फिर किक हो रहा है जंगल में मंगल गर्ल का नया शो, एक्‍सइन और एई को जेल भेजा

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: कमाल पर कमाल कर रही हैं किंजल सिंह, फैजाबाद में ऐसी की तैसी करने पर आमादा : सवाल उठने लगे कि क्या अब उत्तर प्रदेश आईएएस अफसरों की बपौती बन चुका है : जिलाधिकारी के ऐसे तेवरों से प्रशासनिक ढांचा चरमराया, तेज हो रहे हैं असंतोष के स्‍वर : इसके पहले लखनऊ, बहराइच, लखीमपुर में भी खासा बवाल करा चुकी हैं किंजल सिंह :

कुमार सौवीर

लखनऊ : लखीमपुर खीरी के विश्‍वविख्‍यात दुधवा अभ्‍यारण्‍य में अपने दोस्‍तों के साथ देर रात तक डीजे के साथ हंगामा करने वाली आईएएस अफसर किंजल सिंह अब फैजाबाद में भी कहर बरपा रही हैं। खबर है कि अयोध्‍या में तकनीकी कमियां पाने पर किंजल सिंह ने वहां के सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता को सार्वजनिक तौर पर बुरी तरह डपटा, बेइज्‍जत किया। लेकिन इसके बाद भी जब उनका अहंकार शांत नहीं हो पाया तो उन्‍होंने उन वरिष्‍ठ अभियंताओं को पुलिस बुला कर सरेआम गिरफ्तार करा लिया। खबर है कि अब यह लोग पुलिस हिरासत में ही हैं।

जी हां, यह नया प्राइम-शो है किंजल सिंह का। किंजल सिंह आईएएस अफसर हैं। अपनी पूरी नौकरी में लगातार अपने कृत्‍यों के चलते बहुत चर्चित हो चुकीं किंजल सिंह इस समय फैजाबाद में जिलाधिकारी के पद की कुंर्सी पर आसीन हैं। अंदाज है शाहाना। जो चाहें, वह कर सकती हैं। सरकार और प्रशासन की नीतियों और परम्‍परा को रौंदने का हौसला है किंजल सिंह में। इनकी ख्‍वाहिश ही उनका कानून है और उनकी हरकतें ही उनके कानून की लकीर। सरकार को तो वे अपनी बपौती मान चुकी हैं किंजल सिंह।

इसके पहले उनकी करतूतों के चलते लखीमपुर खीरी के दुधवा वन सुरक्षित क्षेत्र और पूरे जिले के वन विभाग के अफसरों-कर्मचारियों ने किंजल के खिलाफ जबर्दस्‍त आंदोलन छेड़ दिया था। जिसके चलते इस दुधवा वन क्षेत्र में वन-प्रेमियों को खासी दिक्‍कतों से आमना-सामना पड़ा था। वन विभाग के अफसरों का आरोप था कि किसी अराजक महारानी की तरह किंजल अपनी बेअंदाजी के साथ रात-बिरात जंगल में घुस जाती हैं। कई-कई गाडि़यों के साथ। साथ में उनके मित्र-मंडली भी होती है। यह सब लोग जबर्दस्‍त हूटर बजाते हुए जंगल में घुस जाते हैं और जगल में डीजे बजाते-हंगामा करते हैं। उनका आरोप था कि यह सारा कामधाम जंगल में प्रवेश के लिए निर्धारित समय के बाद तब होता है, जब किसी भी कीमत पर जंगल में प्रवेश नहीं दिया जा सकता है। क्‍योंकि उससे जंगल में जानवरों की शांति में बुरा खलल पड़ता है।

बहरहाल, अयोध्‍या में किंजल सिंह ने एक नया शिगूफा छेड़ दिया। उन्‍होंने अपने आज की अपनी एक नयी करतूत के चलते साबित कर दिया है कि अब उत्तर प्रदेश IAS अफसरों की बपौती हो गया है। अभियंता संघ के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने अयोध्‍या में किंजल सिंह की इस करतूत पर सख्‍त ऐतराज जताया है। उस अधिकारी का कहना है कि क्‍या अब IAS के जो मन में आयोगा वो करेगा और बाकी लोग तमाशा देखते रहेंगें? अजब माहौल हो गया है प्रदेश का।

आज खबर आयी है की फैजाबाद की कलेक्टर किंजल सिंह को फिर से गुस्सा आया। जी हां और इस बार उन्होने दो राजपत्रित अधिकारीयों,सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता विप्लव कुमार और उनके सहायक अभियंता को पुलिस हिरासत में लेने का फर्मान सुना दिया। बस फिर क्या था तुरंत फोर्स गयी और सिंचाई विंभाग के बड़े साहब को हिरासत में ले आई। जुर्म इतना था की फैजाबाद में होने वाले सावन के मेले का काम पूरा नही किया गया था। जब कलेक्टर साहिबा निरीक्षण करने पहुंची तब बैरीकेडिंग आदि टूटी थी जिस पर उनको गुस्सा आ गया और उन्होने तुरंत ये फर्मान सुना दिया।

बात तो ठीक है,अगर ExEn और AE ने काम नही पूरा किया था तो उनको सजा मिलनी ही चाहिये। पर सजा देने का हकदार कौन है? प्रोटोकौल के तहत काम में ढ़िलाई की लिखित शिकायत तत्काल किंजल सिंह को सिंचाई विभाग के मुखिया प्रमुख सचिव व प्रमुख अभियंता एवं फैजाबाद ज़ोन के मुख्य अभियंता से करनी चाहिये थी और उनके स्तर से कार्यवाही की प्रतीक्षा करनी चाहिये थी। अगर कोई कार्यवाही नही भी होती तो भी किसी अधिकारी को गिरफ्तार करने का अधिकार एक कलेक्टर के पास नही है। एसे पूर्व में दो और मामले हुए जिनमें हाई कोर्ट का कड़ा रुख रह चुका है पर फिर भी ये IAS मानने को तैय्यार नही और सरकार IAS lobby को समझाने के बस में नही हैं।

कुछ दिन पूर्व कानपुर में एक PCS अधिकारी का मकान खाली कराने के लिये तत्कालीन जिलाधिकारी ने फोर्स भेजी थी और सारा सामान बाहर फिकवा दिया था। इस मामले पर खूब हंगामा हुआ,बात ऊपर तक पहुंची पर फिर भी महिला जिलाधिकारी पूरी ठसक से अपनी कुर्सी पर बरकरार रहीं और PCS अफसर जो CDO के पद पर तैनात थे,उनका तबादली कर दिया गया।

आखिर एसै क्या है जो शासन IAS के खिलाफ कोई कार्यवाही करने डरता है??

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