पद्मश्री: ढाई हजार लाश को पचीस हजार गिन डाला पत्रकारों ने

: मीडिया की नजर में लावारिस लाशों का धाम है अयोध्‍या : 30 बरस पहले इसी मीडिया ने जहर फैलाया था कि सरयू का जल खून से रंग गया : झूठे आंकड़े परोसने में हिन्‍दू-वादी टीवी चैनल और अखबार अव्‍वल : मूर्खताओं को सच का मुलम्‍मा पहनानाने वास्‍तविकता कराहने लगती :  कुमार सौवीर फैजाबाद : […]

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कलियुग केवल नाम अधारा, सुमिरि सुमिरि नर उतरहिं पारा

: नाम और जाति अब कोडवर्ड नहीं, सुविधाजनक माहौल बनाने का जुगाड़ बन गया : भिकारी लाल अभिशाप लगा, तो नाम भगवान सिंह रख लिया : बसपा, सपा और अब भाजपा में भी नामकरण राजनीतिक बन गया : ” कहत कबीर सुनो भाई साधो ” : हरिकान्‍त त्रिपाठी लखनऊ : जिलों के नाम परिवर्तन पर मेरे […]

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एक ही झाड़ू से हांके जा रहे सारे सवर्ण, उसमें मैं कहां हूँ भाई?

: मैं हमेशा से ही जातीय उच्चता-श्रेष्‍ठता पर सवाल उठाता रहा, फिर यह हमला क्‍यों : दलितों के लिए जूझते रहे हैं शेषनारायण सिंह, आज व्‍यथित हैं : आज सवर्णों को जो एक ही झाड़ू से हांका जा रहा है, उसमे मैं कहां हूँ? : शेषनारायण सिंह  नई दिल्‍ली : सवर्ण अगर नाराज़ हैं तो […]

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