बधाई हो पत्रकार चांदनी गुप्‍ता: तुम्‍हारी हत्‍या की साजिशें चल रही हैं

सैड सांग

: अपराधियों के दबाव में रिपोर्ट में धाराएं तक बदल डाली राजधानी की कैसरबाग पुलिस ने : फर्जी बैनामा के बल पर महिला पत्रकार के मकान पर कब्‍जे की साजिश : अपराधियों के जानलेवा हमले में लूट, अब धमकियों का जोर : दारोगा बोला, कि थाना योगी-फोगी नहीं चलाते :

संवाददाता

लखनऊ : पीड़ित मान्यताप्राप्त पत्रकार चांदनी गुप्ता उर्फ़ वैदिका के परिवार को अपराधी संजय गुप्ता अपने साथियों के साथ मिलकर खुले आम घर पर आ कर जान से मारने की धमकी दे रहा है और पुलिस कहती है ऐसी कोई वारदात नही हुई है. कैसरबाग सीओ और आई०ओ०  उल्टा पीड़ित को धमका रहे है कि एक जेल जा चुका है चुपचाप बैठ जाओ वरना अपराधी संजय गुप्ता द्वारा दर्ज केस में पूरे परिवार को जेल में बंदकर देगे. ज्यादा सीएम के पास जाती हो सीएम यहाँ आ कर कुछ नही करेगा, करना तो सब हमे ही है. संजय गुप्ता के नाम पर तुम्हारे घर का बैनामा है उसे कब्ज़ा करते हुए देर नही लगेगी. इन्ही धमकियों के कारण पीड़िता के पिता बीमार पड़ गए और हॉस्पिटल में एडमिट थे। दो -चार दिन पहले हॉस्पिटल से घर वापस आये है।

यह कहानी है एक युवा महिला पत्रकार की। फिलहाल तो यह महिला पत्रकार संतरी से लेकर मंत्री तक की दहलीज पर न्‍याय की मांग कर रही है। लेकिन हालत यह है कि जब भी वह किसी पुलिस अधिकारी के पास पहुंची, तो उसे केवल यही जवाब मिलता है कि थाना-पुलिस हम चलाते हैं, योगी-फोगी नहीं।

आपको बता दे कि पीड़िता 3 बार सीएम योगी से मिल चुकी है परन्तु उसके बाद भी उसे न्याय नही मिला। अपराधी की इतनी हिम्मत हो गयी है कि अपराधी पीड़ित परिवार के घर आ कर धमकी दे रहा है। यह हालत है यूपी की राजधानी में पत्रकारों और पत्रकारिता की।

चांदनी गुप्‍ता पूछती है कि क्या आज के समय में पीड़ित की कोई सुनवाई नही, क्या ऐसे चलेगा कानून व्यवस्था। जब कानून के रक्षक ही अपराधियों के रक्षाकवच बन जायेगे तो अपराधी खुले आम गुंडा-गरदी करता रहेगा और पीड़ित न्याय की गुहार लगते लगते मार जायेगा या अपराधियों द्वारा मार दिया जायेगा।

आपको बता दें कि पीडिता के पिता  राज कुमार गुप्ता के नाम पर फर्जी मुख्तारनामा संजय गुप्ता एवं उनके साथियों द्वारा षड्यंत्र रचकर कूटरचित फर्जी मुख्तारनामा बनवाकर बैनामा कर लिया गया एवं जबरन 5 मार्च 2016 को पीड़िता के घर पर अपने 30 से 40 साथियों के साथ आये और जबरन मार-पिटाई, लूट-पाट, तोड़-फोड़ किया गया। आठ लाख की लूट और नुकसान के साथ ही साथ गंभीर घाव-चोटे पीड़ित परिवार को आया थी। पीड़ित परिवार द्वारा 6 मार्च 2016  को 395,147,323,452, 427, 504 और 506 थाना कैसरबाग में दर्ज की गयी थी।  जिसपर संजय गुप्ता ने अपने साथियों के साथ कैसरबाग थाने में दबाव बनवा कर 395 धारा 24 घंटो में हटवा दिया था और जब भी पीड़ित परिवार ने मुकदमे की जानकारी लेनी चाही तो जाँच चलने का हवाला दिया गया। पीडिता सभी बड़े आलाधिकारियो के पास न्याय की गुहार लगाई परन्तु अपराधियों द्वारा थाने सेट होने के करण पीड़ित परिवार को न्याय नही मिला। जब हाई कोर्ट में पीडिता ने याचिका दायर की तो आनन-फानन में उसकी चार्जशीट पुलिस ने न्यायलय में लगा दी,  जिसमे 395 धारा हटी थी।

