सुरसा की तरह सरकारी छात्रवृत्ति हड़प गया भाजपा का दागी विधायक, मामला दर्ज

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: उप्र भाजपा के पूर्व अध्‍यक्ष के पुत्र और चुनार से एमएलए हैं कुख्‍यात अनुराग सिंह : अपने ही मालिक की पत्‍नी और बेटियों को बेघर-बार करने वाले अनुराग ने लगाया सरकारी खजाने को सवा 43 लाख रूपयों का चूना : सतर्कता अधिष्‍ठान की रिपोर्ट में छात्रवृत्ति हड़पने का आरोप : समाज कल्‍याण विभाग ने जारी की गयी थी छात्रवृत्ति :

कुमार सौवीर

लखनऊ : सरदार पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल एंड मेडिकल साइंस में अध्‍यक्ष की कुर्सी पर जमे भाजपा के विधायक अनुराग सिंह पर आज एक ताजा मामला दर्ज हो गया है। संस्‍थान के छात्रों की फीस घोटाले के मामले में अनुराग सिंह और उनके अन्‍य कतिपय चिण्‍टू-पिण्‍टू लोगों को उप्र सतर्कता अधिष्‍ठान ने पीजीआई थाने पर एक मुकदमा दर्ज कराया है। इस रिपोर्ट में दर्ज है कि अनुराग और उनके एकाउंट मैनेजेर पंकज कुमार व्यास व आडीटर सुधीर शर्मा ने सरकार के खजाने का सवा 43 लाख रूपयों का घोटाला कर लिया है। अनुराग सिंह भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह के पुत्र और मिर्जापुर की चुनार विधानसभा सीट से विधायक हैं।

खबर के अनुसार यह रिपोर्ट सतर्कता अधिष्‍ठान के इंस्पेक्टर डीएस राठौर ने दर्ज कराया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि रायबरेली रोड स्थित सरदार पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंस में वर्ष 2008-2009 से शुल्क प्रतिपूर्ति घोटाला चल रहा है। संस्थान के अधिकारी छात्र-छात्राओं से प्रत्येक सत्र की पूरी फीस जमा कराते थे और उसके बदले समाज कल्याण विभाग से मिलने वाली प्रतिपूर्ति की रकम खुद हड़प जाते थे। संस्‍थान के अनेक छात्र-छात्राओं ने इसकी शिकायत शासन से की थी। शासन के आदेश पर 14 मार्च 2016 को सतर्कता अधिष्ठान ने मामले की जांच शुरू की। डीएस राठौर ने बताया कि जांच में शिकायत सही पाए जाने के बाद संस्थान के अध्यक्ष व भाजपा विधायक अनुराग सिंह, लेखा प्रबंधक पंकज कुमार व्यास व आंकिक सुधीर शर्मा के खिलाफ अमानत में खयानत और सरकारी धन हड़पने की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज कराया गया है।

जांच में पता चला कि छात्र आशीष कुमार की वर्ष 2008-09 से 2011-12 तक की फीस के मुताबिक शुल्क प्रतिपूर्ति के कुल 8,24,000 रुपये संस्थान ने हड़प लिए। इसके अलावा प्रेरणा चौधरी के 6,18,000 रुपये और प्रवीन कुमार, प्रमिला सिंह, धनंजय कुमार सिंह, पारिजात सिंह, सौरभ तिवारी, विपिन सिंह और अपरिमिता सक्सेना के 4,12,000 रुपये डकार लिए। कुल मिला कार यह रकम 43,26,000 है।

वर्ष 2010-11 के सत्र में संस्थान में दाखिला लेने वाले अनुसूचित जाति के 13 छात्र-छात्रओं की फीस भी डकार ली गई। इंस्पेक्टर डीएस राठौर ने बताया कि प्रिया कुमारी, यशपाल सिंह, अनुराग गर्ग, राकेश प्रसाद, अंजली रावत, दिव्या वर्मा, नवीन गौतम, नेहा कुमारी, पंकज कुमार, प्रवेश कुमार चौधरी, प्रमोद कुमार चौधरी, रवि कुमार और प्रवेश कुमार की शुल्क प्रतिपूर्ति संस्थान के खाते में जमा कराई गई थी। इस प्रतिपूर्ति में भी गबन किए जाने की आशंका है। विजलेंस के मुताबिक इन छात्रों के सम्बंध में भी जांच की जाएगी।

समाज कल्याण विभाग द्वारा इन छात्रों की फीस के रुपये संस्थान को दिए गए थे। नियमानुसार जिन छात्र-छात्राओं ने अपने सत्र की पूरी फीस जमा करा दी थी। उन्हें रकम लौटाई जानी चाहिए थी। पर, संस्थान ने समाज कल्याण विभाग से प्राप्त शुल्क प्रतिपूर्ति का समायोजन नियमानुसार न करके अगले वर्ष की फीस में समायोजित किया। छात्र प्रेरणा चौधरी ने दो वर्ष की फीस संस्थान में जमा कराई जबकि समाज कल्याण विभाग ने संस्थान को उसकी तीन वर्ष की प्रतिपूर्ति दी। एक वर्ष की फीस संस्थान के संचालक डकार गए।

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