बेशुमार हैं ऐसे-ऐसे नमूने यूपी की नौकरशाही में

दोलत्ती

: चार पहले नेताओं के मंच पर बेहद आपत्तिजनक ढंग पर दिखे : बस्‍ती के डीएम रहे अनिल कुमार दमेले हमेशा से ही चर्चाओं में रहे :

कुमार सौवीर

लखनऊ : परमात्मा, गॉड और अल्लाह ने अजब-गजब प्राणी बनाये हैं, जिनको देख कर- भाँति-भाँति की भावनाएं उछलती हैं। किसी नाली की कीड़े को देख कर जी घिन्ना जाता है तो किसी को जीव को देख कर आत्मीयता-प्रेम उमड़ता है। शेर को देखते ही आपकी आत्मा सिहर जाएगी तो किसी को देखकर आप बिदक जाएंगे।
यूपी की नौकरशाही में भी ऐसे-ऐसे नमूने बेशुमार हैं। कोई अफसर अपने आका के तलवे चाटता है, कोई अपने मातहत से अपने जूते के तस्मे बंधवाता है। कोई अपने आकाओं की फटकार पर सर झुकाये खड़ा रहता है तो कोई अपने आका के हर गलत-सलत काम को किसी पालतू नौकर की तरह तत्पर रहता है।
लेकिन बस्ती के डीएम साहब ! समझ में ही नहीं आ रहा है कि बस्ती के जिलाधिकारी अनिल कुमार दमेले के बारे में क्या कहा-लिखा जाए। लेकिन इस फोटो को देख कर कम से कम इतना तो लग ही रहा है कि दमेले को डीएम गिरी इतनी ज्यादा पसंद है कि इसके लिए वे कुछ भी करने को तैयार रहते हैं।
11 जनवरी को बस्ती से विधायक और सरकार में राज्यमंत्री राजकिशोर सिंह के बेटे धर्मेन्द्र सिंह उर्फ़ शानू जब जिला पंचायत अध्यक्ष बने तो अफसरों ने इस जीत को समाजवादी पार्टी की जीत के बजाय, सरकार की जीत के तौर पर मना डाला। बस्ती से 23 किलोमीटर दूर हरैया में भोजन अधिकार के कार्यक्रम में आनन-फानन कम्बल वितरण कार्यक्रम जोड़ लिया गया। ऐन वक्त पर सजे मंच पर मंत्री पहुंचे। समारोह सरकारी था, लेकिन कब्जाय लिया सपाइयों ने। मंत्री के लिए विशालकाय माला को लेकर खूब धूम मची, सभी सपाई गदगद थे। लेकिन सबसे ज्यादा गदगदायमान थे जिलाधिकारी अनिल कुमार दमेले।
दमेले अपनी इस ख़ुशी में यह तक भूल गए कि वे एक जिम्मेदार लोकसेवक हैं। मंत्री और उनके चिंटू-पिंटू मंच पर धमाचौकड़ी मचाते रहे, लेकिन दमेले किसी लोलुप सपाई कार्यकर्ता की तरह दे ताली, दे ताली बजाते-करते रहे। इतना ही नहीं, दमेले ने मंत्री और सपा नेताओं के चरण के नीचे तख़्त के एक कोने में अपनी ख़ुशी का इजहार करते रहे।

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