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पत्रकार और पत्रकारिता

उपरोक्त घटना घटित होने के बाद पीड़ित परिवार को ये जानकारी प्राप्त हुई की संजय गुप्ता व् उनका साथियों द्वारा उनके मकान की फर्जी मुख्तारनामा बनवा कर उसका बैनामा भी कर दिया गया है| जिसकी प्राथमिकी उपरोक्त जाँच पूर्ण होने के बाद पूर्व एसएसपी श्री राजेश कुमार पांडेय जी द्वारा 3 अप्रेल 2016 को (मु०अ०स०-182/2016) परिवर्तित मु०अ०स०-298/2016 थाना कैसरबाग, अंतर्गत धारा 419,420,467,468,471,120बी दर्ज कराई गयी जिसमे अब सक्ष्यो के आधार पर फर्जीवाड़ा साबित हो गया है। एक की गिरफ़्तारी की गयी 7 नामजद अपराधी संजय गुप्ता एवं उनके साथियों की गिरफ़्तारी अभी तक नही की गयी है।

जबकि पीडिता के पिता द्वारा कार्यालय सहायक महानिरीक्षक निबंधन (प्रथम) लखनऊ में फर्जी मुख्तारनामें की जाँच कराकर मुख्तारनामे को निरस्त करने के लिए *परिवाद स० 15/2016 दर्ज कराया था. जिसपर श्रीमान सहायक महानिरीक्षक निबंधन (प्रथम) लखनऊ जी द्वारा जाँच में पाया गया कि प्राथी की फोटो व हस्ताक्षर, फर्जी मुख्तारनामें आई डिजटल फोटो व हस्ताक्षर मच नही होते है. जिसपर श्रीमान सहायक महानिरीक्षक निबंधन (प्रथम) लखनऊ जी ने फर्जी मुख्तारनामें को निरस्त करते हुए अपराधियों के विरुद्ध तत्काल कारवाही का आदेश किया है

पीड़ित परिवार पर अपराधी संजय गुप्ता द्वारा बार बार फर्जी मुकदमे लिखाये जा रहे है। पहले भी संजय गुप्ता द्वारा 63/2016 थाना कैसरबाग में लिखाया गया था जिसमे अंतिम रिपोर्ट (ऐ-फार स० 51/16 दिनांक 20.05.2016) लग कर न्यायलय भेज दी गयी है.

उपरोक्त फर्जी मु० अ० स० 63/16 में ऐ-फार लगने के बाद अपराधी संजय गुप्ता द्वारा कुछ माह बीत जाने के बाद दूसरा फर्जी मुक़दमा एक काल्पनिक कहानी के तोर पर फर्जीवाड़ा दिखाते हुए थाना हसनगंज से मिलीभगत करके दिनांक 06/09/2016 में फर्जी मु०अ०स०- 374/16, अंतर्गत धारा 420,467,468,323,506 आई.पी.सी में लिखाया गया है जिसमे बिना किसी जाँच के, बिना एसएसपी की अनुमति लिए पैसे लेन देनकर मुक़दमा दर्ज भी कर लिया गया| जिसमे पीड़ित परिवार पर गंभीर फर्जी आरोप लगाकर गंभीर धाराओं में मुक़दमा पंजीक्रत किया गया है जिसमे पीड़ित पुरे परिवार को जेल भिजवाकर पीडिता के मकान को हड़पने की साजिश रची गयी है| जब इसकी जानकारी पीडिता को प्राप्त हुई तो पीडिता ने हसनगंज थानाध्यक्ष से इसकी जानकारी ली तो उन्होंने पीडिता से कहा की आप अपने बचाव में जो भी पेपर हो वो मुझे स्पीड पोस्ट कर दे, हसनगंज एस ओ ने कहा अगर पहले से अपने उनके ऊपर फर्जीवाड़े का मुक़दमा कर रखा है तो मैं इसे 15 दिन में ऐ-फार लगा कर न्यायलय भेज दुंगा। जिसकी वाइस कॉल रिकार्डिंग पीडिता के पास उपलब्ध है। 15 दिन पश्चात जब पीडिता ने हसनगंज थानाध्यक्ष से कॉल करके अपने परिवार के ऊपर दर्ज मुकदमे की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने अलग अलग बहाने बनाकर बात को टल दिया।

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