नाटकबाजी नहीं, साफ-साफ माफी मांगो: सुप्रीम कोर्ट ने बेअंदाज आजम खान को हड़काया

सैड सांग

: बुलन्‍दशहर में नाबालिग बच्‍ची व उसकी मां से हुए सामूहिक बलात्‍कार काण्‍ड पर कोर्ट बेहद खफा : हलफनामे में खिलवाड़ पर सुप्रीम कोर्ट का रवैया सख्‍त : अब तक नहीं पता चल पाया कि यह खिलवाड़ कपिल सिब्‍बल की ओर से हुआ था या फिर आजम खान की करतूत :

संवाददाता

नई दिल्‍ली : रेल के कंडक्‍टर, यूपी के बाबू और जयाप्रदा जैसी सांसदों तक को नाचने-गाने वाली औरतों जैसे शब्‍दों से नवाजने वाले आजम खान की जुबान आज सुप्रीम कोर्ट ने कस कर दबोच डाली। रोंगटे खड़े कर देने वाली बुलन्‍दशहर रेप-काण्‍ड तक पर अपनी अभद्रता और अमानवीयता का प्रदर्शन से बाज न आने वाले यूपी के मंत्री आजम खान को आज सुप्रीम कोर्ट ने उनकी हेकड़ी निकाल दी थी। कोर्ट ने साफ कहा कि आजम को बिना शर्त माफी मांगनी होगी और इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही या मोड़-मरोड़ बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी। कोर्ट के इस रूख से अब आजम खान और उनके वकीलों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गयी है।

आपको बता दें कि कुछ महीनों पहले बुलंदशहर रेप पर विवादित बयानबाजी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान की जुबान पर लपक लिया और उनके शब्‍दों पर मानवता के खिलाफ बयानबाजी माना था। कोर्ट ने उस काण्‍ड पर आजम के बयान को लेकर आजम से माफी मांगने को कहा था। लेकिन इस मामले में जब आजम की ओर से कपिल सिब्‍बल ने हलफनामा दाखिल  किया तो कोर्ट के तेवर बिगड़ गये। कोर्ट ने आजम के इस माफीनामे को खारिज कर दिया। कोर्ट ने माना कि सुप्रीम कोर्ट ने उनसे बिना शर्त माफी मांगने को कहा था, लेकिन आजम खान ने अपने हलफनामे में ‘यदि’ शब्द का प्रयोग करते हुए गोलमोल माफी मांगी है। आजम के इस रवैये पर कोर्ट ने उन्हें नया हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

गौरतलब है कि आजम ने बुलंदशहर रेप को राजनीतिक साजिश करार दिया था. अटॉर्नी जनरल और एमिकस क्यूरी द्वारा आजम खान के हलफनामे की भाषा पर एतराज जाहिर करने के बाद कोर्ट ने यह निर्देश दिया है. इस बीच आजम खान की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्क‍िल ‘ माफी’ के बजाए ‘खेद’ शब्द का इस्तेमाल करेंगे..

अब 15 दिसम्बर को होने वाली अगली सुनवाई में कोर्ट यह तय करेगा कि आजम खान का नया हलफनामा उपयुक्त है या नही. केंद्र सरकार का कहना है कि अभी आजम खान ने जो हलफनामा दिया है, उसमें उन्होंने बिना शर्त माफी नहीं मांगी है और इस वाक्य का इस्तेमाल किया है कि ‘यदि मेरे बयान से किसी को चोट पहुंचा हो तो…’ जो कि स्वीकार्य नहीं है।

इसके पहले नवंबर माह में सुप्रीम कोर्ट ने बुलंदशहर गैंगरेप केस से जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए आजम खान की खिंचाई की थी। कोर्ट ने कहा था कि आजम खान गैंगरेप केस पर बयानबाजी करने के लिए माफीनामा दाखिल करें. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्या आजम अपने बयान पर माफी मांगने को तैयार हैं? आजम खान इस पर बिना शर्त माफी मांगने के लिए तैयार हो गए।

कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि रेप जैसे अपराधों पर नेताओं का गैर-जिम्मेदाराना तरीके से बयानबाजी करना ठीक नहीं है। 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को नोटिस जारी कर इस बारे में जवाब दाखिल करने को कहा था।

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