बांझ औरतों की सूखी गोद चटपट हरी करने वाले भविष्‍य-वक्‍ताओं ने नहीं बताया कि होने वाली है नोट-बंदी

बिटिया खबर

: सिर्फ धंधेबाजी में ही लफ्फाजियों में ही माहिर हैं देश के लाखों ज्‍योतिषी : कोई अपने क्‍लाइंट के लिए हेलीकॉप्‍टर पर हवन कराता है, तो समझाता है अचूक मुठ-मारने की ट्रिक : कोई रावण की किताब छीन लाया है तो कोई हिडम्‍बा के लाखों वर्ष पुराने प्रेमी से चोरी कर लाया :

कुमार सौवीर

लखनऊ : एक सहज अनुमान के अनुसार 50 लाख धंधेबाज ज्योतिषी हैं भारत में। शायद इससे भी ज्‍यादा।

कोई सफाचट और खल्‍वाट गोल-गोल खोपड़ी पर चमेली का तेल चुआते हुए हेलीकॉप्‍टर पर आसमान में हवन कराता दीखता है, ताकि उसका क्लाइंट एनआरएच के घोटाले में जेल जाने से बच जाए। लेकिन ऐसा हो नहीं पाता, क्‍लाइंट के हेलीकाप्‍टर से उतरते ही एक ओर तो वह पाखण्‍डी पायलेट से बातचीत करते हुए शौचालय की ओर बढता है तो दूसरी ओर सीबीआई के लोग उस क्‍लाइंट को दोनों हाथों को दबोच कर उसकी गर्दन को गर्दनिया देते-धकेलते हुए उसे जेल भेज देते हैं।

क्‍लाइंट भी कमाल के बकलोल होते हैं। जिसने जो समझा दिया, समझ जाते हैं। किसी मूर्ख बंदर की तरह, लगते हैं कुलांचे मारने। सोने-नगों के दस-बीस किलो सोना के जेवर लादे स्‍त्रैण मुस्‍कुराहट बिखेरने वाले खल्‍वाट बाबा हर हफ्ते क्‍लार्क्‍स होटल से लेकर अन्‍य किसी होटल में दो-दो दिन दूकान खोलते हैं। कभी सूचना विभाग में फर्जीवाड़ा करने वाले कुख्‍यात इस बाबा की आज फीस होती है 11 सौ रूपया, सिर्फ एक प्रश्‍न के लिए। एकांत में मिलने के लिए छह हजार रूपया। उनका दावा है कि उनकी सलाह से किसी भी बांझ औरत को औलाद का सुख मिल जाएगा। भविष्‍य बांचने वाले कई ज्‍योतिषी तो टीवी पर भी दर्शकों को मूर्ख बनाते दिख जाएंगे। बिल्‍कुल झम्‍मर झम्‍मर इस्‍टाइल में वे लोग ऐसा समां बांध लेंगे, कि आदमी चमत्‍कृत हो जाए।

कोई खुद को चीन की दीवार में दबी-चुनी हुई ज्‍योतिष की महानतम महापंडित रावण दशानन महराज के पुनीत साक्षात श्री-चरणों से लिखी हुई लाल किताब को बरामद करता है और उसके बाद अपनी आसुरी दूकान चमाचम कर देता है। किसी के पास सतयुग में चोरी हुई किताब को खोजने के लिए त्रेता और द्वापर तक की सीढि़यां उतर कर जाता है, और दावनी राक्षसी पूतना का दूध नोंच वह किताब छीन लाता है जो हिडम्‍बा ने अपने पांच लाख साल पुराने ब्‍वाय-फ्रेंड को दिया था, ताकि वह किताब भीम समेत किसी भी पाण्‍डव को न मिल सके। मकसद यह कि दानवी हिडम्‍बा माई का बेटा घटोत्‍कच की जीवन-रक्षा के लिए आवश्‍यक अभिमन्‍यु का रक्‍त भू-लुण्ठित हो जाए। अब आज वही ज्‍योतिषी-लोग नराधम, बेईमान, बलात्‍कारी, घूसखोर, और हत्‍यारे क्‍लाइंट्स को दुनिया के सबसे बड़े मासूम,निर्दोष और सदाचारी के तौर पर स्‍थापित करने में जुटे हैं।

अब हालत तो यह है कि कोई अपने भक्‍तों के पास किरपा भेजता-भिजवाता घूमता रहता है,और इसके लिए पांच-पांच हजार रूपयों की इंट्री का टिकट वसूलता है। कोई अंकल-पॉमिस्‍ट्री यानी पीडियाटिक-ज्‍योतिषी के तौर पर मासूम बच्‍चों को उनके सुनहले भविष्‍य के लिए तरीके बताते हुए उन्‍हें बाकायदा चूतिया बनाता घूमता रहता है। कोई दादी मां के नाम पर धंधा खोले हैं तो पीर-जादे-फादे-पादे के नाम पर गरीब-गुरबे की लीद निकालता है, तो कोई बड़े आईएएस-आईपीएस और इंजीनियरों वगैरह को चूना लगा घूमता रहता है। सुल्‍तानपुर में डीएम रह चुकी एक आईएएस तो हर हफ्ते अपने सरकारी बंगले में पचासों पंडितों से हवन के बाद भोजन और मोटी दक्षिणा बांटा करती थीं। यह क्रिया-कलाप अब भी जारी है। सचिवालय में ऐसे अफसरों की तादात बेशुमार है जो सुबह, दिन और देर रात भर तो सिर्फ और सिर्फ घूस वसूलते हैं या फिर दुराचार, और इसमें बाकी मिलने वाले वक्‍त में वे अपना भविष्‍य सुधारने के लिए ऐसे ही घृणित पंडितों-ज्‍योतिषियों के पांव पखारते हैं, उनके चरणों में लोट लगा कर नोट-वर्षा करते हैं।

कोई खुद को भृगु का दो-लटके करोड़ी-थैली का वंशज बताता है, तो कोई खुद को नास्‍त्रेदमस का पोता करार देते हुए उसके पोस्‍टर-बैनर लगवाता है। कोई मुठ-मारने के तरीके बताता है, तो कोई जिन्‍न-जिन्‍नाद से छुटकारा दिलाने का काम गारंटीड करता है। इश्‍क में नाकाम लोगों को चटपट राहत दिलाने का धंधा करने वाले कालू खान के इश्‍तेहार आपको हर अखबार में मिल जाएंगे। सौतन जैसी चुडैलों को दबोच में उसे बोतल में कब्‍जा करने उन्‍हें दोजख तक रवाना करने के लिए मोटी रकम वसूलने वाले बाबा बंगाली हर गली में मौजूद हैं।

लेकिन हैरत की बात है कि किसी भी कमीने ने यह नहीं बताया कि…

नोट बंद होने वाले हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *