दिल्ली गैंगरेप : अदालत का फैसला हमें नामंजूर

सैड सांग

पीड़िता की मां ने कहा, हमें बेवकूफ बनाया गया

नयी दिल्ली : दिल्ली में हुए गैंगरेप और हत्याई के मामले में अपनी बेटी गंवाने वाली मां ने आज अदालत के फैसले पर कड़ा ऐतराज किया है। उसका कहना है कि यह फैसले के तहत अदालत ने हम सब लोगों को सरासर बेवकूफ बना दिया है। और यह ऐसा फैसला हमें हर्गिज कुबूल नहीं है। वे बोलीं कि अभियु‍क्त पर कड़ी कार्रवाई होनी ही चाहिए थी, और हम उसके लिए जुटे रहेंगे.

आपको बता दें कि पिछले साल 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार मामले में पहली दोष सिद्धि के तहत किशोर आरोपी को 23 साल की लड़की की हत्या और बलात्कार का दोषी पाया गया. लेकिन उसे किशोर न्याय के तहत अधिकतम तीन साल की जेल सजा मिलेगी.  घटना के समय आरोपी वयस्क होने की आयु 18 साल से महज छह माह कम थी. किशोर न्याय बोर्ड ने उसे पेरामेडिक्स की छात्र के पुरुष मित्र की हत्या के प्रयास से बरी कर दिया. पूरे देश को झकझोर देने वाली इस घटना का यह व्यक्ति ही एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी था. पीड़िता की मां ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यह उन्हें स्वीकार्य नहीं है.

फैसले के बाद पीड़िता की मां ने कहा, ‘‘इस कार्यवाही की कोई जरुरत नहीं थी. हमें बेवकूफ बनाया गया है. मैं इस फैसले को स्वीकार नहीं करुंगी. हमें पूरे दिन तक प्रतीक्षा कराने की क्या जरुरत थी.’’ प्रमुख मजिस्ट्रेट गीतांजलि गोयल की अध्यक्षता में बोर्ड ने अल्पवय को सुधार गृह में तीन साल तक रहने की सजा सुनायी. यह किशोर न्याय कानून के तहत दी जाने वाली अधिकतम सजा है. जांच के दौरान हिरासत में बिताये गये आठ माह की अवधि को भुगत ली गयी सजा माना जायेगा और उसे तीन साल की सजा में से घटा दिया जायेगा.  बोर्ड ने 11 जुलाई को बस के क्लीनर आरोपी को घटना की रात लूट के एक अन्य मामले में दोषी ठहराया था.

बोर्ड ने दोषी को रामाधार को लूटने के आरोप में सुधार गृह में रहने की आज सजा सुनायी जो वह पहले ही भुगत चुका है. रामाधार 16 दिसंबर की रात में उस बस में चढ़ा था और उसे लूटने के बाद बस से बाहर धक्का दे दिया गया था. इसके बाद सामूहिक बलात्कार पीड़िता और उसके मित्र पर हमला किया गया. राजधानी में पिछले साल पैरामेडिक्स छात्र के साथ चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया और उस पर नृशंस हमला किया गया.

पीड़िता की बाद में पिछले साल 29 दिसंबर को सिंगापुर में उपचार के दौरान मौत हो गयी. इस मामले के चार वयस्क आरोपियों के खिलाफ यहां साकेत की फास्ट ट्रैक अदालत में मुकदमा चल रहा है. अन्य आरोपी राम सिंह को तिहाड़ जेल स्थित उसकी कोठरी में 11 मार्च को मृत पाया गया था और उसके बाद उसके खिलाफ मामले को बंद कर दिया गया.

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