साधना मेरी नहीं, पापा के सपनों की रानियों में से थीं

: दर्द को नया नशीला अंदाज़ दे दिया था साधना ने :  फिल्‍म की साधना: 45 साल तक साधना, फिर मौत : मैं साधना को बहुत प्यार करता रहा। जैसे अपनी माँ को प्यार करता हूँ : कुमार सौवीर लखनऊ : नहीं, नहीं। साधना मेरी नहीं, मेरे पापा के वक़्त की दिलकश हीरोइन थीं। उन […]

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काश, आम आदमी समझ पाता कि संसद की सीढ़ी चूमने का अंजाम क्‍या होगा

: नंगा नाच करता नोटबंदी का जिन्‍न, ख्‍वाब धूल में : आम आदमी की उम्‍मीदों को कुचल डाला मोदी सरकार ने : नये नोट छापने मे 13 हजार करोड़ रूपयों का खर्चा आया : कुमार सौवीर लखनऊ : नोटबंदी का जिन्‍न अब बाहर है और ढोल बजा रहा है कि संसद की सीढि़यां चूमने का […]

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अपराध और पुलिस-आतंक से ऊसर होता यूपी, निवेश भूल जाइये

: राजभवन के सामने लूट-कत्‍ल, और निवेश के सुनहले सपने : जब जेल में मुन्‍ना बजरंगी की हत्‍या हो सकती है, तो कानून-व्‍यवस्‍था कहां बची : रंगदारी का धंधा चौकस, जौनपुर में डॉक्‍टर से दो करोड़ की रंगदारी, प्रतापगढ़ में पचीस लाख न मिलने पर दो सगे भाइयों को भून डाला : कुमार सौवीर लखनऊ […]

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