उप्र लोकसेवा आयोग: तीन सत्र शून्‍य, परीक्षा फिर टली

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: फिर लटका दिया 24 जून से शुरू होने वाला परीक्षा कलेंडर, उप्र लोकसेवा आयोग की करतूतों से लाखों युवा बेहाल : सन-16 में हुई पीसीएस की परीक्षा का नतीजा अब तक सार्वजनिक नहीं कर पाया है बेशर्म आयोग : युवकों के भविष्‍य, बनाम योगी जी का घण्‍टा – एक :

कुमार सौवीर

लखनऊ : है पीर परवत सी पिघलनी चाहिये, इस हिमालय से कोई नयी गंगा अब निकलनी चाहिये। दुष्यंत कुमार की ये कविता उप्र लोक सेवा आयोग पर फिट बैठती हैं। एक तरफ परीक्षार्थी बेहाल हैं, उनकी उम्र बीतती जा रही है और बढ़ती उम्र के साथ उनका साहस भी जवाब दे रहा है वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अपनी कछुए की चाल चलने में मस्त है। बेखुदी का आलम यहां तक पहुंच चुका है कि तीन बरस से लाखों युवकों के सपने लगातार कत्‍ल किये जा रहे हैं। लेकिन आयोग अपनी कुम्‍भकर्णी नींद नहीं तोड़ पा रहा है। बेशर्मी यहां तक है कि सन-16 में हुई पीसीएस परीक्षा का रिजल्‍ट तक यह आयोग घोषित नहीं कर पाया है। और अब आज जब आयोग ने ऐलान किया है कि वह अपने पूर्व-घोषित कलेंडर पर भी परीक्षाएं नहीं कर पायेगा, तो इन प्रतिभागियों का दिल ही धक्‍क से रह गया।

आपको बता दें कि दिसंबर 2017 में आयोग ने साल 2018 में होने वाली अपनी परीक्षाओं का कैलेंडर जारी किया था। उस कैलेंडर में साफ लिखा था की पीसीएस 2018 की प्रारंभिक परीक्षा 24 जून 2018 को कराई जायेगी। सब परीक्षार्थी जमकर तैय्यारी में लग गये। पर कल शाम को आयोग द्वारा जारी की गई एक नोटिस से परीक्षार्थीयों में गुस्से का माहौल है। उस नोटिस में लिखा है की 24 जून को होने वाली पीसीएस 2018 की प्रारंभिक परीक्षा टाल दी गई है।

आपको जानकर हैरानी होगी की पीसीएस 2016, जिसकी मुख्य परीक्षा सितंबर 2016 में कराई गई थी, उसकी मुख्य परीक्षा का परिणाम आजतक आयोग ने घोषित नही किया है। मतलब दो साल होने को आ गये पर अब तक कोई परिणाम नही दिया गया। यही हाल पीसीएस 2017 की परीक्षा का है। इसकी प्रारंभिक परीक्षा सितंबर 2017 में कराई गई थी और मुख्य परीक्षा भी 17 मई से होना संभावित है परंतू जानकार कह रहे हैं की आयोग किसी भी सूरत में ये परीक्षा 17 मई से नही करा पायेगा।

इतने पर ही रुक जाते तो भी ठीक था, पर आयोग ने तो बेशर्मी की सारे हदें तब पार कर दीं जब उसने पीसीएस 2018 की प्रारंभिक परीक्षा जो 24 जून को होनी प्रस्तावित थी, उसको भी अनिश्चितकाल के लिये टाल दिया है। यानि अब ये परीक्षा 24 जून को नही होगी और फिलहाल कोई नई तारीख भी आयोग ने मुकर्रर नही की है और ना ही इस परीक्षा का विज्ञापन आज तक निकाला है। मतलब प्रदेश की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा के तीन सत्र अधर में लटके हैं। (क्रमश:)

किसी भी युवक-युवती की कल्‍पनाओं में सबसे श्रेष्‍ठ काम होता है अपनी कल्‍पनाओं को पंख देना। इसके लिए प्रतिभागी लोग अपनी जान लगा देते हैं। प्राण-प्रण से मेहनत करते हैं। ताकि उनके सपनों को किसी सम्‍मानित मुकाम पर जगह मिल जाए। लेकिन ऐसे सपनों को अमल में लाने के पहले औपचारिक परीक्षाओं का संचालन करने वाली संस्‍था इस वक्‍त नपुंसक साबित होती दिख रही है। पिछले तीन बरसों से जिस तरह यूपी लोकसेवा आयोग ने लाखों प्रतिभागियों के साथ जो बेशर्मी और आपराधिक हरकतें की हैं, वह अकल्‍पनीय है। इस पूरे दौरान अपनी हरकतों से इस आयोग पर प्रतिभागियों का गुस्‍सा बेहद बरस रहा है। वह तो बड़प्‍पन तो इन प्रतिभागियों का है कि वे पूरे संयम के साथ खामोश है, वरना न जाने क्‍या हो जाता।

वैसे भी उप्र का लोकसेवा आयोग हमेशा से ही विवादों में घिरा ही रहा है। आज अपनी पूर्व निर्धारित परीक्षा का कलेंडर 24 जून का कार्यक्रम भी अनिश्चित काल के लिए स्‍थगित कर इस आयोग ने साबित कर दिया है कि लाखों प्रतिभागियों के भविष्‍य के प्रति उनका कोई भी लेनादेना नहीं है। हम इसी मसले को श्रंखलाबद्ध तरीके से प्रकाशित करने जा रहे हैं। आज से उसकी बाकी कडि़यों का प्रकाशन नियमित रूपे से किया जाएगा। आपको इस बारे में कोई भी जानकारी हो, आयोग का कोई पक्ष हो, कोई अन्‍य जानकारी हो, तो उसे हमें तत्‍काल बताइयेगा। हम उसे अपने प्रमुख न्‍यूज पोर्टल मेरीबिटिया डॉट कॉम पर पूरे सम्‍मान के साथ और अनिवार्य रूप से प्रकाशित करेंगे।

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प्रतिभागियों के भविष्‍य का कत्‍लगाह

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