फर्जी खबर: दो दिग्‍गज पत्रकारों पर गैरजमानती वारंट

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: इंडिया टीवी के मुखिया रजत शर्मा और टाइम्‍स ऑफ इंडिया के प्रमुख इंदू जैन को अब हाजिर होना होगा लखनऊ की अदालत में : लगातार अदालत से गैरहाजिर होते जा रहे थे यह दोनों खबर-ची लोग : अभी कई प्रमुख समाचार संस्‍थानों की भी भूसी निकालने की कोशिश में हैं कई पीडि़त :

कुमार सौवीर

लखनऊ : किसी भी समाचार संस्‍थान अथवा समाचार-कर्मी का यह दायित्‍व होता है कि वह किसी पेशेवर सतर्क कुत्‍ते की तरह हालातों को सूंघ कर उसका पूर्वानुमान ले, हालातों का जायजा ले, और समाज को सजग-सतर्क करने के लिए पहले तो खबर को पूरी तरह ठोंक-पीट कर पक्‍का करे और उसके बाद जनसामान्‍य को उसके बारे में सतर्क करते हुए खबर प्रकाशित कर दे। पहले करीब बीस बरस पहले तक लगभग सारे अखबार अपने यहां छपी फर्जी-निराधार खबर का बाकायदा खण्‍डन छाप देते थे। सुब्रत राय के राष्‍ट्रीय सहारा ने इस अभियान को ज्‍यादा तेज किया था। मकसद यह कि वह पत्रकारों को सरेआम बेइज्‍जत करना चाहता था। लेकिन जल्‍दी ही उसकी साजिश का खुलासा हो गया। और उसके बाद से उसने फर्जी-झूठी खबरों पर खण्‍डन छापना हमेशा-हमेशा के लिए बंद कर दिया।

टीवी के आने के बाद ऐसी परम्‍परा खत्‍म हो गयी। अब हालत यह हो गयी है कि पत्रकार न तो सिर्फ झूठी खबरों का प्रकाशन और प्रसार करते हैं, बल्कि झूठी खबर का न खंडन-क्षमायाचना करते हैं और न ही मुकदमा दर्ज होने के बाद न्‍यायपालिका तक को धता बताते हुए अपने दायित्‍वों को ठेंगा दिखा देते हैं। यानी समाचार-संस्‍थानों की मनमानी बढने लगी, जो धीरे-धीरे बाकायदा गुण्‍डागर्दी में तब्‍दील होने लगी। बल्कि अब तो कई समाचार संस्‍थान तो अपनी निजी दुश्‍मनी करने से भी आगे बढ़ कर फर्जी खबरों को प्‍लांट करने की साजिश तक करने पर आमादा हैं। माफी मांगना उनके चरित्र का हिस्‍सा नहीं बन रह गया है।

मगर अब अदालत ने इस पर हस्‍तेक्षप कर दिया है। ताजा खबर है कि लखनऊ की एक अदालत ने इंडिया टीवी न्‍यूज चैनल के मालिक रजत शर्मा और टाइम्‍स ऑफ इंडिया समूह की कम्‍पनी बैनेट कोलमैन की अध्‍यक्ष इंदू जैन पर फर्जी खबर छापने के एक मामले में गैरजमानती वारंट जारी कर दिया है। लखनऊ के जिला जज रह चुके राजेंद्र सिंह की एक याचिका में यह आदेश जारी किया गया है। राजेंद्र सिंह ने अदालत से शिकायत की थी कि इन संस्‍थानों ने उनकी छवि बिगाडने के लिए फर्जी खबरें प्‍लांट की थीं। यह मामला विगत वर्ष यूपी के कुख्‍यात खनन माफिया और सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की जमानत के संदर्भ में था। अदालत ने यह आदेश तब दिया जब कई बार बुलाने जाने के बावजूद रजत शर्मा और इंदू जैन अदालत में जाहिर नहीं हो पाये थे।

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