गरबा: उजालों की आड़ में छिपा एक अंधा खेल

बिटिया खबर

: गरबा-पर्व के दौरान कंडोम की और गर्भ न ठहरने देने वाली गोलियों की बिक्री में बेतहाशा बिक्री : विश्व का सबसे बड़ा सेक्स मेला, गरबा परंपरा के नाम पर खुला सेक्स : धर्म और उपासना में भी बेधड़क घुस गया है सेक्‍स का बाजार :

डॉ मोनिका जौहरी

लंदन : वह वक्‍त चला गया, जब नवरात्रि केआगमन का अर्थ आस्‍थाओं-धार्मिकता की हिलोरें उचकती-बहती दिखती थीं। क्‍या गली, क्‍या मोहल्‍ला और क्‍या कस्‍बा-गांव या शहर।  लेकिन देवी के सभी नौ रूप और उनके महात्‍म्‍य की बहुआयामी शालीनता पर धन की अधिष्‍ठाती लक्ष्‍मी की बेकाबू हरकतों ने लगता है कि पूरा नेस्‍तनाबूत करने का संकल्‍प ले लिया है। कम से कम उन प्रदेशों और बड़े शहरों में तो इस धर्म-मय अनुष्‍ठान का रूप ही बदल गया है, जहां पैसा ही सब कुछ होता है। हार्दिक-मस्तिष्‍क भूख को शांत करने वाले इस धार्मिक कर्मकांड पर बेकाबू धन की मालकिन लक्ष्‍मी ने उसे जिस्‍मानी भूख मिटाने का अभियान छेड़ दिया है। वरना क्‍या वजह है कि गुजरात में नवरात्रि की बधाई देने का ठेका मैनफोर्स नामक कण्‍डोम जैसी उत्‍पादक कम्‍पनियों ने थाम लिया है। ऐसे विज्ञापनों की होर्डिग कम से कम मुम्‍बई और गुजरात के विभिन्‍न शहरों में पट चुकी हैं। गरबा: धर्म के उजाले पर बाजारू अंधेरों का ईंधन बन जाता है। गरबा: यह कौन सा धर्म-पर्व है, जिसमें बाजार हावी, हर नैतिकता खत्‍म। वगैरह-वगैरह।

यारों ! यह गुजरात में देवी-उपासना वाले पवित्र-पर्व नवरात्रि, कंडोम बेचने वाली कंपनी मैनफोर्स, कंडोम को प्रेरित करती आतुर अर्ध-नग्न युवती, और इंडियन ऑयल का कॉम्बिनेशन समझ में नहीं आ रहा है।

सवाल यह उठ रहा है कि आखिर क्‍या होता है बेहद धनी-मानी प्रदेश गुजरात और महाराष्‍ट्र में नवरात्रि में गरबा के दौरान। रात भर चलता है, और उस बीच क्‍या-क्‍या नहीं होता है गरबा-डाण्डिया के दौरान। इस सवाल का जवाब दे रही हैं मोनिका जौहरी। मूलत: मुम्‍बई की रहने वाली मोनिका एमबीबीएस किया है और उनकी रूचि का क्षेत्र है मनोविज्ञान और मनोरोग ही है। फिलहाल लंदन में अपना दा‍म्‍पत्‍य जीवन निभा रहीं युवा मोनिका ने गरबा के कार्यक्रमों को बहुत निजी तौर पर देखा और समझ कर उसे शब्‍दों में व्‍यक्‍त करने की कोशिश की है। लीजिए, पढि़ये कि मोनिका जौहरी ने क्‍या लिखा है:-

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नवरात्रि

एक लड़की…”मुझे स्ट्रॉबेरी बहुत पसंद है”

दूसरी लड़की…”पर मुझे तो चॉकलेट बहुत अच्छा लगता है, खासकर डार्क चॉकलेट” कह कर आँख मारती है

“अरे यार कोई मैंगो के बारे में भी तो बताओ”

तीसरी लड़की बीच में बोल पड़ी…

यह सब तो ठीक है, लेकिन एक बात माननी पड़ेगी…. जो बात नेचुरल में होती हैं उसका तो कोई जवाब नहीं … उसके सामने बाकी सब फीके होते हैं…. “असली का कोई मुकाबला नहीं”

चौथी लड़की दार्शनिक अंदाज में बोली….

हां यार !!! यह तुम एकदम सही कह रही हो… “उसकी तो बात ही कुछ और है”

“it’s a fun to having the real thing in…oh! dear l just can’t resist the heat n the passion of the moment. …”

इसके बाद एक बेशर्म खिलखिलाहट वातावरण में फैल जाती हैं और लड़कियां एक दूसरे को हाथ मार कर हाई-फाई देती हैं …..

