सुप्रीम कोर्ट में बगावत “हाथी पदलस भोंय दे”

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: सुप्रीम कोर्ट के सर्वोच्‍च न्‍यायाधीश से बगावत पर पूर्वांचल की एक कहावत बेहद मौजू है : पहले तो लपक कर मीडिया-ट्रायल पर पहुंच गये चार जज, फिर अगले ही दिल पांव पीछे खींच लिया : जोश चढा तो आग मूतने लगे, भय दिखा तो पैंट में ही मूत मारा :

अजीत सिंह

गाजीपुर : हमारे हियाँ ऊपी में कुछ कहावतें हैं । बिलकुल मस्‍त-मस्‍त। खास तौर पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही ताजा छीछालेदर में तो ऐसी कहावतें गजब कहर ढा रही हैं। आइये, आप भी उनका भी जायजा ले लीजिए:-

हाथी आइल

हाथी आइल

हाथी पदलस भोंय दे

उठा है जवान

कुछ कर के दिखायेगा

करेगा क्या ?

मूत मात के फिर सो जाएगा ।

एक जंगल मे एक साँड़ उत्पात कर रहा था …….. कभी पेड़ों को रगड़ता , कभी धूल उड़ाता तो कभी पैर पटकता ।

किसी ने पूछा कि अबे ई का तमाशा है ? काहें इतना उत्पात करते हो ?

वो बोला साँड़ हूँ भाई ………

थोड़ी देर में शेर आ गया ।

उसे देख साँड़ गीला छेरने लगा ।

किसी ने पूछा , क्यों ? अब क्या हुआ ?

साँड़ बोला ……. हूँ तो गाय का ही बच्चा …….

सर्वोच्‍च न्‍यायालय में जो कुछ भी हुआ, वह वाकई बेहद निराशाजनक साबित हुआ है। हमारा प्रमुख न्‍यूज पोर्टल मेरी बिटिया डॉट कॉम इस मसले पर लगातार निगाह रखे है। हम इस मामले पर आपको ताजा विचार और समाचार उपलब्‍ध कराते रहेंगे। इस मसले की दीगर खबरों को देखने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक करें:-

सर्वोच्‍च न्‍यायालय में न्‍यायिक-नौटंकी

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