एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर यानी पिघलना चट्टानों का

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: वो दिन लद गए जब पति-पत्नी एक-दूसरे के लिए मरने-जीने को तैयार रहते थे : प्रोफेशनल लाइफ के साथ पर्सनल लाइफ भी प्रैक्टिकल बना दिया लोगों ने : एक-दूसरे के इमोशन्स और फिलिंग से दूर : पत्नी की प्रेग्नेंसी के चलते सेक्सुअल डिज़ायर पूरी न होने से पुरुषों के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की संभावना बढ़ जाती है :

मोनिका जौहरी

मुम्‍बई : बदलती लाइफस्टाइल, बढ़ती आकांक्षाएं, उम्मीदें या विश्‍वास की कमज़ोर होती डोर… वजह चाहे जो भी हो, मगर ये सच है कि पिछले एक-डेढ़ दशक से हमारे देश में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के मामले बढ़े हैं.आख़िर क्यों लोगों को अपने घर के बाहर प्यार तलाशना पड़ रहा है, क्यों शादी का रिश्ता कमज़ोर होता जा रहा है ? आइये जानते है

दो तरह के होते हैं एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स :-विशेषज्ञों की मानें तो एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर ख़ासकर दो तरह के होते हैं :-

पहला सेक्सुअल और दूसरा इमोशनल. सेक्सुअल एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में दो ऐसे लोग क़रीब आते हैं, जो अपने-अपने पार्टनर से संतुष्ट नहीं होते और अपनी सेक्सुअल डिज़ायर को पूरा करना चाहते हैं. इमोशनल एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर दो लोग एक-दूसरे से भावनात्मक रूप से जुड़ने के लिए क़रीब आते हैं. रिसर्च के अनुसार, अधिकांशतः महिलाएं इमोशनल अटैचमेंट यानी भावनात्मक ज़ुडाव के चलते एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की ओर क़दम बढ़ाती हैं जबकि पुरुष अक्सर सेक्सुअल डिज़ायर को पूरा करने के लिए.

कमज़ोर होते रिश्ते :-प्रोफेसर एवं काउंसलर रश्मि अग्निहोत्री के अनुसार, “वो दिन लद गए जब पति-पत्नी एक-दूसरे के लिए मरने-जीने को तैयार रहते थे. आज रिश्तों की डोर कमज़ोर हो गई है. जिसे टूटने में पलभर का भी समय नहीं लगता. इसकी सबसे बड़ी वजह है प्यार में कमी. यंगस्टर्स प्यार से ज़्यादा अब अपने कंफर्ट को महत्व देने लगे हैं. वो जीवनसाथी का चुनाव इसलिए नहीं करते, क्योंकि वो उनसे प्यार करते हैं, बल्कि अपनी सहूलियत के लिए ऐसे जीवनसाथी का चुनाव करते हैं, जिनके साथ को नहीं, बल्कि जिनके साथ वो ज़िंदगी को एंजॉय कर सकें. ऐसे में जब रिश्ते की नींव ही कमज़ोर होती है, तो रिश्ता टूटने में देरी नहीं लगती.”

समय की कमी ने लाई प्यार में कमी :-रिसर्च के अनुसार, वर्क प्लेस पर एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की संभावना अधिक होती है. आज मेट्रो सिटीज़ में अच्छी लाइफस्टाइल के लिए कपल्स ने ख़ुद को इस हद तक बिज़ी कर दिया है कि उनके पास घर-परिवार की छोड़िए, एक-दूसरे के लिए भी समय नहीं है. 8-10 घंटे की जॉब और ट्रैवलिंग में 1-2 घंटे बर्बाद करने के बाद वो इस क़दर थक जाते हैं कि एक-दूसरे से बात करने कि बजाय नींद की आगोश में जाना ज़्यादा पसंद करते हैं. नतीजतन दोनों के बीच दूरियां बढ़ती जाती हैं और पार्टनर की प्यार की कमी की भरपाई के लिए वो बाहर प्यार तलाशने लगते हैं.

