भदोही में सपा एमएलए के लाड़ले को नाबालिग करार देने की साजिश

सैड सांग

पुलिस अब तक नहीं कर पायी दूसरे अभियुक्त की गिरफ्तारी : किशोरी के कपड़े सरेबाजार फाड़ने के मामले में पुलिस बैकफुट पर : भाजपा का आंदोलन भी टांय-टांय फुस्स, दो दिन मामला बढ़ गया : कचेहरी में दुबके रहे कोतवाल ने गिरफ्तारी पर फर्जी कहानी बनायी :

कुमार सौवीर

लखनऊ : सत्ता  के मद में चूर विधायक के चहेते भतीजे शादाब ने भदोही की सबसे बड़ी बाजार में सरेआम एक छात्रा को गंदी गालियां दी, उसे पीटा और उसके कपड़े फा़ड़ डाले। स्थानीय समाजवादी पार्टी के विधायक के इस भतीजे के खिलाफ पुलिस ने उस हादसे पर रिपोर्ट तो दर्ज कर ली, लेकिन उसे बचाने की जुगत भिड़ाते हुए उस गुण्डे पर धाराएं हल्की-फुल्की ही लगायीं। अगले तीन दिनों तक यह गुण्डा भदोही में घूम-घूम कर अपने हैसियत और हनक का प्रदर्शन करता रहा। अब आत्मसमर्पण के बाद अब उस गुण्डे को नाबालिग करार देने की ठीक वैसी ही साजिशें बुनी जा रही हैं, जैसी लखनऊ के आशियाना सामूहिक बलात्कार काण्ड में गौरव शुक्ला के प्रति हुई थीं।

उधर भदोही के पत्रकारों ने एक नया पैंतरा चला है। यह पत्रकार अब इस हादसे पर चर्चा करने के बजाय अब समाजवादी पार्टी के उक्त स्थानीय विधायक जाहिद बेग की प्रशंसा में पन्ने काले कर रहे  हैं, जिसके भतीजे ने यह कु-कर्म किया। ऐसे लोगों ने अब सोशल साइट्स का भी इस्तेमाल किया है और साबित किया है कि उक्त हादसे में उक्त भतीजे गुण्डे शादाब के चाचा विधायक जाहिद बेग की छवि लो‍कप्रिय है और उन पर कोई भी दाग नहीं पड़ा है। लेकिन जाहिद बेग की प्रशंसा के गीत सुनाने के ऐसे ही प्रयासों में पत्रकारों का मकसद इस पूरे काण्ड और शादाब से जुड़े समाचारों को ठण्डे बस्ते में डाल डालना ही है।

एक नयी पैरवी के तहत सपा विधायक जाहिद बेग ने इस मामले में अपने घर एक प्रेस-कांफ्रेंस आयोजित किया था। लेकिन इस संवाददाता सम्मेलन में केवल भदोही के ही पत्रकार को बुलाया गया। जाहिर है कि इसमें केवल प्रिण्ट मीडिया के पत्रकर ही शामिल थे। यानी न्यूज चैनलों के पत्रकारों से इस सम्मेलन से दूर ही रखा गया। एक पत्रकार ने बताया कि इसका मतलब भी था कि चैनल वाले कैमरे में ऐसे-ऐसे सवाल पूछ सकते थे, जिससे विधायक के साथ असमंजस की हालत उत्पन्न हो सके। दरअसल, इस मामले का संज्ञान होते ही दिल्ली और लखनऊ में बैठे चैनल के बड़़े पत्रकारों ने इस हादसे पर खबर अपडेट करने की कवायद छेड़ दी थी। ऐसे में जाहिद बेग और उनके चेले-चपाड़ी पत्रकार व समर्थक लोग चैनल से अपना चेहरा दिखाना नहीं चाहते थे।

जिला प्रशासन से जुड़े एक अधिकारी ने अपना नाम प्रकाशित न करने के आग्रह के साथ बताया कि जिस तरह लखनऊ के आशियाना सामूहिक बलात्कार काण्ड में मुख्य आरोपी गौरव शुक्ला को बचाने के लिए झूठे तर्क व कागज तैयार कर उसे कम-उम्र व नाबालिग करार देने की साजिशें की गयी थीं, ठीक उसी तरह शादाब को भी नाबालिग बच्चा साबित करने की साजिशें बुनी जा रही हैं। खबर देने वालों का कहना है कि यह गुण्डा अब तक मदरसे में पढ़ चुका है और ऐसे में उसके लिए माकूल प्रमाणपत्र तैयार कर पाना समाजवादी पार्टी के स्थानीय जाहिद बेग व उसके घरवालों के लिए बेहद आसान होगा। सूत्र उम्मीद जताते हैं कि जल्दी ही शादाब के बारे में ऐसे कागज अदालत में पेश कर दिये जा सकते हैं। एक अन्य सूत्रों का कहना है कि परसों कचेहरी में अपनी लग्जरी गाड़ी में अपने ढेर सारे दोस्तों-रिश्तेदारों के साथ पहुंचे शादाब बेग ने करीब चार घंटों तक कचेहरी का कोना-कुतरा नापा। उस दौरान शहर कोतवाल अजय श्रीवास्तव भी लगातार मौजूद रहे। पुलिस कप्तान ने शादाब को दबोचने के लिए दो पुलिस टीमें बनाने का दावा किया था। लेकिन वहां मौजूद पुलिस अधिकारी और कर्मचारी शादाब को दबोचने के बजाय शादाब की सेवा में शीतलपेय की बोतलें खोलते-पिलाते रहे।

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