: बस्ती के महराजगंज चौकी में पुलिसवाले कल दिन भर अपनी नाक कटवाते रहे : अगर यही कुकर्म कोई दूसरा करता, तो पुलिस उसे देशद्रोह में जेल के भित्तर कर देती : भांग छान कर पुलिसगिरी करते हैं बस्ती के कप्तान के चेले-चापड़ :
मेरीबिटियाडॉटकॉम संवाददाता
बस्ती : “नहीं, नहीं। इसमें कोई खास बात नहीं है। वह क्या था कि जब गांधी जयंती के दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराने का टाइम आया था न, तब अचानक मुझे दारू के ठेके की याद आ गयी। मैं निकल गया मौका-मुआयना के लिए। वहां रखी एक-एक बोतल-पन्नी-चुक्कड़ को चेक किया। उलट-पुलट कर देखा, टटोला, सूंघा, चखा। इसमें कई घंटे लग गये। उधर अब आप लोगों को तो खूब पता ही होगा कि हमारे हल्के के पुलिस वाले भी कम हरामखोर नहीं हैं। नशा-पत्ती में कोई भी नहीं चूकता है, सब हैं एक नम्बरी नशेड़ी।
तो हुआ यह कि इसी बीच अचानक एक दीवान में आव-देखा न ताव, अलमारी से एक झण्डा निकाला, उसमें नाड़ा डाल दिया, सौ ग्राम फूल पैक करा दिया और थाने के ऊपर पर धंधे खम्भे पर उसे लटका दिया। नीचे खड़े लौंडे-लफाडि़यों को माथे पर हाथ रख कर सैल्यूट मारने की इष्टैल में सावधान किया और डोरी खींच दी। अब जब मैं शाम को इलाके को चेक करके लौटा, आराम किया, नाश्ता किया। तब किसे ने बताया कि देश का झण्डा उल्टा फहरा गया है। तो मैंने भी सोचा कि भइ, इत्ता टाइम हो गया है, ऐसे में अब उसे ऐसे वक्त उतार कर ठीक करने का कोई मतलब है। रात को ही चुपचाप बदल देंगे। लेकिन इसी बीच कुछ हरामखोर पत्रकारों ने मेरी चीखें ही निकाल दीं। “
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कुछ ऐसा ही माजरा सामने आया है बस्ती के महराजगंज में। यहां की सबसे बड़ी माने जाने वाली महराजगंज की पुलिस चौकी पर हुआ तिरंगे का घोर अपमान का मामला सामने आया है। यह चौकी कप्तानगंज थाना एरिया के तहत आता है, जहां गांधी जयंती के अवसर पर चौकी पर फहराया गया था तिरंगा। लेकिन उसमें सुधार करने के बजाय
गलती करने के बाद भी पुलिसकर्मी को घंटो तक नही आई सुधि। सुबह से लहराता रहा उल्टा झंडा। चौकी इंचार्ज राकेश मिश्रा ने दी सफाई कि मैने नही किया झंडारोहण, बल्कि चौकी के एचसीपी रामसकल प्रसाद ने उनकी गैरमौजुदगी मे झंडा फहराया। सीधा फहराने के बजाये हेड कांस्टेबल उल्टा झंडारोहण कर बैठे।
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लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि अगर यही कुकर्म कोई दूसरा करता, तो पुलिस उसे देशद्रोह में जेल के भित्तर कर देती। लेकिन अब जब खुद पर आफत पड़ गयी है, तो सब एक साथ बगलें झांकने लगे हैं।