गंभीर, चिंतित और प्रखर वक्ता भी करवा-चौथ पर पैर छुआने में गदगद

: स्‍त्री बनी हवन-सामग्री और पुरुष अपनी मर्दानगी मूंछें मरोडने में जुटा : करवा-चौथ तो बीत गया, अब उसके अर्थ और मर्म को समझिये : चलता रहा है, तो कोई बात नहीं। लेकिन अब तो उसे तर्क पर तौलिये : कुमार सौवीर लखनऊ : स्त्री के सशक्तिकरण व उसके व्यक्तिगतता के साथ उसके स्वतंत्र अस्तित्व […]

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छोड़ो बाबा सरयू की डुबकी, करो तैयारी 30 जनवरी की

: बाबा जी का अयोध्या-संकल्प पूरा होना जरूरी : माध्यम जल ही नहीं, रिवाल्वर तो बन सकती है : नदी में डूबें या पुलिस की गोली से। मकसद तो प्राण-त्याग कर मंदिर बनाना ही है न ? : जगतनारायण सिंह के आका पुलिस अफसरों को सेट करो। न हायहाय, न किचकिच : बाबा जी। ऊपर […]

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चल भाग मूंछ। हमें पूंछ का बाल ही बने रहने दो

जातीय राजनीति में नाक पर टांकते हैं पूंछ का बाल कुमार सौवीर नरेंद्र मोदी ने बुर्के के बहाने छिप जाने वाली प्रवृत्ति रखने वालों की मूंछें उखाड़ लीं, तो उससे बौखलाये दिग्विजय सिंह समेत कई लोगों ने अब मोदी की पूंछ उखाड़ना शुरू कर दिया है। राजीव शुक्‍ला और मीम अफजल समेत कई कांग्रेसी तो […]

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