लगातार संदेहों में है विधायक पुत्री की आत्महत्या

सैड सांग

हॉस्टल कम्पाउंड में मिली दंतेवाड़ा विधायक पुत्री की लाश

रायपुर : विधान सभा रोड स्थित आदित्य हाईट्स बिल्डिंग के नीचे गुरुवार को दंतेवाड़ा के विधायक भीमा मंडावी की पुत्री मोना मंडावी [14] की लाश मिली है,  वहां मयूर इंटरनेशनल स्कूल का हास्टल है। मोना मयूर इंटरनेशल स्कूल में 9वीं की छात्रा है, हाल ही में उसका स्कूल में दाखिला हुआ है। मोना दो दिन पहले मंगलवार को ही हॉस्टल में रहने आई थी।

पुलिस अफसरों के अनुसार मोना ने चौथी मंजिल से कूदकर जान दी है। छात्रा की एक चप्पल बिल्डिंग परिसर से बाहर दूर कीचड़ में पड़ी थी और दूसरी पैर में फंसी थी। पुलिस अफसरों के अनुसार हॉस्टल की वॉडन रोज की तरह सुबह 5.30 सभी बच्चों को उठाने गई थी। उसी दौरान उन्हें मोना के नीचे पड़े होने की सूचना मिली।

पुलिस के अनुसार छात्रा की मौत सुबह 5.30 के पहले हुई है। पंडरी पुलिस ने बताया कि गुवार सुबह लगभग 8 बजे छात्रा की मौत की सूचना मिली थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार छात्रा को जिस बालकनी से कूदना बताया जा रहा है, उससे छह फीट की दूरी पर चार बेड लगे हुए हैं, जिन पर चार छात्राएं घटना के वक्त सोई थीं। पुलिस रिपोर्ट कायम कर घटना की जांच कर रही है। छात्रा के पिता विधायक भीमा मंडावी ने हॉस्टल वार्डन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने पुलिस से इस संबंध में जांच की मांग की है। पंडरी थाना प्रभारी ने बताया कि विधायक ने वार्डन पर लापरवाही का आरोप लगाया है, लेकिन अभी तक उनके खिलाफ जांच के लिए आवेदन नहीं दिया है।

घटना की सूचना मिलते ही सुबह एसपी ओम प्रकाश पाल, एएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह, सीएसपी मनीषा ठाकुर और पंडरी पुलिस पहुंची थी। बाद में फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ और क्राइम ब्रांच की टीम ने भी मौके की जांच की। फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ जैन ने इसे आत्महत्या बताया है। विधायक महेश गागड़ा भी मौके पर पहुंचे थे।

पुलिस ने बताया कि मोना को मंगलवार शाम को उसके परिजन आदित्य हाईट्स स्थित मयूर इंटरनेशनल स्कूल के हॉस्टल में छोड़ कर गए थे। वह हॉस्टल में ज्यादा किसी से बात नहीं करती थी। थोड़ी गुमसुम लग रही थी। वह पहले दिन बालकनी में गई थी तब हॉस्टल स्टाफ ने आगे जाने से मना किया था। इसके बावजूद दूसरे दिन भी वह बालकनी में चली गई थी।

पुलिस ने बताया कि हॉस्टल स्टाफ ने पूछताछ में बताया है कि बुधवार को उसकी एक रूम मेट का बर्थ-डे था। सभी ने अच्छी तरह बर्थ-डे सेलिब्रेट किया। रात 1 बजे तक सभी मस्ती करते रहे। लेकिन मोना उन सबके बीच चुप बैठी थी। वह दूसरी छात्राओं की तरह ज्यादा बात भी नहीं कर रही थी। रात 1.30 बजे के लगभग सभी सोने चले गए थे। वह भी अपनी रूम मेट के साथ सोने चली गई थी।

जिस बालकनी से मोना मंडावी के कूदने की बात कही जा रही है, उससे महज 6 फीट की दूरी पर चार बेड लगे हैं, जिन पर छात्राएं सो रही थीं। बेड और बालकनी के बीच मात्र एक कांच का दरवाजा है। उस दरवाजे से बाहर का पूरा नजारा दिखाई देता है। उसी से लगा एक और कमरा है, जहां मोना सहित दो अन्य छात्राओं के बेड हैं। बालकनी की सामने सोई छात्राओं ने पुलिस को बताया कि उन्होंने रात में दरवाजा खोलने की आवाज नहीं सुनी और न ही किसी के नीचे गिरने की।

मोना के पार्थिव शरीर को पीएम के बाद राजकीय विमान से जगदलपुर ले जाया जा रहा था। मौसम खराब होने के कारण विमान को जगदलपुर में उतारा नहीं जा सका। उसे वापस रायपुर लाया गया। शाम 4 बजे के लगभग शव को सड़क मार्ग से गृह ग्राम ले जाया गया। 5 जुलाई को गृह ग्राम में बच्ची का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

ज्ञानगंगा की प्राचार्या प्रतिमा राजगौर ने बताया कि मोना मंडावी ने उनके स्कूल में तीन साल तक प़़ढाई की है। वह प़़ढाई में बहुत तेज थी। उसका आठवीं में 87 प्रतिशत आया है। वह स्वभाव से बहुत शांत थी और बहुत सिम्पल रहती थी। उन्होंने बताया कि स्कूल में वह हमेशा खुश रहती थी। तीन साल में उसने कभी कोई शिकायत नहीं की है। जून में उनके पिता का पीएसओ स्कूल आए थे और आवेदन देकर टीसी ले गए। स्कूल छो़डने का कारण नहीं बताया है।

मोना की मौत से हॉस्टल में दहशत का माहौल है, छात्राएं डर गई हैं। मोना की रूम मेट बात तक करने की स्थिति में नहीं हैं। छात्राओं के साथ हॉस्टल स्टॉफ में भी दहशत देखा गया।

बेटी की मौत की सूचना मिलते ही विधायक मंडावी सुबह दंतेवाड़ा से सड़क मार्ग से रायपुर के लिए रवाना हो गए थे। दोपहर 12.35 बजे अंबेडकर अस्पताल के चीर घर पहुंचे। गाड़ी से उतरने के बाद वे बाहर की खडे़ रहे, वे अपनी बेटी को देखने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। उनका दर्द आंखों से छलक रहा था। विधायक महेश गागड़ा के कहने पर वे कुछ समर्थकों के साथ किसी तरह हिम्मत जुटाकर चीर घर के अंदर गए। बेटी का चेहरा देखते ही वे फफक पडे़ ।

विधायक मंडावी की पत्नी का पिछले साल सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। इसमें उनकी बेटी गंभीर रूप से घायल थी। अब उनकी बड़ी बेटी भी उन्हें छोड़ कर चली गई। श्री मंडावी की बेटियां दीपा, मोनू और बेटा खिलेन्द्र उनके साथ रहते हैं और मोना रायपुर में पढ़ाई कर रही थी।

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