सहारा अस्‍पताल: मुस्लिम मरीज को पंचतत्‍व में निपटाया

दोलत्ती

: शवगृह में रखा था दो महिलाओं के शव, अस्‍पताल प्रशासन ने एकसमान नाम के टैग लगाये : अब डीएनए जांच के लिए भेजी गयी है मुस्लिम महिला की अस्थियां :
कुमार सौवीर
लखनऊ : सहारा इंडिया वाले सुब्रत राय की दिक्‍कतें अब लगातार बहुआयामी बनती जा रही हैं। बहुआयामी बोलें तो, मल्‍टी-डाइमेंशनल। ताजा लफड़ा हुआ है सहारा हॉस्पिटल में। खबर है कि सहारा अस्‍पताल प्रशासन की करतूतों के चलते एक मुस्लिम महिला के शव को एक हिन्‍दू परिवार के हवाले कर दिया गया। इतना ही नहीं, अब खबर तो यह भी है कि उस मुस्लिम महिला की अन्‍त्‍येष्टि का कार्यक्रम हिन्‍दू रीति-रिवाज के हिसाब से इलाहाबाद में निपटा भी गया।
यह घटना दो दिन पहले की बतायी जाती है। दोलत्‍ती सूत्रों के मुताबिक पिछले हफ्ते यहां दो महिलाओं को अलग-अलग भर्ती कराया गया था। इन दोनों में से एक को सुगर की बीमारी थी, दूसरी को सुगर के साथ ही साथ न्‍यूरो समस्‍या थी। चार-पांच दिनों पहले इन दोनों ही महिलाओं की मृत्‍यु एक के बाद एक की हो गयी। इनमें से अलीगंज की रहने वाली इशरत मिर्जा की मृत्‍यु कॉर्डियक फेल्‍योर के चलते हुए, जबकि कानपुर की रहने वाली अर्चना गर्ग की मुत्‍यु मल्‍टी आर्गन फेल्‍योर के चलते हुए। इन दोनों ही मामलों में शवों को यहां के शवगृह में रखवा लिया गया।
दो दिन पहले अर्चना गर्ग के घरवाले जब सहारा अस्‍पताल पहुंचे तो अस्‍पताल प्रशासन ने अर्चना गर्ग का शव उन्‍हें सिपुर्द कर दिया। अर्चना गर्ग के शव को लेकर उनके घरवाले सीधे इलाहाबाद गये, जहां गंगा के किनारे के श्‍मशान में उनकी अन्‍त्‍येष्टि का क्रिया-कलाप निपटा दिया गया। जबकि इशरत मिर्जा के भाइयों की मौजूदगी भारत से बाहर थी। इसलिए उनके शव को भी शवगृह में रखवा दिया गया था। इशरत के एक भाई अमेरिका में रहते हैं, जबकि दूसरे पाकिस्‍तान में हैं। खबर पा कर वे दोनों लखनऊ पहुंचे और पूरे परिवार के साथ सहारा अस्‍पताल पहुंच कर उन्‍होंने शव सिपुर्दगी में लेने की अर्जी लगायी। सहारा अस्‍पताल के प्रशासन ने इन लोगों को इशरत मिर्जा का शव उनके हवाले कर दिया।
लेकिन लाश देखते ही घरवाले भौंचक्‍के रह गये। वजह यह कि यह लाश उनकी बहन इशरत मिर्जा के बजाय किसी अन्‍य महिला की थी। यह खबर फैलते ही बवाल खड़ा हो गया। अस्‍पताल प्रशासन ने इस मामले को दबाने की हरचंद कोशिशें कीं, लेकिन आपा खो चुके लोग अपनी नाराजगी जताने में जुटे रहे। इस दौरान अस्‍पताल प्रशासन ने भी अर्चना गर्ग के घर वालों से सम्‍पर्क करके शव के बारे में जानकारी हासिल करनी चाही, तो पता चला कि वे अर्चना गर्ग जी लाश की अन्‍त्‍येष्टि सम्‍पूर्ण कर चुके हैं।
सहारा अस्‍पताल प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अर्चना गर्ग के घरवालों की ही सरासर गलती है। उन्‍हें अपने मरीज को पहचान कर ही लाश सिपुर्दगी में लेनी चाहिए थी। इसलिए इस मामले में उनका कोई भी जिम्‍मा नहीं बनता है। लेकिन सूत्रों ने दोलत्‍ती संवाददाता को बताया कि यह पूरा मामला अर्चना गर्ग के परिवारों से ज्‍यादा तो सहारा अस्‍पताल प्रशासन का है। लाश को सौंपने के पहले लाश की पहचान करवाना अस्‍पताल प्रशासन की जिम्‍मेदारी थी।
बहरहाल, खबर है कि इलाहाबाद से अर्चना गर्ग के घरवालों से उक्‍त शव की अस्थियों को मंगवाया किया जा रहा है, ताकि उसके आधार पर डीएनएक की जांच की जा सके। और तब तक किसी भी नतीजे तक पहुंच पाना मुमकिन नहीं होगा। उधर इशरत मिर्जा के परिवार के लोगों ने दोलत्‍ती संवाददाता को बताया कि पूरा मामला निपटवाने के पहले कोई भी टिप्‍पणी किया जा पाना मुमकिन नहीं होगा।
लेकिन इतना तो जरूर ही है कि इस घटना ने सहारा अस्‍पताल में व्‍यवस्‍था की कलई को पूरी तरह खोल रखी है।

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