आज मैं चिन्‍मयानन्‍द के घर में हूं। गांव में

: गोंडा-बहराइच के सीमान्‍त कर्नेलगंज के तरबगंज की सड़क के किनारे पर है मकान : दुर्धष-यात्री की तरह यात्रा कभी थमी नहीं। राजसत्‍ता से लेकर बिस्‍तर तक, और फिर बिस्‍तर से जेल तक : 04 में चिन्‍मयानन्‍द ने अपने सांसदी चुनाव में प्रचार के लिए मुझे उत्‍कोच यानी घूस-प्रलोभन दिया : बाघमंरी मठ से याद […]

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कैसे मिल जाते हैं अफसरों को बेशकीमती तोहफे

: दरअसल ऐसे तोहफे होते हैं रिश्‍वत के तौर पर : रिश्‍वत देने और लेने वाले बेहद कुशल अभिनेता होते हैं : अब तो आईएएस एसोसियेशन को ही इस पर हस्‍तक्षेप करना चाहिए : लो देख लो, बड़े बाबुओं की करतूतें- 28 : कुमार सौवीर लखनऊ : आप चाहें उसे तोहफा मान लें, या फिर […]

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जिनसे गलबहियां, उसी को गाली देते हो “बाबू” जी?

: आईएएस अफसरों का कमाल, जिनसे काम लेना है उन्हें गाली मानते हैं : कलेक्ट्रेट में जितने भी बाबू होते हैं, वे सब मुंहलगे होते हैं डीएम के : सारा अण्डर-करण्ट बाबू से संचालित होता है, बाबू के बिना नामुमकिन : लो देख लो, बड़े बाबुओं की करतूतें- ग्यारह : कुमार सौवीर लखनऊ : हिन्दुस्तान […]

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