नेता नहीं, साक्षात सकट-माई हैं गाजीपुर वाले ओमप्रकाश: पत्रकार मालामाल

मेरा कोना

: नेता जी ने हिन्‍दुस्‍तान अखबार के पत्रकार को गालियां देकर धमकियां क्‍यों थमायीं, गिफ्ट में स्विफ्ट-डिजायर आ गयी : नेता नहीं, साक्षात हगासी सकट-माई का अवतार हैं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह : बाकी पत्रकार तो अब सपने में भी नेता जी के दर्शन की अरदास करते हैं :

कुमार सौवीर

लखनऊ : गाजीपुर वाले पूर्व मंत्री ओमप्रकाश की जुबान में सरस्‍वती देवी नहीं, साक्षात लक्ष्‍मी माता जी बिराजती हैं। बस रूप बदल जाता है। जिन्‍हें आप गालियां समझेंगे, वह असल में आशीर्वाद होगा। गालियां सुन लीजिए, तो आपके घर दौलत बरसने लगेगी। आप सायकिल तक के मोहताज होंगे, तो आपका स्विफ्ट डिजायर जैसी आलीशान कार की गद्दीदार सीट पर अपना पिछवाड़ा टिकाने का मौका मिल जाएगा।

धन्‍य हैं गाजीपुर के सकट-माई टाइप नेता ओमप्रकाश सिंह

और धन्‍य हैं वहीं के हिन्‍दुस्‍तान अखबार के सुदामा टाइप रिपोर्टर जी अजीत सिंह।

काश, गाजीपुर में हिन्‍दुस्‍तान के रिपोर्टर की खुली किस्‍मत की तरह अगर बाकी सभी पत्रकारों को इसी तरह पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह गाली दे कर धमकी दे दिया करें, तो उन पत्रकारों का फाइनली कल्‍याण हो जाए।  पूर्व मंत्री ने दी गाली, तो गिफ्ट में मिली स्विफ्ट डिजायर कार। आपको विश्वास नहीं होगा न, कि किसी बड़े हैसियत दार शख्स को छेड़ कर उनकी गालियां सुनना और धमकियां सुनना किसी दो कौड़ी के पत्रकार की किस्मत तक बदल सकता है, लॉटरी लगा सकता है। उस पत्रकार को इतनी लॉटरी जितनी बोनांजा ऑफर में भी नहीं मिल सकता। स्विफ्ट डिजायर जैसी गाड़ी जिसकी कीमत सारी एसेसरीज के साथ 8 लाख के ऊपर होती है।

इस पूरे मामले को समझने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:- गाजीपुर में एक दबंग शेर, दो डरपोंक लोमड़ी। पत्रकार जी की पैंट गीली

यह कपोल कल्पना नहीं है हकीकत है लेकिन इसको समझने के पहले हमें समाज की धार्मिक आस्थाओं पर एक नजर डालनी पड़ेगी। शकट नाम के एक पर्व में कथा सुनाई जाती है। शकट महारानी एक गृहस्‍थ के घर आयीं। गृहस्‍थ ने उनकी सेवा की, खिलाया-पिलाया। लेकिन चलते समय सकट माई ने उस गृहस्‍थ के घर पर अनुकंपा की और उस घर के हर एक कोने पर टट्टी, यानी पाखाना कर डाला। और चली गयीं। गृहस्‍थ परेशान कि सेवा भी की, और माई जी घर में पाखाना करके चली गयीं।

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लाटसाहब वाला गाजीपुर

लेकिन जब सुबह पता चला और शकट माई चली गई तो पाया जहां-जहां वो टट्टी की गई थी, वह टट्टी नहीं बल्कि खरा सोना पसरा था। बेशुमार।

ठीक इसी तरह की घटना हो गई है गाजीपुर में, और एक नई दो कौड़ी के एक पत्रकार के घर। हगासी शकट माई के तौर पर हैं, यहां के दबंग और सपा नेता ओमप्रकाश सिंह। एक बार उन्‍होंने हिन्‍दुस्‍तान अखबार के रिपोर्टर अजीत सिंह की करतूतों को गुस्‍सा होकर गालियां और धमकियां जैसी विष्ठा समर्पित किया। लेकिन उसे क्या पता था कि जिसे वह हगासी माई यानी ओमप्रकाश सिंह का पाखना समझ रहा है वह वास्तव में वह खरा सोना है। स्वर्ण दमकता सोना। यह सच है। इस रिपोर्टर को इस हगासी सकट माई ने गालियां नहीं दी थीं, बल्कि अजीत सिंह को स्विफ्ट डिजायर कार थमा दिया था।

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आपको बता दें अभी कुछ महीना पहले ओमप्रकाश सिंह ने गाजीपुर के हिंदुस्तान अखबार में काम करने वाले पत्रकार को उसकी करतूतो के लिए फोन पर जमकर खरी खोटी सुनाई थी। गालियां दी थी और धमकी भी दी थी। ओमप्रकाश सिंह के विरोधियों ने विधायक सुमन सिंह और एमएलसी चंचल सिंह ने इस पूरे मामले को पर्दे के पीछे रखकर इस पत्रकार को आगे खड़ा किया और ओमप्रकाश सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी।

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सकट-माई, यानी गाजीपुर वाले ओमप्रकाश सिंह

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