: सपा के राज्य सम्मेलन का बुलौवा अब तक नहीं भेजा गया शिवपाल को : मुलायम सिंह यादव के ताजा पैंतरों से साफ हो गया कि शिवपाल को लोहिया ट्रस्ट तक सिमेटने की कोशिशें पक्की : अभी भी कई अखिलेश-प्रेमियों का दखल बचा हुआ है लोहिया ट्रस्ट में :
कुमार सौवीर
लखनऊ : भरे मन से मुलायम सिंह यादव ने अपना एक बड़ा कांटा लोहिया ट्रस्ट से निकाल बाहर कर दिया। खबर है कि रामगोपाल यादव को लोहिया ट्रस्ट के सचिव पद से हटा दिया है। बताया जाता है कि मुलायम ने रामगोपाल की जगह ट्रस्ट के सचिव पद की जिम्मेदारी शिवपाल सिंह यादव को सौंपी है। बिलकुल अभी-अभी हुई लोहिया ट्रस्ट की बैठक में यह फैसला लिया गया, लेकिन इसके साथ यह चर्चाएं भी सिर उठाने लगीं कि मुलायम सिंह यादव के इस फैसले का लाभ अखिलेश यादव को ही परोक्ष रूप से मिलेगा। कहने की जरूरत नहीं कि इसके तहत शिवपाल यादव की गतिविधियां सपा से हटा कर उन्हें ट्रस्ट तक में सिमेट देने की कवायदें छिड़ गयी हैं।
इस फैसले के बाद समाजवादी परिवार में चल रहा घरेलू झंझट-बवाल एक बार फिर सामने आ गया। अखिलेश यादव और रामगोपाल गुट जहां समाजवादी पार्टी से शिवपाल को किनारे किए हुए हैं, वहीं जवाबी हमले में लोहिया ट्रस्ट को हथियार बनाया जा रहा है। दिलचस्प बात तो यह है कि इस रणनीति को खुद शिवपाल सिंह यादव ने ही बुना है। लेकिन इसके चलते शिवपाल ने खुद ही अपने पैंरों में कुल्हाड़ी मार दी है। उधर समाजवादी पार्टी का राज्य सम्मेलन को भी शिवपाल विहीन करने का अभियान छिड़ गया है। खबर है कि इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शिवपाल के घुटने छोटे किये गये हैं। इस बारे में शिवपाल सिंह यादव ने खुद ही कुबूल किया है कि उन्हें अभी तक कोई निमंत्रण नहीं मिला है।
गुरुवार को हुई लोहिया ट्रस्ट की बैठक में मुलायम सिंह यादव के साथ शिवपाल सिंह यादव ने हिस्सा लिया। इसके अलावा ट्रस्ट के सदस्य के तौर पर भगवती सिंह, राजेश यादव भी बैठक में शामिल हुए। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव बैठक में नहीं आए।