: येचुरी के शब्दों में यह कृत्य लोकतांत्रिक, निरंकुश और असहिष्णु कदम’, बोले- यह तो अघोषित इमर्जेंसी है : त्रिपुरा मुख्यमंत्री सचिवालय ने अपना आपत्ति दर्ज करायी : प्रसार भारती ने कहा कि माणिक सरकार का भेजा गया बयान प्रसारित नहीं किया जा सकता :
मेरी बिटिया डॉट कॉम संवाददाता
अगरतल्ला : केंद्र सरकार पर काबिज भारतीय भाजपा पार्टी ने अपनी विरोधी पार्टियों को औकात में रखने की कोशिशों का सामान जुटाना शुरू कर दिया है। शुरूआत हुई है पूर्वोत्तर के सुदूर राज्य त्रिपुरा से, जहां के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के भाषण को प्रसार भारती ने खारिज कर दिया गया है। प्रसार भारती ने कहा है कि जो भी भाषण माणिक सरकार ने प्रसारभारती को भेजे थे, उसमें संशोधन की जरूरत है और जब तक यह संशोधन नहीं हो पायेगा, इस भाषण का प्रसारण हो पाना मुमकिन नहीं होगा। प्रसार भारती के इस कदम से राजनीतिक माहौल उबलने लगा है। वामदलों ने इस कृत्य को अघोषित आपातकाल की संज्ञा देते हुए इस हरकत की कड़ी निंदा की है।
उधर माणिक सरकार ने आरोप लगाया है कि दूरदर्शन और आकाशवाणी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उनके भाषण को प्रसारित करने से मना कर दिया और कहा कि जब तक वह भाषण को नया रूप नहीं देते, तब तक इसे प्रसारित नहीं किया जाएगा। सरकार ने इसे ‘अलोकतांत्रिक, निरंकुश और असहिष्णु कदम’ करार दिया।
दूरदर्शन और आकाशवाणी का संचालन संभालने वाले प्रसार भारती से इस मामले में फिलहाल प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। त्रिपुरा सरकार की ओर से जारी बयान में आरोप लगाया गया कि दूरदर्शन और आकाशवाणी ने गत 12 अगस्त को सरकार का भाषण रिकॉर्ड कर लिया और मुख्यमंत्री कार्यालय को एक पत्र के जरिए सूचित किया गया कि उनके भाषण को जब तक नया रूप नहीं दिया जाता तब तक इसे प्रसारित नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय के बयान में दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि वह अपने भाषण में एक शब्द भी नहीं बदलेंगे और इस कदम को उन्होंने ‘अलोकतांत्रिक, निरंकुश और असहिष्णु’ करार दिया। सरकार का भाषण स्वतंत्रता दिवस पर दूरदर्शन और आकाशवाणी पर प्रसारित होना था।
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि दूरदर्शन, आरएसएस-बीजेपी की निजी संपत्ति नहीं है और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने लोगों को निर्देश दे रहे हैं कि विपक्ष की आवाज को दबा दिया जाए, जिसमें कि एक निर्वाचित मुख्यमंत्री शामिल हैं। सीपीएम के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा गया, ‘दूरदर्शन ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का भाषण प्रसारित करने से इनकार किया। क्या प्रधानमंत्री मोदी इसी सहयोगात्मक संघवाद की बात करते हैं? शर्म की बात है।’ माना जा रहा है कि पार्टी का परोक्ष इशारा प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस संबोधन की ओर था। येचुरी ने कहा कि चैनल द्वारा सरकार का भाषण प्रसारित करने से मना करना ‘गैरकानूनी’ है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अगर यह तानाशाही और अघोषित आपातकाल नहीं है तो क्या है? सीपीएम, त्रिपुरा की जनता और हमारे सभी नागरिक इससे लड़ेंगे।’
उधर लखनऊ में वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र श्रीवास्तव ने इस घटना को अपनी वाल पर दर्ज किया है। उन्होंने लिखा है कि दूरदर्शन और आकाशवाणी ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री श्री माणिक सरकार का भाषण नहीं प्रसारित किया है। ऐसी हालत में दोषी अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। विश्वास नहीं हो रहा है कि ऐसा हो सकता है, वह भी स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर लेकिन ऐसा हुआ। दूरदर्शन और आकाशवाणी ने इस बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री श्री माणिक सरकार का भाषण 15 अगस्त को नहीं प्रसारित किया। श्री माणिक सरकार देश के वह ईमानदार राजनीतिक कार्यकर्ता हैं जिनकी ईमानदारी और पारदर्शी सार्वजनिक जीवन पर कोई भी इतरा सकता है। इन इतराने वालों में एक मैं भी हूँ। 15 अगस्त के लिए बतौर मुख्यमंत्री जारी होने वाला उनका परम्परागत भाषण रोका जाना लोकतन्त्र के लिए अशुभ संकेत है। इसे रोकने वाले दूरदर्शन और आकाशवाणी के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।