मेरे दुख-सुख का भागीदार था कमाल खान

: दोस्‍त के रुखसत हो जाने पर उसके दुर्गुणों और गुणों का बखान करना जरूरी : चाहे मुस्लिम सभासदों को भड़काने की साजिशें या फिर बेटी का विवाह, कमाल खान हमेशा साथ रहा : पिता सियाराम शरण त्रिपाठी, रिचा, मित्र वीपी पांडेय, मां, चाची और अतुल पांडेय के बाद अब कमाल खान एक अपूरणीय क्षति […]

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लो, आ गया जमालगोटा

: च्‍यवनप्राश के साथ विनाशाय च दुष्‍कृताम और परित्राणाय साधूनाम का डंका बजेगा : अपवित्रों-पापियों की पृष्‍ठभूमि में बिना छीला बांस उगायेगा च्‍यवनप्राश व जमालगोटा : जगत-काय को स्‍वस्‍थ करेगा साशा सौवीर का सद्य-स्‍तनपायी जमालगोटा अवतार : कुमार सौवीर लखनऊ : एक पढ़ा-लिखा और अपने अध्‍ययन को लेकर समर्पित रहा व्‍यक्ति जब चंद नोटों के […]

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आओ वक्‍त रहते शिकवे-गिले मिटा लें… क्‍या पता ! कल हो, न हो

: न जाने कौन कब हमारी जिन्‍दगी की किताब से अपना पन्‍ना फाड़ कर चला जाए : कई बार खबरें जब रोने पर मजबूर कर रही हैं : मैं खिड़की से दुहरे मास्‍क लगाकर प्‍लेट में सुबह-शाम ऐसे खाना डालती हूं मानो वह कोई अस्‍पृश्‍य हो: साशा सौवीर नई दिल्‍ली : ‘आज एक हंसी और […]

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