: अवैध निर्माण किया, विरोध पर बच्चियों को पीटा, धमकाया, लेकिन पुलिस अपराधियों के साथ खड़ी है : बड़े दारोगा का विरोध किया तो पुलिस ने उल्टे फांस दिया : खुद को यूपी का एसपी क्राइम बता कर धौंस दे रहे हैं राकेश शंकर : बेसमेंट खोद कर पड़ोसियों का जीना हराम कर रखा, साथ में सड़क पर अवैध कब्जा भी कर डाला :
कुमार सौवीर
लखनऊ : यह करतूत है पुलिस के एक बड़े दारोगा की, जिसने पहले तो अपनी मकान में इस तरह तहखाना खोद डाला कि पड़ोसियों के मकान दरक गये। पड़ोसियों ने ऐतराज किया तो यह बड़ा दारोगा और उसकी पत्नी-बेटी तक भड़क गये। कोई दो दर्जन लोगों के साथ एक पड़ोसी के घर हमला कर दिया और खुला रिवाल्वर लहराते हुए भद्दी-भद्दी गालियां दीं।बुजुर्ग ओर अनाथ बच्चियों को पीटा। इतना ही नहीं, कालोनी के लोगों ने जब इस पर ऐतराज किया तो इस पुलिस अफसर ने अपने मकान के ठीक सामने सड़क की जमीन कब्जा कर संदिग्ध लोगों का जमावड़ा कर लिया। अब ताजा खबर यह है कि इन बच्चियों की रिपोर्ट को तो पुलिस ने दर्ज नहीं की है, लेकिन उल्टे बुजुर्ग और दिल के मरीज बुजुर्ग लोगों को हवालात में बन्द करने की धमकी दी जा रही है।
यह मामला है एक प्रमोटेड आईपीएस अफसर राकेश शंकर का। अपनी पूरी नौकरी के दौरान राकेश शंकर की छवि एक दबंग की रही है। सपा सरकार में उन्हें जालौन का एसपी बनाया गया था। फिलहाल वे खुद को यूपी का एसपी क्राइम बताते हैं। फिलहाल वे राजधानी में महानगर स्थित सेक्टर-ए-3 कालोनी में अपने नये मकान में रह रहे हैं। लेकिन उनके पड़ोसियों का आरोप है कि राकेश शंकर ने पूरी कालोनी में पड़ोसियों का जीना मुहाल कर रखा है।
बहरहाल, कोई पांच साल पहले राकेश शंकर ने 3400 वर्गफीट का एक पुराना मकान लिया। करीब दो साल पहले से इस मकान को तोड़ कर राकेश शंकर ने एक नया आलीशान मकान बनाना शुरू किया। लेकिन सबसे पहले तो करीब 10 फीट तक की जमीन खोद कर उसे बेसमेंट बनाने की तैयारी शुरू की। बस इसी पर बवाल हो गया। दरअसल राकेश शंकर ने इस बेसमेंट की खुदाई इस तरह शुरू की ताकि ज्यादा से ज्यादा जमीन पर उनका बेसमेंट बन जाए, लेकिन इसी चक्कर में उनके पड़ोसियों के मकान की दीवारें दरकने लगीं।
जब पड़ोसियों ने इस पर ऐतराज किया तो बताते हैं कि राकेश शंकर ने पीडि़त पड़ोसियों को मुआवजा देने की बात की। यह भी वायदा किया कि अब इस खुदाई बंद कर दी जाएगी।लेकिन न खुदाई बंद हुई और न ही मुआवजा जैसी कोई कवायद। जाहिर है कि पड़ोसियों का आक्रोश बढता ही रहा। लेकिन इससे बेखबर राकेश शंकर ने अपने मकान का निर्माण और भी तेज कर दिया। राकेश शंकर से बुरी तरह त्रस्त हो चुके कई पड़ोसी बताते हैं कि इतना ही नहीं, जिस पड़ोसी को सबसे ज्यादा क्षति हुई, उसे जान-माल की धमकी तक देना भी शुरू कर दिया। जबकि यह पड़ोसी बुजुर्ग और दिल का मरीज है। उसके घर में उसकी पत्नी, एक बहन और दो अनाथ भांजियां रहती हैं।
एक पड़ोसी 22 वर्षीया कोमल श्रीवास्तव (वास्तविक नाम नहीं, पीडि़त का नाम बदल दिया गया है) के अनुसार चार सितम्बर की शाम को करीब चार बजे राकेश शंकर, उनकी पत्नी, और उनकी बेटी समेत करीब 20-25 लोग उनके घर में घुस गये। असलहों से लैस यह लोग लगातार भद्दी ओर अश्लील गालियां देते हुए धड़धड़ा कर घर में घुसे और कोमल, उसकी मां तथा उसके बुजुर्ग व बीमार मामा को पीटना शुरू कर दिया। इन गुण्डों ने उसके कपड़े फाड़ दिये। कोमल का आरोप है कि इस दौरान राकेश शंकर धमकी दे रहे थे कि अगर तुम लोग अपनी जुबान बंद नहीं करोगे, तो तुम सब को फर्जी एनकाउंटर में निपटा दिया जाएगा।
इस मामले की लिखित सूचना कोमल और अन्य पड़ोसियों ने महानगर कोतवाली को दी, लेकिन उसकी एफआईआर दर्ज करने के बजाय पुलिस ने राकेश शंकर के इशारे पर उस बीमार बुजुर्ग को ही दबोच कर थाने में बिठा लिया। वह तो गनीमत थी कि कालोनी के लोगों ने तत्काल हस्तक्षेप किया और सुबह तक उस बुजुर्ग को रिहा करा लिया।
उधर राकेश शंकर की सफाई है कि उन्होंने बेसमेंट खोदने की कार्रवाई के दौरान हुई जिन लोगों की दीवार वगैरह की क्षति हुई है, उसका मुआवजा दे दिया गया है। लेकिन पड़ोसियों का आरोप है कि राकेश शंकर साफ झूठ बोल रहे हैं। मुआवजा तो दूर, वे अब गालियां तक देने में परहेज नहीं करते। और तो और, उन्होंने अपने घर के सामने सड़क तक पर अवैध कब्जा कर अराजक तत्वों का जमावड़ा कर लिया है, ताकि पड़ोसियों पर दबाव बनाया जा सके।
राकेश शंकर की पूरी कहानी सुनने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:- अनाथ बच्चियों को गुर्राते हुए धमका रहा है एसपी-क्राइम, कि बाहरी बदमाशों को बुला कर तेरा हाथ-पैर तुड़वाऊंगा