: अगर यह रामगोपाल यादव का वास्तवितक पत्र है, तो फिर सपा में दो-फाड़ तय : रामगोपाल यादव के इस कथित पत्र में स्पष्ट आरोप है कि अखिलेश विरोधी खेमा बेईमानों और व्यभिचारियों का अड्डा बन चुका है : कलह में मध्यस्थता करने वालों पर भी गहरी उंगलियां तान दी गयी इस पत्र में :
कुमार सौवीर
लखनऊ : प्रदेश सरकार का लोहा इस वक्त सर्वाधिक गरम है। शिवपाल सिंह यादव, गायत्री प्रजापति, नारद राय और शाहिदा फातिमा की सरकार से निर्लज्ज विदाई के बाद अब समाजवादी पार्टी में गम्भीर आरोप-प्रत्यारोणों का माहौल सरगर्म है। सपा के एक बड़े जिम्मेदार नेता रामगोपाल यादव के एक कथित पत्र में समाजवादी पार्टी के शीर्ष में बैठे लोगों पर बाकायदा हजारों करोड़ रूपयों की उगाही और व्यभिचार का शर्मनाक आरोप लगाया गया है।
मोहब्बत और स्नेह का कल-कल झरना तब तक ही मनोहारी अविरल धारा बहाते दिखता है, जब कोई किसी पर कोई अडंगा नहीं लगाता। लेकिन जब गृह-कलह शुरू हो जाता है, तो फिर अफवाह और शिगूफों का दौर भी सत्य-वर्षा सा लगता है। समाजवादी पार्टी में आज यही सत्य-वर्षा जहां-तहां पसरी पड़ रही है।
आज एक पत्र को लेकर हंगामा शुरू हो गया। यह पत्रकार अखिलेश के चाचा और मुलायम सिंह यादव के भाई प्रो रामगोपाल यादव के हस्ताक्षर से मुम्बई से जारी हुआ बताया जा रहा है। तारीख आज 23 अक्तूबर की ही है। इसमें अखिलेश यादव की प्रशस्ति-गीत के साथ ही अखिलेश विरोधियों पर कई गम्भीर आरोप लगाये गये हैं। हालांकि इस पत्र में किसी का भी नाम नहीं किया गया है, लेकिन साफ-साफ यह जरूर दर्ज है कि अखिलेश के विरोधी खेमे से जुड़े लोग बेईमानी और व्यभिचार में लिप्त हैं।
रामगोपाल यादव के इस कथित इस पत्र में अखिलेश यादव द्वारा तीन नवम्बर से शुरू की जारी रथयात्रा को सफल बनाने के लिए अपील की गयी है और सपा की मौजूदा हालत के लिए दलाल किस्म के मध्यस्थों को खारिज करने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि इन्हीं लोगों ने हजारों करोड़ रूपया कमाया, व्यभिचार किया है और सत्ता का दुरूपयोग किया है।
जरा इस पत्र का जायजा लीजिए, जिसे रामगोपाल सिंह यादव ने अखिलेश यादव के समर्थन में जारी किया है। हालांकि अभी तक इस पत्र की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। पत्र में लिखा है कि:-
प्रिय साथियों
हम चाहते हैं कि मा मुख्यमंत्री अखिलेश के नेतत्व में उत्तपर प्रदेश समाजवादी सरकार बने।
वे चाहते हैं कि हर हालत में अखिलेश हारें।
हमारा सोच पोजिटिव है उनका निगेटिव
मा मुख्यममंत्री के साथ वे लोग हैं जिन्होने पार्टी के लिए खून बहाया, अपमान सहा।
उधर वे लोग हैं जिन्होंने हजारों करोड़ रूपया कमाया, व्यभिचार किया और सत्ता का दुरूपयोग किया। जनता को भ्रमित करने के लिए कुछ लोग मध्यस्थता करते हैं, बयानबाजी करते हैं।
बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। रथयात्रा विरोधयों के गले की फंस है। इस फांस को और शार्प करना है। अखिलेश का विरोध करने वाले विधानसभा का मुंह नहीं देख पायेंगे। न डरें, न विचलित हों।
जहां अखिलेश, वहां विजय
सादर
भवदीय
रामगोपाल
समाजवादी पार्टी के अन्तर्कलह को समझने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:- सपा का बण्टाढार