एक कुत्ते की मौत, तीन पर एफआइआर
हीलाहवाली के बाद पुलिस ने किया मामला दर्ज
करना पड़ा पशु क्रूरता कानून के तहत केस
मुखर्जीनगर थाने में दर्ज हुआ मुकदमा
एक आरोपी गिरफ्तार, दो अन्य फरार
अकेले दिल्ली में हैं ढाई लाख से ज्यादा आवारा कुत्ते
अब आप दिल्ली में सरेराह चलते हुए कुत्ते या अन्य पशुओं पर सितम ढहाना बंद कर दें, अन्यथा जेल की हवा खानी पड़ेगी। यकीन नहीं हो रहा तो जरा उत्तरी दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में हुए इस वाकया को पढि़ए। गत दिनों एक कुत्ते की मौत के मामले में स्थानीय पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जिसमें से एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है तो बाकी दो की तलाश जारी है। पशु प्रेमी तो गली मोहल्ले में आवारा फिरने वाले पशुओं को परेशान नहीं करते। लेकिन एक बड़ा तबका है जो जानवरों को हेय की दृष्टि से देखता है। नतीजा यह कि सरे राह कुत्ते या अन्य पशुओं को मारने पीटने से बाज नहीं आते। गत 24 फरवरी को मुखर्जीनगर इलाके में भी कुछ ऐसा ही हुआ। मगर इस दफा स्थानीय निवासी संजय गोस्वामी कुत्ते पर होने वाले इस अत्याचार को देख नहीं पाए उन्होंने इसे एक अंजाम तक पहुंचाया। आमतौर पर दिल्ली पुलिस जहां बड़े से बड़े अपराध के मामले में एफआईआर दर्ज नहीं करती अपने क्षेत्र में कुत्ते की मौत के मामले में मुकदमा दर्ज करना पड़ा। मुखर्जी नगर थाना में एफआईआर संख्या 58 के अनुसार 24 फरवरी की शाम तीन लोग जो आसपास के रहने
वाले थे इन्होंने सड़क पर घुम रहे एक कुत्ते पर किसी धारदार हथियार से कई वार किया। जिससे थोड़ी ही देर बाद उसकी मौत हो गई। शिकायतकर्ता के अनुसार अपने आंखों के सामने इस घटना को देखने के बाद उसने तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस मौके पर आईं लेकिन बगैर कार्रवाई के चली गई। जिसके बाद उन्होंने एक पशुओं की देखरेख करने वाली संस्था के सदस्य अभिनव सरीन को घटना के बारे में बताया और इनके सहयोग से रात 10 बजे मुखर्जी नगर थाना पुलिस ने कुत्ते की मौत के मामले में प्रिवेंशन आफ क्रूएलिटी एनिमल एक्ट 1960 के तहत मुकदमा दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। उन्होंने बताया कि आम तौर पर दिल्ली में रहने वाले वे पशु प्रेमी जो अपने घरों में पशु पालते हैं उन पर होने वाले अत्याचार को लेकर यदा कदा शिकायत भी करते है मगर आवारा जानवरों पर होने वाले अत्याचार को लेकर कोई आवाज नहीं उठाता। जिस कारण मामले सामने नहीं आता जबकि यह एक अपराधिक मामला बनता है। इसके तहत कठोर दंड के प्रावधान हैं। तो वहीं उत्तरी पश्चिम जिला की पुलिस उपायुक्त मीनू चौधरी का कहना है कि कुत्ते की मौत की सूचना मिलते ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया था। रिपोर्ट में जब यह सामने आया कि कुत्ते की मौत किसी धारदार हथियार के ताबड़तोड़ वार से हुई तब तुरंत मामला दर्ज कर लिया। जिन तीन लोगों के बारे में शिकायत करने वालों ने बताया उनमें से एक को गिरफ्तार कर लिया है बाकी दो की तलाश जारी है। देर से ही सही आम लोग तथा पुलिस ने जिस तरह कार्रवाई की इस पर दिल्ली व एनसीआर में आवारा कुत्तों के लिए काम करने वाली संस्था फ्रेंडिस्को के संस्थापक गौतम बराट ने कहा कि अब उम्मीद है कि एक अच्छा संदेश लोगों में जाएगा और वह जानवरों पर अत्याचार करना बंद कर देंगे। मालूम हो कि दिल्ली नगर निगम ने पहली दफा वर्ष 2009 में दिल्ली में कुल कितने आवारा कुत्ते हैं इसकी जानकारी हासिल करने के लिए सर्वे कराया था। जिसके मुताबिक कुल 2.62 लाख आवारा कुत्तों की संख्या सामने आई थीं।