: डेढ़ दर्जन से ज्यादा पत्रकारों को भट्ठी में झोंकने के बाद अमृत विचार संस्थान पर प्रशासन जागा : बरेली में कोरोना-ग्रसित अखबार को लेकर शुरू हो गयी धींगा-मुश्ती :
दोलत्ती संवाददाता
बरेली : कोरोना के भयावह संक्रमण में घिरे अमृत विचार अखबार को प्रशासन ने आज पूरी तरह सील कर दिया। लेकिन इसके बाद से ही इस अखबार को लेकर चर्चाएं तेजी से भड़कने लगी हैं। चर्चाओं के मुताबिक प्रशासन की यह पहलकदमी किसी भारी-भरकम हाथी की तरह मानी जा रही है, जिसके पास खाने के दांत अलग होते हैं, जबकि दिखाने वाले दांत दीगर।
दोलत्ती संवाददाता के मुताबिक इस अखबार को लेकर प्रशासन की नजर शुरू से ही सहानुभूतिपूर्ण ही रही है। जिस तरह यहां कोरोना का आक्रमण यहां के पत्रकारों पर हुआ है, वह भयावह ही कहा जाएगा। लेकिन समुचित कोशिश करने के बजाय प्रशासन ने इस मामले में ढुलमुल लहजा ही अपनाये रखा था। नतीजा यह हुआ कि चार दिन पहले इस अखबार के करीब 12 पत्रकार कोरोना से ग्रसित पाये गये। लेकिन इसके बावजूद प्रशासन की नींद नहीं टूट पायी। प्रशासन तो तब भी खामोश रहा, जब पत्रकारों के वरिष्ठ नेताओं ने भी इस बारे में प्रशासन ही नहीं, बल्कि अखबार प्रशासन को भी चेतावनी जारी करना शुरू कर दिया था। लेकिन प्रशासन खामोश रहा।
लेकिन आज तीन अन्य पत्रकारों को कोरोना का संक्रमण मिला तो प्रशासन की नींद टूट पड़ी। उधर पत्रकार बिरादरी में भी इस बात पर खास हंगामा खड़ा हो गया था। पत्रकारों के प्रवक्ताओं ने इस बारे में प्रशासन को चेतावनी भी दी थी कि अगर इस अखबार पर कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी, तो उसके अंजाम खासे खतरनाक हो सकते हैं। दोलत्ती सूत्र बताते हैं कि इस पर प्रशासन जागा और उसने आज इस अखबार पर कड़ी कार्रवाई कर डाली। पता चला है कि फिलहाल तो पीलीभीत बाईपास के बाद बने इस दैनिक अमृत विचार को सील करने की कार्रवाई कर दी।
लेकिन अपुष्ट सूत्र बताते हैं कि इस कार्रवाई होने के बावजूद इस अखबार ने अपना अखबार सुचारू संचालित करने के लिए गोटियां बिछायीं और नतीजा यह हुआ कि इस अखबार के सील हो चुके इस मुख्यालय में पिछले दरवाजे से पत्रकारों कीआमद-रफ्त की सुविधा बरकरार की गयी है। काफी कोशिशों के बावजूद इस अखबार के प्रबंधक अथवा संपादक से सम्पर्क नहीं हो पाया है।