दो बीवियों के झगड़े में कुल्हाड़े से काट डाला था बेटियों को
: फांसी देने की तैयारी के लिए पहुंचा गया था लखनऊ से जल्लाद : तीन साल में अदालत ने कर दिया मुकदमे पर फैसला : जबलपुर सेंट्रल जेल में सुरक्षा कड़ी गयी :
जबलपुर : नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय जेल में गुरुवार को सिहोर जिले के ग्राम इच्छावार निवासी मगनलाल आदिवासी को फांसी दी जाएगी। मगन को यह सजा अपनी ही पांच मासूम बेटियों का बेरहमी से कत्ल करने के आरोप में दी जा रही है। मगन को फांसी देने के लिए लखनऊ का जल्लाद अहमद शहर पहुंच चुका है। मगनलाल जबलपुर सेंट्रल जेल में बने तख्ते पर लटकने वाला 235वां कैदी होगा। बुधवार को जेल प्रशासन ने मगनलाल के पुतले को फांसी देकर रिहर्सल की।
23 जुलाई, 2013 को राष्ट्रपति द्वारा मगन की दया याचिका खारिज कर दी थी। जेल प्रशासन ने फांसी देने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। बुधवार को मगन का मेडिकल परीक्षण कराकर उसे सुरक्षित वार्ड में रखा गया है। योजना के मुताबिक, मगनलाल को गुरुवार को नींद से जगाया जाएगा। दैनिक क्रियाओं के बाद उसे नहलाकर नए वस्त्र पहनाए जाएंगे। फिर गीता का पाठ सुनाया जाएगा। इसके बाद मगन को फांसी के तख्ते पर ले जाकर जेलर उसे बेटियों को मारने से लेकर फांसी की सजा सुनाए जाने तक की दास्तान चार्जशीट पढ़कर सुनाएंगे। इसके बाद उसे फंदे पर लटका दिया जाएगा।
मगनलाल ने अपनी दो पत्नियों से संपत्ति को लेकर हुए विवाद के बाद 11 जून, 2010 को शराब के नशे में दो साल से छह साल तक की उम्र की अपनी पांच बेटियों को कुल्हाड़ी से काट डाला था। बेटियों को मारने के बाद मगन ने खुद भी फांसी लगाने का प्रयास किया था, लेकिन गांव वालों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। मगन को सिहोर जिला सत्र न्यायाधीश ने फांसी की सजा सुनाई थी। मगन की माफी याचिका मप्र हाई कोर्ट जबलपुर के बाद सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली ने भी खारिज कर दी थी।