नौकरबाज राघवजी की जमानत टली, अभी जेल में ही रहेंगे

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जेल की बैरक में राघवजी से बाकी कैदियों ने बनायी खासी दूरी

: वीडियो में दर्ज करतूतों को साजिश बता रहे हैं राघवजी : 19 जुलाई को हो सकती है दूसरी जमानत अर्जी पर सुनवाई : अर्जी में लिखा गया है कि पटेरिया ने मांगा था एक करोड़ रूपया :

भोपाल : अपने ही नौकर के साथ अप्राकृतिक यौन शोषण के आरोप में न्यायिक हिरासत में मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठा नेता रहे राघवजी की ओर से उच्च न्यायालय में दायर जमानत याचिका पर सुनवाई शुक्रवार 19 जुलाई तक टल गई है. उधर पता चला है कि जेल में बंद राघवजी की बैरक में उनके साथ बाकी बंदियों ने खासी दूरी बना रखी है। सूत्रों के मुताबिक ऐसे कैदियों ने साफ कहा था कि ऐसे दुराचारी राघवजी के साथ बाकी कैदियों को अलग ही रखना चाहिए।

राघवजी के वकील राघवेन्द्र सिंह रघुवंशी के अनुसार इस मामले में आज सुनवाई होना थी, लेकिन ‘केस डायरी’ नहीं आने के कारण न्यायाधीश टी के कौशल की एकलपीठ ने सुनवाई शुक्रवार 19 जुलाई के लिए नियत कर दी है. भोपाल की जिला एवं सत्र अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद पूर्व वित्त मंत्री राघवजी के वकील के जरिए उच्च न्यायालय में दायर इस जमानत याचिका में कहा गया है कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है और वह बेकसूर है.

याचिका में कहा गया है कि भाजपा से निलंबित नेता शिवशंकर पटेरिया तत्कालीन वित्त मंत्री राघवजी से किसी राज्य स्तरीय पद की मांग कर रहे थे और इसके लिये उन्होंने एक करोड़ रुपये का लालच भी दिया था, जिससे इंकार करने पर उन्हें उनके नौकर राजकुमार के साथ साजिशन फंसाया गया है.

याचिका में राघवजी के 64 साल के राजनीतिक कैरियर का हवाला देते हुए कहा गया है कि अभी तक उन पर कोई दाग नहीं लगा था. चार माह बाद नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह साजिश रची गयी है. याचिका में उनकी वृद्घावस्था और बीमारी का भी उल्लेख किया गया है.

उल्लेखनीय है कि भोपाल की हबीबगंज थाना पुलिस ने गत सात जुलाई को राघवजी के नौकर राजकुमार दांगी की शिकायत पर पूर्व वित्त मंत्री राघवजी के खिलाफ भादंवि की धारा 377, 506 एवं 34 के तहत अपराध दर्ज किया था.

इसके दो दिन बाद पुलिस ने राघवजी को कोहेफिजा इलाके के राशिप्रभा अपार्टमेंट के एक फ्लैट से गिरफ्तार कर 10 जुलाई को जिला न्यायालय में पेश किया था, जहां से उन्हें 22 जुलाई तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था. भोपाल जिला न्यायालय ने इसके बाद 11 जुलाई को उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. इस पर आज उन्होंने जमानत के लिए उच्च न्यायालय की शरण ली है.

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