: गनीमत है कि आईएएस संघ ने इस हादसे पर दुख व्यक्त किया : तमीज और अदब धेला भर नहीं, जुल्फी बाबू बन गये : यूपी में भी कहीं तमाचा मारते हैं तो कभी जूते मारने की धमकी : शर्मनाक, पालने में ही पांव भारी कर लिया इन बाबुओं ने : संवेदनशील नौकरशाही के बजाय पक्के बाबू बन चुके हैं आईएएस अफसर : आगे क्या -क्या: गुल नहीं खिलायेंगे यह बेहूदे नवजात अफसर :
रायपुर : यह उस बदतमीज बाबू की फोटो है जिसे इतनी भी तमीज नहीं कि जनता और खासकर बुरी तरह कुपोषित बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए। छत्तीसगढ़ में एक आइएएस अफसर की फोटो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है जो कुपोषित बच्चों और महिलाओं की देखभाल के लिए बनाया गया है। इस फोटो में यह अफसर जालिम जमीन्दार की शैली में मरीज के बिस्तर पर पैर रखे हुए हैं।
आईएएस में शामिल इस नवजात अभद्र अफसर को इतनी भी तमीज नहीं है कि किसी बुरी तरह बीमार बच्चेै और महिलाओं के वार्ड में उनके बिस्तर पर जूता नहीं रखना चाहिए। यह हैरत की बात है कि छत्तीसगढ़ का यह बेहूदा जुल्फी अफसर आईएएस में आने से पहले एमबीबीएस डॉक्टर रह चुका है। बहरहाल, आल इंडिया आईएएस आफिसर्स एसोसियेशन ने डॉक्टर जगदीश सोनकर की इस बदतमीजी पर दुख व्यक्त, किया है। एसोसियेशन ने अपने एक बयान में कहा है कि :- The picture of Jagdish Sonkar SDM in Chattisgarh inspecting CHC is shocking and it’s unacceptable
बलरामपुर जिले के रामानुजगंज में एसडीएम डॉ जगदीश सोनकर की ये फोटो तब की है, जब वह रामानुजगंज में सरकार की योजनाओं के अंतर्गत संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र में कुपोषित बच्चों की खबर ले रहे थे। इस केंद्र में छोटे बच्चों को इसलिए रखा जाता है, ताकि उन्हें कुपोषित से सुपोषित किया जा सके लेकिन बिस्तर पर जूता रखकर एसडीएम डा जगदीश सोनकर जिस अंदाज में बच्चो की खैर खबर ले रहे हैं, उससे उनकी मानसिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
एसडीएम डा जगदीश सोनकर एमबीबीएस की पढ़ा़ई करने के बाद करने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित हुए थे। हैरानी की बात है कि खुद डॉक्टर होने के बाद भी सोनकर शायद ये भूल गए कि वो उस कुपोषित बच्चे के मुंह के सामने अपना जूता टिका कर खड़े है। इस बच्चे को गोद में लिए बैठीं एक महिला से सोनकर साहब खूब बातें कर रहे हैं। लेकिन एक अलग अंदाज में।
आपको बता दें कि जुल्फी वाले बाबुओं ने यूपी में भी खासा आतंक मचा रखा है। कुछ समय पहले लखनऊ के एक जिलाधिकारी अशोक घोष ने एक कर्मचारी को सरेआम तमाचा जड़ दिया था, जबकि जौनपुर के जिलाधिकारी चंद्रभानु गोस्वामी ने एक बेहाल ग्रामीण से जब अपनी समस्याष कहनी चाही तो उस डीएम ने उसे दो जूते मार कर दिमाग दुरूस्त कर देने की धमकी दे डाली।
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