एनडी तिवारी काण्‍ड की तर्ज में अब एक युवती भी चिल्‍लायी: मेरे असली बप्‍पा तो तुम ही हो

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: पूर्व सिंचाई मंत्री ओमप्रकाश सिंह की बहू भी जुटी नयी साजिश में, बपौती पर लफड़ा की तैयारी : सरदार पटेल डेंटल कॉलेज को हड़पने की आपराधिक साजिशों के बाद स्‍नेहलता सिंह ने फेंका नया पैंतरा, दर्ज किया कि मेेरे असली बाप तो हैं ओपी चौधरी : खरबों की सम्‍पत्ति हड़पने के लिए जितने भी छल-छद्म हो सकते हैं, यह बड़ा भाजपाई नेता खानदान कर रहा है :

कुमार सौवीर

लखनऊ : पूर्व मुख्‍यमंत्री नरायण दत्‍त तिवारी ने अपनी पूरी जिन्‍दगी बे-औलाद के तौर पर बितायी। हालांकि उनके पास एक लीगल पत्‍नी मौजूद थीं, लेकिन रसिया किस्‍म के तिवारी ने अपने ऐश-ओ-आराम में कभी भी कोई कसर नहीं उठायी। उत्‍तराखण्‍ड में अपनी छीछालेदर कराने के बाद भी जब उनका मन नहीं भरा तो वे सीधे आंध्र प्रदेश के राजभवन तक को गंदा कर आये। राज्‍यपाल होते वक्‍त ही एकसाथ तीन महिलाओं के साथ उनकी हम-बिस्‍तरी का काण्‍ड उछलने के बाद तिवारी की राज्‍यपाली तो हाथ से निकल ही गयी, जो रही-बची-खुची इज्‍जत थी, उज्‍जवला शर्मा के बेटे ने छीन लिया। उसने मुकदमा दर्ज करा दिया कि एनडी तिवारी ही उनके जैविक-पुत्र हैं। नतीजा तिवारी अदालत में मुंह के बल धड़ाम हो पड़े।

लेकिन तिवारी-काण्‍ड ने देश-प्रदेश के कई युवाओं को नई दिशा का रास्‍ता तो दिखा ही दिया है। इस दिशा के तहत अब कोई भी शख्‍स अपने असली बाप से अपना पितृत्‍व का हक हासिल कर सकता है। तिवारी के बाद अब ऐसे मामले अदालतों तक पहुंचाने के बजाय अब इच्‍छुक लोगों ने इस अधिकार हासिल करने के लिए आपसी समझदारी का रास्‍ता अख्तियार कर लिया है। यानी मामला घर का ही रहे और किसी बाहर को इसकी भनक तक न लग पाये। लेकिन इसी घुड़दौड़ में कई लोग ऐसे भी शामिल होते जा रहे हैं जो घोड़े के बजाय गधा-पचीसी में माहिर हैं। यानी बाप चाहे कोई भी हो, लेकिन आरोप लगा लो। आखिर मामला तो जायदाद का ही है है न, इसलिए।

इस दौड़ में अब पुरूषों का ही एकाधिकार नहीं रह पाया है। खबर है कि समाज में कई महिलाओं ने भी इस मामले में अपना दावा घरेलू स्‍तर पर कर दिया है। उनका दावा है कि ऐसे दावे उनकी शक्‍ल, उनके लहजा, उनकी भंगिमा, उनकी बातचीत के तरीके और उनके लिखने-पढ़ने ही नहीं, बल्कि चलने-फिरने तक ही परिलक्षित होते हैं। ऐसी हालत में उन्‍हें अपने पितृत्‍व का असली नाम तो मिलना ही चाहिए। हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है कि ऐसी महिलाएं  केवल अपने असली-खरे पितृत्‍व अधिकार को हासिल करने के लिए परेशान हैं, या फिर उसके पीछे उनकी सम्‍पत्ति का कोई लालच है।

लेकिन हैरत की बात है कि ऐसे दावों में केवल सम्‍पत्ति ही इकलौते केंद्र में शामिल है। यानी किसी को अपना जैविक बाप बनाना लेना केवल अन्‍तस की तस्‍ल्‍ली और शांति के लिए नहीं, बल्कि अपने कथित-तथाकथित शख्‍स की सम्‍पत्ति को इकतरफा हड़प लेना ही होता है।

आइये हम आपको को ऐसे लोगों से मुलाकात कराते हैं, जिन्‍होंने अपनी असली बपौती का दावा कर रखा है। यानी वे अब खुल कर दावा कर रहे हैं कि उनका असली बाप वह नहीं है जो केवल बचपन से अब तक उसके सरकारी कागजों में दर्ज रहा है। बल्कि असली बाप तो यह है, यह। (क्रमश:)

अब यह असली बाप कौन है और कौन ऐसे लोगों के दावे कर रहे हैं, इनका खुलासा हम आपको सिलसिलेदार तरीके से बतायेंगे। यानी श्रंखलाबद्ध तरीके से। इस लेख-श्रंखला को देखने-पढने और महसूस करने के लिए निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए :-निरीह महिलाओं का हक हड़प लेंगे दिग्‍गज भाजपाई

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