तीन तिलंगे: जिन्‍दादिल और हरफनमौला थे शेखर त्रिपाठी

सैड सांग

: नई दुनिया का भोपाल में स्‍थानीय सम्‍पादक सुदेश गौड़ बुरी तरह हिल गये शेखर त्रिपाठी की मौत से,  तीन दशक बाद यह तीनों इस तरह नई भूमिकाओं में दिखेंगे, सोचा तक नहीं था : तीस बरस पहले की फोटो दिखा कर सुदेश गौड़ ने मुझे फफक कर रूला दिया :

सुदेश गौड़

भोपाल : यह तीन तिलंगे। लखनऊ जागरण दफ्तर का यह फोटो 1987 यानी आज से 30 साल पहले का है। यह फोटो भोपाल में नई दुनिया समाचारपत्र के स्‍थानीय सम्‍पादक सुदेश गौड़ ने भेजी है। सुदेश ने यह फोटो अपनी फेसबुक वाल पर प्रोफाइल-फोटो के तौर पर चस्‍पा किया है। हिन्‍दुस्‍तान अखबार के वाराणसी के संस्करण, दैनिक जागरण के लखनऊ संस्‍करण और जागरण डॉट कॉम के दिल्‍ली सम्‍पादक शेखर त्रिपाठी का आज दोपहर को निधन हो गया है।

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शशांक शेखर त्रिपाठी

इस फोटो के साथ मुझे लिखे अपने संदेश में सुदेश गौड़ ने लिखा है कि, “इस फोटो में तीन किरदार हैं। सबसे बाएं लखनऊ में रह रहे हमारे मित्र कुमार सौवीर ने रविवार को दोपहर बाद (बीच में बैठे) जिंदादिल, हरफनमौला शेखर त्रिपाठी के बारे में मनहूस खबर दी तो मैं (सबसे दाएं) हतप्रभ व अवाक रह गया। 30 साल पहले का यह फोटो आज इस संदर्भ में उपयोग होगा और तीनों किरदार फिर इस नई भूमिकाओं में दिखेंगे। सोचा तो नहीं था पर ईश्वर को शायद ऐसा ही मंजूर होगा। अलविदा शेखर भाई बहुत याद आओगे।”

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( लखनऊ में हम तीनों ने एकसाथ करीब तीस साल पहले तक पत्रकारिता के क्षेत्र में जबर्दस्‍त पारी खेली थी। वह दैनिक जागरण समाचार पत्र के साथ गुजरा वक्‍त था। कुमार सौवीर रिपोर्टर थे, जबकि शशांक शेखर त्रिपाठी और सुदेश गौड़ डेस्‍क पर थे। सुदेश आजकल भोपाल में दैनिक नई दुनिया में स्‍थानीय सम्‍पादक हैं, जबकि शेखर त्रिपाठी आज ब्रह्मण-व्‍यापी हो गये। )

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