बाल और बंधुआ मजदूरी के बहाने फिर शुरू हुई अफसरों में दीवाली मनाने की कवायद
कहा कि अबकी बार सब कुछ दुरूस्त करके ही मानेंगे: व्यापक अभियान छेडने की ली शपथ और कहा अभियान चलेगा: तो आखिरकार सूबे की सरकार को जानवरों की तरह प्रदेश भर में खट रहे बाल-श्रमिकों की याद आ ही गयी। यूपी के सभी जिले में अनवरत जारी बाल श्रम को लेकर अब तक केवल दावे ही किये जाते रहे हैं। ऐसे ही दावों के क्रम में मंगलवार को फिर एक नया शिगूफा छेडा गया। सरकार में बैठे अफसरों ने आनन-फानन एक मीटिंग बुलायी और संकल्प लेने की रस्म अदायगी एक बार फिर की। शपथ ली गयी कि यूपी से अबकी बार बाल श्रम को समूल खत्म करके ही दम लिया जाएगा। इन अफसरों का दावा था कि पिछले एक महीने से पंचायत चुनाव में फंसे होने के कारण यह काम नहीं हो पा रहा था। लेकिन इसका जवाब किसी भी अफसर के पास नहीं था कि पंचायत चुनावों के पहले इस दिशा में क्या उपलब्धि हासिल की गयी। हालांकि जानकारों का कहना है कि बाल श्रम और बंधुआ मजदूरों को लेकर हुई इस कवायद से अफसरों के बीच बंदरबांट का काम जरूर तेज हो जाएगा, बजाय इसके कि जरूररतमंद को राहत मिल सके।
बाल श्रम उन्मूलन के यह निर्देश जिस बैठक में दिये गये उसमें कहा गया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा श्रमिकों के कल्याण हेतु चलाई जा रही सभी योजनाओं एवं कार्यक्रमों को पूरी तत्परता और पारदर्शिता से चलाया जाय। आप सभी प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों में व्यस्त थे, पर अब पंचायत चुनाव समाप्त हो गये हैं। अतः प्रदेश में बाल श्रमिकों एवं बंधुआ श्रमिकों की समस्या के समाधान हेतु इनके चिन्हाकन का कार्य तुरन्त प्रारम्भ किया जाय और इन्हें चिन्हित कर इनका पुर्नवास राज्य सरकार की योजनाओं के अनुरूप किया जाय।
प्रदेश के प्रमुख सचिव श्रम डा आरसी श्रीवास्तव ने यह निर्देश श्रम आयुक्त, संगठन के पदाधिकारियों को आज यहां सचिवालय स्थित तिलक हाल में श्रम विभाग के विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों एवं प्रशासनिक कार्यों की प्रगति की मासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिये। उन्होंने कहा कि बाल श्रमिकों के चिन्हाकन के लिये होटलों आदि के साथ ही ढाबों का भी गहन निरीक्षण किया जाय तथा बन्धुआ मजदूरों के चिन्हाकन के लिये ईट भट्टों की गहराई से जॉंच की जाय। उन्होंने श्रमिकों के कल्याण के लिये सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं एवं कार्यक्रमों को मूर्तरूप देकर श्रमिकों एवं उनके परिवार के जीवन स्तर ऊपर उठाने में श्रम विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी अपना उत्तरदायित्व पूरी इमानदारी से निभाएँ।
डा श्रीवास्तव ने ईएसआई के डाक्टरों एवं अधिकारियों को भी इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि वह अपने चिकित्सालयों को मौजूदा जरूरतों के अनुरूप बनाये और श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को दवा-इलाज की पूरी सुविधा उपलब्ध करायें। इसके साथ ही उन्होंने कारखानों, फैक्ट्रियों के रजिस्ट्रेशन, उनके नियमित निरीक्षण आदि के सम्बन्ध में भी संबंधित अधिकारियों को व्यापक निर्देश दिये।
बैठक में विशेष सचिव एसपीसिंह व रूद्र कुमार गुप्ता के अतिरिक्त अपर श्रम आयुक्त श्री त्रिपाठी, ईएसआई के निदेशक अशोक कुमार के अतिरिक्त शासन एवं विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।