: पता चल गया कि हत्यारे का नाम था पवन बांगुर, उसके किशोर साथी भी हिन्दू ही हैं : लेकिन सोशल साइट्स पर हत्यारों को आसिफ खान के तौर पर पहचाने जाने का दावा किया गया : जरा सतर्क रहिये अनर्थकारी संदेशों पर, बेहद खतरनाक होते हैं संवेदनहीन मामलों से जुड़ी पोस्ट :
कुमार सौवीर
लखनऊ : लंगूर की हत्या और उसके वीडियो ने मुझे भीतर तक हिला दिया था। इसकी सत्यता जांचने-परखने के लिए मैंने संदर्भ खोजना शुरू किया। अचानक फेसबुक पर यह वीडियो और उससे जुड़ी खबर मुझे मिल गयी। जयपुर निवासी विजय सिंह राठौड़ नामक एक व्यक्ति की वाल पर उस हादसे का वीडियो मुझे मिल गया। इस व्यक्ति की आईडी थी https://www.facebook.com/100006446257368/videos/pcb.1965838956974294/1965838766974313/?type=3&theater । उस वीडियो पर मथुरा के रहने वाले और दिल्ली में इंजीनियरिंग कर रहे अभिषेक सारस्वत https://www.facebook.com/Hindustanii?fref=ufi&rc=p ने इस वीडियो का ब्योरा देते हुए लिखा था कि, “वाशिम. जिले के रिसोड़ तहसील के तहत कुरा गांव में एक युवक द्वारा पिटाई से बंदर की मौत होने का मामला सामने आया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने बंदर की पिटाई करने वाला युवक और उसके दो नाबालिग दोस्तों को हिरासत में लिया है। मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आने के बाद युवक की आलोचना हो रही है। यह है पूरा मामला…..
शनिवार को कुरा गांव में एक बंदर खेतों में घूम रहा था। उसी समय आसिफ खान नामक युवक अपने दोस्तों के साथ वहां से जा रहा था। आसिफ और उसके दोस्तों ने बंदर को खाना खिलाते हुए पकड़ लिया। इसके बाद आसिफ ने उसकी लाठी से पिटाई शुरू कर दी। गंभीर रुप से घायल हुए बंदर को आसिफ ने खेत में एक पेड़ से उल्टा लटकाया फिर से उसकी लाठी से पिटाई करता रहा। पिटाई से बंदर ने दम तोड़ दिया। आसिफ जब पिटाई कर रहा था तब उसने दोस्तों से इसका वीडियो बनाने के लिए कहा। बंदर की पिटाई का वीडियो आसिफ ने व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर किया। इसके बाद यह वीडियो वायरल हुआ।
फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने हिरासत में लिया। यह वीडियो वायरल होने के बाद शनिवार रात फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने आसिफ और उसे दो नाबालिग साथियों को हिरासत में ले लिया। बताया जा रहा है कि आसिफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाने वाली है। वहीं वीडियो वायरल होने के बाद युवक की काफी आलोचना हो रही है।”
करीब सात घंटों तक मैंने उस राठौड़ और सारस्वत को खोजने की कोशिश की। उनके मैसेंजर पर उनसे संदेश भेज कर बात करने की कोशिश की। लेकिन कोई भी जानकारी नहीं मिल पायी। पहले तो उसने पूछा कि मैं यह सारी पूछताछ कर रहा हूं। लेकिन जब मैंने बताया कि मैं रिपोर्टर हूं, सारस्वत ने बताया कि वह कोशिश करेगा, लेकिन उसके बाद से वह भी खामोश हो गया।
वहां से कोई सूचना नहीं मिल पाने के बाद मैंने राजस्थान और महाराष्ट्र के कई अखबारों और चैनली पत्रकारों को टटोलना शुरू किया। आखिरकार रात करीब ग्यारह बजे मुझे यह पक्की खबर मिल पायी कि इस हादसे में किसी भी मुसलमान का हाथ नहीं था। हकीकत यह थी कि यह करतूत तीन हिन्दू युवकों ने ही किया। इनमें से एक का नाम पवन बांगुर है, जबकि दो किशोर हैं।
तो पता चला कि यह हादसा वाशीम इलाके का है। जो अकोला डिवीजन में आता है। पता चला कि कुरा गांव में एक लंगूर खेतों में घूम रहा था। उसी समय पवन बांगर नामक युवक अपने दोस्तों के साथ गुजरा तो उसने कुछ खिलाने का लालच देते हुए उसको पुचकारा और विश्वास में ले लिया। लेकिन इसी बीच पवन ने एक जोरदार लाठी के प्रहार से उस लंगूर की कमर तोड़ डाली। इसके बाद पवन ने उसकी लाठी से पिटाई शुरू कर दी। गंभीर रुप से घायल हुए लंगूर को पवन ने खेत में एक पेड़ से उल्टा लटकाया फिर से उसकी लाठी से तब तक पिटाई करता रहा, जब तक पिटाई से यह लंगूर मर न गया। पवन जब पिटाई कर रहा था तब उसने दोस्तों से इसका वीडियो बनाने के लिए कहा। बंदर की पिटाई का वीडियो पवन ने व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर किया। इसके बाद यह वीडियो वायरल हुआ। (क्रमश:)
यह सिर्फ अमानवीय और नृशंस हत्या ही नहीं है। यह इसलिए भी रोंगटे खड़े करने वाला हादसा है जिसमें विभिन्न समुदायों के बीच हिंसक और खूनी रंजिश की आग भड़काने की साजिशें भी हैं।
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