किस्‍सा चैनल न्‍यूज: ऐन हनीमून की रात नवेली सौतन ले आया मालिक

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: मेरे गुजरात-कनेक्‍शंस हैं, और तुम रेगिस्‍तानी। जाओ बालू से ही तेल निकालो : सालाना पांच सौ करोड़ का बिजनेस लायेगा मालिक का नया मुनीम : नया सम्‍पादक मालिक के लिए कमाई के नये रास्‍ते अलग खोलेगा :

कुमार सौवीर

नोएडा : टोकरी भर चैनलों की आईडी बेचने में माहिर और खबरों की दुनिया में खुद को सबसे बड़ा पंसारी समझने वाले बनिया के खानदान में खबरों की गजब छीछालेदर चल रही है। ताजा खबर यह है कि इस मालिक ने जिस नये चैनल की दुकान खोली थी, उसमें भी झंझट खड़ा होने लगा है। इस दूकान के मुनीम बनाये गये शख्‍स के सिर पर एक नया मुनीम थोप दिया गया है। खबर है कि यह दोनों ही मुनीम इस मालिक के चरणों का अमृत चखने-चखाने का संयुक्‍त उपक्रम खोलेंगे।

ऐसा आखिर हो भी तो क्‍या न।  पांच सौ करोड़ रूपयों की सालाना आमदनी का कांट्रेक्‍ट जो दिया गया है। केंद्र सरकार की योजनाओं की तर्ज पर। बाकायदा पांच बरस के लिए। पंचवर्षीय योजना। हर साल के हिसाब से कुल योजना की लागत होगी ढाई हजार रूपया। यह रकम तो मालिक वसूलेगा इन मुनीमों से। लेकिन ऊपरी कमाई के लिए पूरी छूट दे दी जाएगी इन मुनीमों को। हालांकि इन पांच सौ करोड़ रूपयों में इस चैनल चलाने का खर्चा देगा मालिक। लेकिन उससे ज्‍यादा एक धेला भी नहीं। तिल्‍ली लिल्‍ली भों।

जी हां, यह मालिक चूंकि खासा घुटा हुआ है और चैनलों को संचालित वाले धंधा में माहिर है। उधर जिस नये चैनल के लिए नये मुनीम की तैनाती की गयी है, वह भी खास घिसा हुआ है, लेकिन उसे चैनल संचालित करने का धंधा नहीं आता। वह तो उगाही में माहिर है, यानी रेवेन्‍यू। यू नो राजस्‍व। ऐसा समझो कि मालिक राजा है और यह मुनीम वित्‍त मंत्री। राजा के राजकोष को भरने के लिए राजा ने इस नये वित्‍त मंत्री की नियुक्ति की है। और ऐसा भी नहीं कि यह सिर्फ राजा की कृपा पर ही था। म्‍युचुअल यार, म्‍युचुअल रिलेशन। परस्‍पर रिश्‍ते, बातचीत, समन्‍वय। साल भर से मुनीम खाली-खलिहर बैठा था। मुनीम की जरूरत थी नौकरी की, राजा को जरूरत थी ऐसे मुनीम की, जो उसके राजकोष को भर डाले। दोनों ही काबिल समझे गये एक दूसरे के लिए, तो फिर क्‍या था। बाकायदा गंठबंधन हुआ और, दोनों एक-दूसरे के हो गये।

लेकिन सुहागरात के वक्‍त जब मुनीम खुद को सजा-धजा रहा था, कि अचानक ही मालिक-राजा कमरे में एक नयी नवेली सौतन ले आया। मुनीम के अरमान धड़ाम से, और दिल धक्‍क होकर गले में फंस गया। लेकिन मरता न तो क्‍या करता, की तर्ज पर मुनीम ने अपना लहंगा-चोली सम्‍भालना शुरू किया। नयी नवेली टाइप नये मुनीम को अपनापा दिखाना शुरू किया, लेकिन यह नया मुनीम तो ज्‍यादा ही तेज निकला। उसने तो पट्ठे पर हाथ तक नहीं रखने दिया। बोला कि मैं उप्‍पर से भेजा गया हूं, किसी की खैरात नहीं हूं। मेरे साथ रहना है, तो तमीज से रहना। और यह सोचते हो कि मैं तुमका मुनीम समझ कर तुम्‍हें रिपोर्ट किया करूंगा, तो यह फितूर अपने दिमाग से निकाल लो। रिपोर्ट तो एक बाल बराबर भी तुम्‍हें नहीं दिया जाएगा। हमारे गुजरात-कनेक्‍शंस हैं, और तुम रेगिस्‍तानी। जाओ बालू से ही तेल निकाला करो। समझ गये हो तो चलो, अब फूट लो यहां से।

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