मुस्लिम बच्चे को पालनेवाली हिंदू मां जीत गयी जंग

बिटिया खबर

तमाम विरोधों के बावजूद विक्रम ने लिपटाये रखा कलेज से

: गुलबर्ग के दंगों के दौरान यह बच्चा इस सिपाही के हाथ लगा था : अदालत का फैसला कि बालिग होने तक यह बच्चा विक्रम के घर ही रहेगा: अब मुजफ्फर पहचाना जाएगा विवेक के तौर पर : शेख परिवार अब इस बच्चे को पाने के लिए बड़ी अदालतों में जा रहे :

अहमदाबाद : 2002 के गुजरात दंगों में गायब हुए एक बच्चे का अनूठा केस सामने आया है. मुसलिम परिवार में जन्मा मुजफ्फर अपने माता-पिता से बिछड़ गया था, जिसे अब एक हिंदू परिवार पाल रहा है. मुजफ्फर का नाम बदलकर अब विवेक हो गया है.

अब उसके असली माता-पिता भी मिल गये है. पहले माता-पिता ने उसे अपने पास रखने के लिए कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा है कि जब तक विवेक बड़ा नहीं हो जाता वह अपनी हिंदू मां के पास ही रहेगा. विवेक की अभी उम्र 13 साल है.

गौरतलब है कि गुलबर्ग में हुए दंगों में यह बच्चा एक सिपाही को मिल गया था। लेकिन दंगे के दौरान ही इस  सिपाही की मौत हो गयी। लेकिन लाख विरोधों के बावजूद ने इस सिपाही ने इस बच्चेा को अपने कलेज से अलग नहीं किया। सिपाही की मौत के बाद यह बच्चा उस सिपाही के चचेरे भाई विक्रम के घर ले आया गया. उसके बाद से ही विक्रम और उसकी पत्नी उस मासूम बच्चे की देखभाल कर रहे हैं. दुख की बात तो यह रही कि बाद में विक्रम की भी मौत हो गयी, तब से मीना ही बच्चों को पाल रही है.

2008 में बच्चे के बॉयलोजिकल माता-पिता को विवेक का पता लगा तो बच्चे के पिता मोहम्मद सलीम शेख और मां जैबुनिस्सा ने कोर्ट में बच्चे को वापस लेने की याचिका दायर की थी. उसके बाद यह मामला गुजरात हाई कोर्ट पहुंच गया. न्यायाधीश रवि त्रिपाठी ने जैबुनिस्सा की याचिका खारिज करते हुए कहा कि जब तक बच्चा बड़ा नहीं हो जाता और वह अपने भविष्य के बारे में खुद फैसला नहीं कर लेता तब तक वह मीना के पास ही रहेगा. शेख परिवार बच्चे से रविवार के दिन मिल सकते हैं.

शेख परिवार कोर्ट के इस फैसले से खुश नहीं हैं और वे सुप्रीम कोर्ट जायेंगे.

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