पीलीभीत में उठी माध्‍यमिक शिक्षा की शव-यात्रा, बोलो रामनाम सत्‍त है

सैड सांग

: इंटर कालेज में 13 सौ छात्र, पढ़ाने को सिर्फ एक शिक्षक : प्रिंसिपल को भी है डीआईओएस का अतिरिक्‍त चार्ज, अब पढ़ाई क्‍या घण्‍टा होगी : ई का, इक सौ आठ दर्जन पढ़न बारन मा पढान बारो एको नाहिं :

नवजोत सक्सेना

पीलीभीत : कलीनगर के  गभिया सरहयी राजकीय इंटर कॉलेज में 13 सौ छात्र-छात्राएं हैं, जबकि शिक्षक के नाम पर केवल एक प्रधानाचार्य और एक वरिष्ठ लिपिक।  मजे की बात तो ये कि वर्तमान में डी आई ओ एस का चार्ज भी इसी कॉलेज के प्रधानाचार्य के पास है। यानी अब सिर्फ वरिष्ठ लिपिक के भरोसे है। जाहिर है कि इस क्षेत्र में माध्‍यमिक शिक्षा का जनाना पूरे धूमधाम से निकल रहा है। आवाजें आ रही हैं जोरों से बोलो रामनाम सत्‍त है।

बी जे पी के पूरनपुर विधान सभा से  विधायक बाबू राम पासवान  ने मामला संज्ञान में लिया और लिख दिया मुख्यमंत्री को पत्र। लेकिन सवाल ये है कि इस दुर्दशा को लेकर कोई जिम्‍मेदार अधिकारी खामोश क्‍या है। चाहे वह प्रधानाचार्य हों, डीआईओएस, एसडीएम, एवम अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की कान पर जूं क्यों नहीं रेंगी। हैरत की बात तो यह है कि इस दुर्दशा को लेकर स्‍थानीय तौर पर भी नागरिकों को कोई दिक्‍कत नहीं है। जाहिर है कि अगर किसी को तनिक भी दिक्‍कत होती तो इस समस्‍या का समाधान बहुत पहले ही हो चुका होता।

गौरतलब है कि विधायक जी के पत्र के अनुसार उस विद्यालय में 1300 छात्र-छात्राएं हैं। शैक्षिक सत्र शुरू हुए काफी समय बीत चुका है ऐसे में जहाँ एक ओर जिले के प्रशासनिक अधिकारी एवं जनप्रतिधि सरकारी विद्यालयों में ड्रेस और पुस्तकें वितरित कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर इस विद्यालय का हाल ये है कि यहाँ शिक्षकों के लाले पड़े हैं । खैर तराई के शहर पीलीभीत की एक तहसील कलीनगर के गाभिया सहराई राजकीय इंटर कॉलेज में छात्र-छात्राओं को शिक्षा देने के लिए शिक्षकों का न होने सम्बधी मामला प्रकाश में आया है लेकिन उ०प्र० के न जाने कितने विद्यालय अभी ऐसे और होंगे जहाँ का हाल गभिया सरहयी जैसा ही होगा ये चिंता का विषय है।

एक ग्रामीण ने इस हालत पर एक लाजवाब कमेंट किया: – ई का, इक सौ आठ दर्जन पढ़न बारन मा पढान बारो एको नाहिं

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