: कितना नीचा गिर सकता है कोई पत्रकार या समाचार संस्थान, उसकी शक्ल टाइम्स नाऊ में तौल लीजिए : मामले ने तूल पकड़ लिया, बिहार के पत्रकारों ने इसे भरोसे का खून करार दे रहे हैं : जब एक बार कह दिया कि पूरी बात ऑफ द रिकार्ड है, फिर उसे जाहिर क्यों किया गया :
कुमार सौवीर
लखनऊ : यह पत्रकारिता की नराधम धारा है, जिसमें टाइम्स नाऊ नाम के अंग्रेजी न्यूज चैनल के पत्रकार ने खुद को नीचतम पीत-पत्रकारिता के नये-नये प्रतिमान स्थापित कर दिये हैं। पहले तो इस न्यूज चैनल ने जनता दल यू के एक विधायक श्याम रजक को यह कह कर भरोसा दिलाया कि उनकी बातचीत ऑफ द रिकार्ड ही होगी, यानी उसका खुलासा किसी भी कीमत पर नहीं किया जाएगा। लेकिन उसके बाद जब पूरी बातचीत हो गयी, तो पता चला कि टाइम्स नाऊ ने श्याम रजक से हुई सारी बातचीत को रिकार्ड कर लिया था और उसे अपने चैनल पर वायरल भी कर दिया। इसी हादसे ने बिहार ही नहीं, पूरे देश में पत्रकार और उनके पत्रकारीय दायित्वों पर एक नयी तरह की बहस छेड़ी जा चुकी है।
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यह मामला है देश के एक प्रमुख अंग्रेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ और उसके पत्रकार को लेकर। पता चला है कि दिल्ली से आये एक पत्रकार प्रशांत और उनके कैमरा सहयोगी इमरान जेडीयू विधायक के घर गये, और चाय पीने के बहाने बातचीत शुरू की। पत्रकार की जुबान से पूरी तरह आश्वस्त हो चुके श्याम रजक ने उन पत्रकारों को पूरा सम्मान दिया और नाश्ता वगैरह कराया। इसी बीच अनौपचारिक बात शुरू हो गयी। इसी दौरान टाइम्स नाऊ के पत्रकार द्वारा जदयू के नेता और विधायक श्याम रजक से हुई बातचीत को चुपके से शूट कर अपने कैमरे पर दर्ज लिया था। बातचीत के पहले इन पत्रकारों ने श्याम रजक को यह कहते हुए विश्वास दिलाया था कि उनकी यह सारी बातचीत आफ द रिकार्ड ही होगी।
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श्याम रजक को पता ही नहीं था कि टाइम्स नाऊ का यह पत्रकार अपने पत्रकारीय दायित्वों का इतनी बेदर्द से कत्ल कर देगा। लेकिन श्याम रजक उसकी झांसे में आ गये। टाइम्स नाऊ के पत्रकारों द्वारा दिलाये गये वायदे और उसके प्रति विश्वास से लबरेज होकर लगे अपने ही नेता नीतीश कुमार के खिलाफ बोलने। यहां तक कह दिया कि नीतीश कुमार पूरी तरह सिद्धांतहीन नेता हैं। आरोप तो यहां तक हैं कि टाइम्स नाऊ ने श्याम रजक की बातचीत को तोड़-मरोड़ कर भी दिखाया गया।
पटना के सभी प्रमुख चैनल के पत्रकारों ने आज एनडीटीवी के दफ्तर में बैठक की।इस बैठक में मौजूद सभी पत्रकारों ने इस स्टिंग पर आपत्ति जताई। बैठक में सभी ने माना कि मीडिया में स्टिंग का चलन पुराना है पर यह स्टिंग एक प्रायोजित था। पत्रकारिता में सूत्र होता है जो महत्वपूर्ण अवयव है। सूत्र का नाम बताने की कोई ज़रूरत नहीं होती है। हर कोई कुछ बातें शेयर करता है जो बिल्कुल निजी होता है। हम सभी किसी न किसी के बारे में बात करते हैं । ये सबकी निजता होती है जिसका सम्मान किया जाना चाहिए।
एनडीटीवी के मनीष कुमार ने कहा कि यह मीडिया के लिए शर्मनाक हरकत कर संवाददाता ने पूरी मीडिया को बदनाम किया है। जबकि एबीपी न्यूज़ के प्रकाश कुमार ने दावा किया वे इस मसले पर उचित फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करायेंगे।
बैठक में रिपब्लिक टीवी के प्रकाश सिंह ने कहा कि यह भरोसे का खून है। जी न्यूज के ब्रजेश मिश्रा ने कहा कि ऐसी स्थिति में कोई अधिकारी और नेता पत्रकारों को घर मे नही घुसने देगा। बैठक में न्यूज़ 24 के अमिताभ ओझा और लाइव सिटीज के ज्ञानेश्वर, टेलीग्राफके दीपक मिश्रा, रमाशंकर मिश्रा, सहारा के आशुतोष, न्यूज 24 से सौरव, टाइम्स नाउ के श्याम सुशोभित, आजतक के रोहित कुमार और कैमरामैन नदीम, दैनिक जागरण के भुवनेश्वर वात्स्यायन, शैलेश कुमार ,सूरज कुमार उपस्थित थे।