देवरिया में ऑनर किलिंग की बदबू, हरियाणा में नयी सुबह का झोंका
: बदलने लगा है खापों का चेहरा : जींद और हिसार की खापों की पदचाप खासी धमाकेदार : हालांकि ज्यारदातर खापें गांवों को निजी जागीर बनाने में जुटीं :
कुमार सौवीर
गुड़गांव : अभी ज्यादा वक्त नहीं बीता है जब देश के पश्चिमोत्तर हिस्से में खापों-पंचायतों की ओर से बाकायदा आतंक बोया जाता था। क्या प्रशासन, क्या सरकार और क्या न्यायालय, निजी सेनाओं की तर्ज पर यह खापें हर संवैधानिक संस्थाओं को चबाती-निगलती दीख रही होती थीं। लेकिन अब लगता है कि यह माहौल अब बदलाव की राह पर है। कम से कम पिछले एक बरस के बीच घटीं घटनाएं तो यही साबित करती हैं। ताजा मामला तो जहरमुक्त थाली का है, जहां समाज को नये-नये मनचाहे नियम-कायदे-कानून थोपने के बजाय अब आत्म-प्रकाश की कवायद छेड़ दी है। हरियाणा की एक खाप अब जहरमुक्त खेती का मिशन चलाने जा रही है।
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