ज़रूरत से ज़्यादा प्रैक्टिकल होना :-सबसे आगे निकलने की होड़ और बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने युवाओं बहुत कम उम्र में प्रैक्टिकल बना दिया है. प्रोफेशनल लाइफ के साथ-साथ वो अब अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में भी प्रैक्टिकल होकर सोचने लगे हैं. एक-दूसरे के इमोशन्स, फिलिंग आदि से उन्हें कोई ख़ास मतलब नहीं होता. ऐसे में ख़ुद को ख़ुश रखने के लिए वो प्रैक्टिकल तरी़के से सोचते हुए एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को ग़लत नहीं समझते.

स्ट्रेस कम करने के लिए भी रखते हैं अफेयर :-रिसर्च की मानें तो मेट्रो सिटीज़ में रहने वाले कपल्स हेक्टिक लाइफस्टाइल और स्ट्रेस को कम करने के लिए एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर रखते हैं. इस विषय में मनोवैज्ञानिक निमिषा रस्तोगी कहती हैं “वर्क प्लेस पर होने वाले एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की एक वजह स्ट्रेस भी है, जिससे छुटकारा पाने के लिए कुछ पाटर्नर अपने कलीग के साथ सेक्सुअल रिलेशन बनाते हैं. इससे उन्हें सुख का एहसास होता है और वो ख़ुद को संतुष्ट भी महसूस करते हैं. ऐसे लोग एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को ज़्यादा एंजॉय करते हैं, क्योंकि ऐसे अफेयर्स में पार्टनर के प्रति उन पर किसी तरह की कोई ज़िम्मेदारी नहीं होती है.”

ईगो भी है एक वजह :-जहां प्यार होता है, वहां अहंकार की कोई जगह नहीं होती, लेकिन आज कपल्स के बीच प्यार के लिए कोई जगह नहीं है, उनकी नज़र में ईगो ही सबसे बड़ा हो जाता है, जिसकी वजह से न वो पार्टनर के आगे कभी झुकते हैं और ना ही कभी आपसी सहमति से रिश्तों की नींव को मज़बूत बनाने की कोशिश करते हैं. नतीजतन अहंकारवश हमसफ़र के आगे झुकने की बजाय वो किसी और से रिश्ता जोड़ना बेहतर समझते हैं.

एक्स्पर्ट स्पीक ( ताकि न आए ऐसी नौबत ) :-किसी ने सच ही कहा है ताली एक हाथ से नहीं बजती, अगर आप दोनों के बीच किसी तीसरे ने जगह ले ली है, तो इसका मतलब स़िर्फ ये नहीं कि आपका पार्टनर ही ग़लत है, हो सकता है कि कुछ कमी आपमें भी हो.अपनी शादी को एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर से बचाने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें :-झगड़ा छोटा हो या बड़ा, एक-दूसरे से बातचीत बंद न करें, अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करें और समस्या का हल ढूंढ़ें. वरना आपकी चुप्पी आपके रिश्ते में दरार डाल सकती है. न स़िर्फ शारीरिक संतुष्टि, बल्कि पार्टनर की मानसिक संतुष्टि का भी ख़्याल रखें, कई बार पार्टनर मानसिक सुख और सुकून की आस में भी किसी तीसरे की ओर क़दम बढ़ाते हैं, ख़ासकर महिलाएं.

घर या बाहर की अनगिनत ज़िम्मेदारियां भले ही आपके कंधों पर हों, मगर जीवनसाथी को नज़रअंदाज़ करने की ग़लती न करें. आपकी ओर से ध्यान हटने पर हो सकता है कि उनका ध्यान किसी दूसरे में लग जाए.ख़ुशहाल शादीशुदा ज़िंदगी के लिए स़िर्फ एकसाथ घर में रहना काफ़ी नहीं, पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताना भी ज़रूरी है.

न स़िर्फ पार्टनर, बल्कि शादी जैसे पवित्र बंधन पर भी विश्‍वास रखें.पार्टनर पर हावी न हों. जीवनसाथी को उनके मन मुताबिक जीने दें. कई मामलों में पार्टनर का डॉमिनेटिंग होना भी एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की वजह होता है.रिसर्च के अनुसार, ऐसी महिलाएं जिनके पति कई महीनों या वर्षों के लिए घर-देश से दूर रहते हैं, वो एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की ओर जल्दी आकर्षित होती हैं.रिसर्च के अनुसार, पत्नी की प्रेग्नेंसी के चलते सेक्सुअल डिज़ायर पूरी न होने से पुरुषों के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की संभावना बढ़ जाती है.

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