ये 4-5 लड़कियों की आपसी बातचीत किसी फ्रूट फेस्टिवल को लेकर नहीं है…ना ही किसी खाने पीने की चीज को लेकर हैं…. यह बात हो रही है नवरात्रि में #डांडिया खेलने वालों की… #कंडोम के #फ्लेवर की….

#शारीरिक_संबंध बनाते समय कहीं गर्भ न ठहर जाए….. इसके लिए अलग-अलग कंपनियों के अलग-अलग खुशबू वाले कंडोम के इस्तमाल करते है ….

कितना आसान है #धर्म_का_पजामा पहन के #नाड़ा_खोल_देना

और #चूड़ीदार_सरकाना….

#घाघरा_लहँगा_उठाना।

जी हाँ….

नवरात्रि के नौ दिन पूजा का तो पता नहीं पर #खुले_सेक्स का खुला बाज़ार ज़रूर हो गया है. …

लड़कियों द्वारा खुद को बेहतरीन तरीके से सजना सँवरना और अच्छे से अच्छा परिधान पहनना ऐसा लगता है लड़कों को लुभाने की कोई प्रतियोगिता चल रही है…

कहने के लिए #डांडिया_खेला जाता है पर असल मकसद #गुल्ली_डंडा और #कबड्डी_खेलना होता है…. वह भी कही भी.. किसी भी अंधेरे कोने में …. दीवार के सहारे …. फ्रेश होने के लिए बुक कराए गए कमरों में …..या पार्किंग में खड़ी कार का इस्तेमाल बखूबी झूम झूम कर पूरी शिद्दत के साथ किया जाता है।

रात भर कौन नाचता है !!! कोई बता सकता है ??

इंसान एक घंटा नाचेगा… दो घंटा नाचेगा …फिर तो थक कर सो ही जाएगा…. पर लड़के लड़कियां रात भर गायब रहते हैं ….दिन भर सोते हैं और रात को फिर जाते हैं !

ऐसा कौन सा डांडिया खेलने जाते हैं जो उनको रात भर बाहर रहना पड़ता है.????

लड़कियों की बातें चोली ….यानी कि एक डोरी गले पर और एक डोरी कमर पर ….बस !

आगे से खूब डीप गले जिसने उनके स्तन के सिर्फ निप्पल ही छुप पाते हैं….

लड़कियां लेटेस्ट मेकअप वह भी नॉन ट्रांस्फ़रेबल ताकी चिपका चिपकी में और होंठों से होंठ चूसते और खाते वक्त फैला हुआ मेकअप चुगली ना कर दे किसी से !!!

ऐंटी रोमियो के नाम पर साथ चल रहे लड़के लड़की को सरे आम बेइज़्जत कर देते हैं लेकिन धर्म के नाम पर खुले ये #डांडिया_चकले_घरों को त्योहार के नाम पर किसी को दिक्कत नहीं है ….और मीडिया में कितना इसका प्रचार किया जाता है !

अब ये #गरबा_रातें अपने पैर #गुजरात और #महाराष्ट्र से अलावा दूसरे प्रदेशों में भी फैला रही हैं….और इसकी जद में हमारे बच्चों के आने का भी डर है….

यह #अपर_क्लास का धर्म के नाम पर नंगा नाच ही तो है….जिसका इंफेक्शन अब मिडिल क्लास को भी लगने लगा है….

नवरात्रि के समय इस दो जगहों (गुजरात और महाराष्ट्र) में कंडोम की और गर्भ न ठहरने देने वाली गोलियों की बिक्री में बेतहाशा बिक्री होती है….

ये कैसा त्योहार है जिसमें बच्चे अपने चरित्र का हनन स्वयं करने में संकोच नहीं करते ???

क्यूँ धर्म के नाम पर माँ बाप रात भर बाहर रहने की छूट दे देते हैं.????

क्यूँ सेक्स का नाम लेने भर से शरमाने वाले समाज ने धर्म के नाम पर खुली छूट दे दी ?????

ये पर्व अब

#चल_संयासी_मंदिर_में

#तेरा_चिमटा_मेरी_चूड़ियां

#दोनों_साथ_बजाएंगे

#साथ_साथ_खनकाएँगे

से अधिक कुछ नहीं रह गया है !!

आप सभी देशवासियों को #नवरात्रि एवं सभी #मेडिकल स्टोर वालों को #गरबा की हार्दिक शुभकामनएं एवं बधाई !

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