गे-पोर्न में नफरत की नजरों से लुत्फ लेते हैं पाकिस्तानी

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नाइजीरिया में भी धूम मचा रही हैं गे-पोर्न की धड़कनें

: इन दोनों देशों में सिर्फ दो फीसदी लोग ही समलैंगिकता की वकालत करते हैं : जर्मनी 87, चेक व कनाडा 80-80, ऑस्ट्रेलिया 79 फीसदी, फ्रांस 77 व ब्रिटेन में 76 फीसदी में समलैंगिकता को मंजूरी :

इस्लामाबाद : ब्रिटेन समेत यूरोप और अमेरिका में एक किस्सा खूब प्रचलित है। मामला यह है कि कराची के एक मौलवी साहब अपने घर में वीडियो पर पोर्न-फिल्म देख रहे थे, कि अचानक उनके घर एक पड़ोसी बिना बताये आ गया। वहां चल रहे माहौल से हड़बड़ाये पड़ोसी ने आखिरकार कह ही दिया कि:- तौबा तौबा। आप क्या़ यही सब देखा करते हैं मौलवी साहब?

इस पर मौलवी ने शांत भाव से जवाब दिया:- नहीं मियां। हम तो इस फिल्म  को नफरत की नजरों से देख रहे हैं। पाकिस्तान और नाइजीरिया के लोगों पर यह किस्सा खूब फबता है। कारण यह कि इस दुनिया में यही दो ऐसे देश हैं जहां समलैंगिक संबंधों का सबसे ज्यादा विरोध होता है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इन दोनों देशों में सबसे ज्यादा गे-पॉर्न देखा जाता है.

अमेरिकन मैगजीन मदर जॉन्स के मुताबिक गूगल ट्रेंड्स की स्टडी में पाया गया है कि पुरुषों के बीच बनने वाले अंतरंग रिश्तों के बारे में सबसे ज्यादा सर्च पाकिस्तान से किया गया. सेक्स से जुड़ी सामग्री सर्च करने वाले देशों में पाकिस्तान सबसे ज्यादा 100 रेटिंग प्वॉइंट्स लेकर नंबर वन पर है. गौरतलब है कि पाकिस्तान में गे सेक्स गैरकानूनी है और पकड़े जाने पर सजा का प्रावधान है.

आपको बता दें कि प्यू रिसर्च सेंटर ने लेस्बियन, गे, बाइसेक्सेशुअल और ट्रांसजेंडर की स्वीकार्यता को लेकर सर्वे कराया था। इस सर्वे के नतीजे पिछले हफ्ते प्रकाशित किए गए हैं. सर्वे में सामने आया कि पाकिस्तान और नाईजीरिया में यह कर्म किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है. इस रिसर्च सेंटर ने 39 देशों की लिस्ट बनाई है, जो होमोसेक्शुऐलिटी के एकदम खिलाफ हैं. सर्वे के दौरान पाकिस्तान में लोगों से पूछा गया कि क्या समाज को समलैंगिक रिश्तों को स्वीकार कर लेना चाहिए? इस पर सिर्फ 2 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया, जबकि बाकी लोग इसके सख्त  खिलाफ थे.

नाइजीरिया की केवल 2 फीसदी आबादी ही समाज में समलैंगिकता को स्वीकार करने की पक्षधर है. नाइजीरिया की संसद में हाल में एक कड़ा एंटी-गे बिल पास किया गया. इसके तहत समलैंगिकता को तो अपराध की श्रेणी में रखा ही गया है, गे राइट्स की वकालत करने वालों को भी नहीं बख्शे जाने की बात की गई है. इसके अल्वा ट्यूनिशिया में 2, घाना, मिस्र और इंडोनेशिया में 3 फीसदी लोगों ने समलैंगिकता को सही ठहराया.

उधर, स्पेन ऐसा देश है, जहां पर सबसे ज्यादा 88 फीसदी लोगों ने कहा कि समलैंगिक रिश्ते समाज को स्वीकार कर लेने चाहिए. इसके बाद जर्मनी में 87 फीसदी, चेक रिपब्लिक और कनाडा में 80-80 फीसदी, ऑस्ट्रेलिया में 79 फीसदी, फ्रांस में 77 और ब्रिटेन में 76 फीसदी लोगों ने समलैंगिकता को स्वीशकार्यता देने की बात कही.

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