तुम बीमार हो, जन्‍मदिन भी है। मेरा पर्चा तो दाखिल होगा ही: विनय शंकर तिवारी

: चिल्‍लूपार विधायक के तौर पर अनूठे तो रहे ही हैं विनय तिवारी, मित्रता में भी बेमिसाल : कलेक्‍ट्रेट पर अपनी दावेदारी का परचा दाखिल करते वक्‍त उमड़ा जन-समुद्र जबर्दस्‍त लोकप्रियता और लोक-प्रतिबद्धता का प्रतीक : ब्रजेश पाठक हों, सरोज तिवारी हों या मनोज, इनकी राजनीतिक डगर थी विनय के आशीर्वाद से : कुमार सौवीर […]

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इस खब्‍ती आदमी का नाम है आरडी शाही

: यह तीनों उल्टे चलैं, शायर, सिंह, सपूत : बेंच से हाथ जोड़ कर पैरवी की, वकीलों का दामन बच गया : बाबा जी का घंटा बजाना हो तो सरकारी वकील बन जाओ : लोगों को खिलाने की हैसियत मुझमें थी ही नहीं, और मतदाता भी तो लोकाचार के हिसाब से ही चलते हैं : […]

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“बकलोल आदमी कैसा हो, मरघट बाबा जैसा हो”

: जो काम विधायक का होता है, चुनाव हारने के बाद अब नौटंकी पर आमादा हैं मरघट-बाबा : जो हो ही नहीं सकता, उस पर ही विस्‍तृत बात करने का दावा करते हैं पूर्व विधायक, चीनी मिल पर नूरा-कुश्‍ती :  मरघट के पास गेस्‍टहाउस बनवाना चाहते हैं मरघट-बाबा : संवाददाता गोरखपुर : हाल ही निपटे […]

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