दोस्त, कभी लड़की बनकर देखो तो हमारा दर्द

बिटिया खबर

लड़कियों को बेहाल कर देती हैं औरतें, लड़कों से ज्यादा

शिवानी कुलश्रेष्ठ

आज जो मैने अनुभव किया वो लिख रही हूँ। भगवान कसम मन आज बहुत दुखी है। विधि की किताबो को इतना दिल से पड़ने के बावजूद भी मुझे इस बात के लिये संघर्ष करना पड़ रहा है कि मैं लड़की हूँ। आप लोग ही बताइये इसमे मेरी क्या गलती है कि मैं लड़की हूँ।

पता नहीं, क्यों लोगों को अपने जीवन मेँ इतना दिखावा और नक़ाबपोश लोग पसन्द होते हैं। अगर मै किसी बात को स्पष्ट रुप से प्रदर्शित कर रही हूँ तो मैं लड़की हूं सिर्फ इसलिये मुझे स्पष्ट बोलने से क्यो रोका जाता है? आप मैं हम सब जानते है कि सही क्या है और गलत क्या है फिर भी समाज समाज समाज का राग आखिर क्यों आलापते रहते है। एक बात आपको कहने सुनने में थोड़ी बुरी और भद्दी लगेगी पर मुझे तो भुगतना पड़ रहा है वो ये कि जैसे ही लड़किया बाहर निकले बस लोगो का ये कहना शुरु करेंगे कि:- अरे इसके बहुत ब्वाझय फ्रेन्ड हैं। घर से बाहर आयी है पता नही क्या क्या करती होगी। लोग ऐसी बातें बोलते है जैसे ये लोग सीबीआई हो। अपना इतना दिमाग खुद को सुधारने मे लगाये तो कुछ कल्याण हो।

बिचारी लड़की घर मेँ भी दुखी और बाहर भी। सरकार को लड़कियों पर निगरानी करने के लिये टेन्डर निकालना चाहिये क्योंकि इसके ठेकेदार बहुत हैं। लोग को इन बातों मेँ इतना मजा आता है और भईया तर्क तो इतने सस्ते और घटिया होते है कि पूछो मत । ऐसे लोग ही होते हैं जो कोई मिल जाये अगर तो छोड़े ना। और लड़कियो कि इस बदनामी करने के गैँग में औरतें ज्यादा तादात मेँ शामिल रहती हैं। अरे आपके पास अगर इतना बुध्दि विवेक है तो कुछ संविधान, अर्थशास्त्र, विज्ञान इत्यादि विषयों पर चिन्तन कर लो कि सबका मला हो जाये। सही बता रहे हैं इन चीजों से कोई अछूता नहीं है।

मैं ज्यादातर लड़कों को लेकर सकारात्मक हूँ। मुझे लगता है कुछ हद तक लड़कियों से ज्यादा लड़के अच्छे होते हैं। पर इसका मतलब ये नहीं कि आप बैठकर लोगों का चक्कर निकाले। और अगर चक्कर है भी तो लोगों को क्या दिक्कत। बस लड़की देखी नहीं, हाय! तौबा करना शुरु। बिचारी इतना झेल झेल कर डिप्रैस हो जाये। 

लड़कियों को अपनी बाप की जागीर समझना बन्द कर दो, वरना कहीं लड़किया रियल मेँ ऐसी हो गयीं तो संसार मैं त्रासदी और विनाश हो जायेगा। गुस्सा तो जब आता है जब आपके ही सगे मित्र आपको समाज का झुनझुना बजाकर सुनायें। दोस्त, भगवान कसम, कभी एक दिन लड़की बनकर जीयो तो हमारा दर्द जान पाओगे।

शिवानी कुलश्रेष्ठ की फेसबुक वाल से

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