: ब्यूरोक्रेसी बोली ढंग ढीलाढाला, पब्लिक बोली बूढी मां ने मोदी को संभाला : राजनीति की बिसात पर ढाल बनती हैं अम्मा : और उनका क्या, जो चार हजार के लिए चार लाख की सेक्योरिटी पर खर्चा करा गये :
उपेंद्र पाण्डेय
चंडीगढ़ : पीएम नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन बैंक की लाइन में क्या लगीं, सोशल साइटो पर तूफान आ गया। हजारो लोग मोदी की मां के लिए सल्यूट मुद्रा में दिखे जबकि बहुतों ने इशारा किया कि मोदी की पुराने नोट बदलो योजना फेल होती जा रही है और हालात बिगड़ते देखकर मोदी की मां को बैंक की लाइन में लगकर बेटे का सपोर्ट करना पड़ा। इसी बीच ब्यूरोक्रेसी भी योजना को लागू करने के ढंग से खिन्न होकर सोशल साइटों पर उतर पड़ी। 8 नवंबर की रात मोदी की नोट रद्दीकरण नीति की तारीफ करने वाले हरियाणा के वरिष्ठ आईएसएस अधिकारी आज ट्विटर पर खिन्न दिखे। अशोक खेमका ने ट्वीट किया कोई भी नीति जनहित में तभी अच्छी होती है जब उसे अच्छी तरह से लागू किया जाए। बड़े नोटों को रद्द करने की योजना का उद्देश्य महान था, लेकिन इसकी प्लानिंग ठीक नहीं थी और योजना को लागू करने का ढंग ढीलाढाला है।
सोशल साइटों पर आधे लोग तो मोदी की मां के बैंक जाने की सूचना पाकर स्वत:स्फूर्त सोशल साइटों पर सक्रिय हुए, जबकि आधे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस ट्वीट को लेकर सक्रिय दिखे जिसमें उन्होंने कहा कि वे अपनी बुजुर्ग मां को कभी बैंक की लाइन में न लगने देते। केजरीवाल के इस ट्वीट के विरोध में सबसे ज्यादा लोगों ने उन्हें दिल्ली के चुनावी अभियान की याद दिलाई और केजरीवाल की मां का फोटो पोस्ट करके पूछा कि आप क्या मां की सेवा करने के लिए उन्हें आम आदमी पार्टी की टोपी पहना कर सड़कों पर घुमा रहे थे।
प्रतीक सिन्हा एट फ्री थिंकर का ट्वीट था-96 साल की बुजुर्ग हीराबेन के छह संतानें हैं, इनमे से कोई भी उनके लिए 4 हजार रुपये (बैंक से) लाकर दे सकता था। दरअसल, उनके एक बेटे को दरकार थी मां को मीडिया कैमरों के सामने फ्लैश करने की।
विनय अरविंद ने मोदी और मां के बीच डायलाग स्टाइल में इस घटना के बैकग्राउंड का किस्सा बयां किया, कि मोदी ने कहा मां हालात बिगड़ रहे हैं, आपको ह्वीलचेयर छोड़कर हमारे लिए खड़ा होना होगा। मां बोलीं-बेटा मुझे तो जोड़ों का दर्द सताये है। इस पर मोदी ने जवाब दिया-मां सैनिकों को देखो, वो भी तो बार्डर पर अपनी जान दे रहे हैं।
विपिन राठौर ने मोदी की मां को बैंक की लाइन में लगाने की घटना को वेल प्लान्ड करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया कि माँ को लाईन में लगाया वो भी पूरी तैयारी के साथ, कैमरा बैंक के अंदर जा कर फोटो ले रहा जिससे टीआरपी लिया जा सके। रीस्टोर ट्रस्ट इंडिया का ट्वीट था, अरविंद केजरीवाल जवाब दें, एक मां अपने बेटे के काम को सराहने का हल, कमजोर शरीर से भी जाकर बेटे के काम को देखने का हक नहीं रखती।
गिरीश आयंगर, आर्चीज एट आर्चू243 आदि सैकड़ो लोगों व संस्थाओं ने अरविंद केजरीवाल की इस बात के लिए खिंचाई की कि वे मोदी की मां के साथ तो सहानुभूति दिखाकर मोदी को उलाहना दे रहे हैं जबकि खुद उन्होंने अपनी मां को वोटों के लिए तपती धूप में दिल्ली की सड़कों पर दौड़ाया था। गिरीश ने मोदी के खिलाफ विपक्ष के एकजुट होने की ओर इशारा करते हुए केजरीवाल को जवाब दिया कि मोदी की मां तो बैंक की लाइन में हैं, केजरीवाल तो लालू, मुलायम, मायावती, ममता, सोनिया और सिब्बल की लाइन में खड़े दिख रहे हैं। इनमें से कई ने अरविंद केजरीवाल की मां के न्यूज फोटो भी साथ लगाए हैं। कई ने एक कार्टून शेयर किया है जिसमें पदमासन में बैठे केजरीवाल बड़े नोटों को जादू के जोर से सौ सौ के नोटों में बदल रहे हैं। साभार:ट्रिब्यून
लेखक दैनिक ट्रिब्यून के नेशलन ब्यूरो प्रमुख हैं। आप चाहें तो 9876011650 पर उनसे सम्पर्क कर सकते हैं।