न केंद्र न राज्य , कहीं से भी नहीं मिली थी खनन की इजाजत
: दुर्गा नागपाल पर केंद्र की रिपोर्ट से मिला बल : अभी तक अपने झूठे दावों पर टिकी है प्रदेश सरकार और सपा के दिग्गज : पर्यावरण मंत्रालय ने सरकार को सौंपी जांच की रिपोर्ट :
कुमार सौवीर
नई दिलली : रेत माफिया के खिलाफ यूपी की आईएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल की मुहिम को और बल मिला है। केंद्र सरकार की जांच कमेटी ने माना है कि यूपी के गौतमबुद्ध नगर में चल रहा रेत खनन पूरी तरह अवैध है। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव का कहना है कि यूपी में कहीं भी अवैध खनन नहीं चल रहा है। जबकि रिपोर्ट में केंद्र सरकार की जांच कमेटी ने कहा है कि किसी भी खननकर्ता को न पर्यावरण मंत्रालय से हंरी झंडी मिली न राज्य सरकार के अधिकारियों से।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की तीन सदस्यों की इस कमेटी ने दो दिनों में मौके पर जाकर मुआयना किया और स्थानीय लोगों से बातचीत के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार की। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश भी की है। सूत्रों के मुताबिक जांच टीम ने पर्यावरण सुरक्षा कानून के तहत अवैध तरीके से खनन करने के सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। इस कानून के तहत पांच साल तक की सजा और एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। ये रिपोर्ट आज पर्यावरण मंत्रालय को सौंपी जाएगी। इसके बाद ये रिपोर्ट राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण यानी एनजीटी को भेजी जाएगी।
एनजीटी ने अवैध रेत खनन को लेकर पर्यारवण मंत्रालय और राज्य के अधिकारियों से 14 अगस्त तक रिपोर्ट सौंपने को कहा था। पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में अवैध खनन हो रहा है, लेकिन दुर्गा शक्ति के निलंबन को जायज ठहराने वाले समाजवादी पार्टी के नेता अभी भी अपने बयान पर कायम हैं। आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कहीं भी अवैध खनन नहीं हो रहा है।
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