिंग समेत कई गंभीर आरोप

कोझिकोड : मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनी एमवे को बड़ा झटका लगा है। केरल पुलिस ने नेटवर्किंग मार्केटिंग कंपनी एमवे इंडिया के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विलियम एस पिंकने और कंपनी के दो निदेशकों संजय मल्होत्रा और अंशु बुद्धराजा को आज यहां वित्तीय अनियमितता के आरोप में केरल पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने यह कार्रवाई एक अमेरिकी महिला द्वारा एमवे के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत करने के बाद विलियम एस पिंकने को कोझीकोड में गिरफ्तार किया गया है। खबर है कि विलियम एस पिंकने कोझीकोड जमानत की अर्जी के लिए गए थे।

अपराध शाखा के सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार निदेशकों में संजय मल्होत्रा और अंशु बुद्धिराजा शामिल हैं। यह गिरफ्तारी वायनाड की अपराध शाखा द्वारा 2011 में दर्ज तीन मामलों में वॉरंट जारी किए जाने के बाद हुई है। सूत्रों ने बताया कि इन अधिकारियों को प्राइस चिट्स एंड मनी सर्क्यूलरेशन स्कीम्स (प्रतिबंध कानून) के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने तीनों अधिकारियों ने इसी महीने पूछताछ की थी और उन्हें आगे की पूछताछ के लिए आज बुलाया गया था। पुलिस स्टेशन पहुंचने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

पिछले साल अपराध शाखा (आर्थिक अपराध) इकाई ने एमवे के त्रिसूर, कोझिकोड तथा कन्नूर के दफ्तरों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी मनी चेन गतिविधियों का पता लगाने के लिए की गई थी। इन केंद्रों पर कंपनी के गोदामों को बंद कर दिया गया और उत्पादित सामान जब्त किया गया था। यह छापेमारी कोझिकोड की विसालाक्षी की शिकायत पर की गई थी। महिला ने दावा किया था कि उसे कंपनी की वजह से नुकसान हुआ है। इस बीच, एमवे ने कोच्चि में जारी बयान में कहा कि वह केरल पुलिस सीबी-सीआईडी को 2012 में दर्ज शिकायत की जांच में पूरा सहयोग दे रही है।

विलियम एस पिंकने के खिलाफ 3 केस दर्ज किए गए हैं। कंपनी पर घटिया प्रोडक्ट ज्यादा दाम पर बेचने का आरोप लगाया गया है। साथ ही, मनी लॉन्डरिंग का भी आरोप है। पिछले साल भी पुलिस ने एमवे पर छापा मारकर 2.5 करोड़ रुपये का सामान जब्त किया था। केरल पुलिस के पास कंपनी के खिलाफ कई शिकायतें आई हैं। विलियम एस पिंकने, अंशु बुद्धिराजा तथा संजीव मल्होत्रा सीबी-सीआईडी के सभी सवालों का जवाब देने के लिए हमेशा मौजूद रहे हैं। कंपनी ने कहा कि 2011 के वायनाड मामले में कंपनी और उसके अधिकारियों को न तो कभी समन भेजा गया और न ही किसी प्रकार की जानकारी मांगी गई।

एमवे ने कहा कि उसने पुलिस अधिकारियों द्वारा मांगी गई सभी जानकारियां और दस्तावेज उपलब्ध करा दिए हैं। हम अन्य मामलों में भी आगे की जांच के लिए पुलिस के साथ पूरी तरह सहयोग के लिए तैयार हैं। डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के संगठन इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन की महासचिव छवि हेमंत ने एक बयान में इस घटना को निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया और सरकार से नियमों को स्पष्ट करने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘सरकार को डायरेक्ट सेलिंग कारोबार के माडल और घोखाधड़ी भरी पिरामिड योजनाओं के बीच अंतर तत्काल स्पष्ट करना चाहिए क्योंकि यह फर्क न किए जाने के कारण डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों को परेशान किया जाता है।

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