कार्टून में मुहम्‍मद जुड़े तो अपराध, जैश-ए-मुहम्मद में सबाब ?

बिटिया खबर
: कार्टून पर हंगामा। मगर जैश-ए-मोहम्‍मद पर क्‍यों सांप सूंघ गया : आपने कोई फ़तवा नहीं दिया इस बात पर कि हमारे आक़ा के नाम पर आतंकी संगठन न बनाओ : शार्ली होब्‍दो के कार्टून बनने में कहते हैं कि पैग़म्बर की “बे-अदबी” हो गयी :

दोलत्‍ती संवाददाता
लखनऊ : सच बोलने का साहस बहुत कम लोगों में ही होता है। जैसे ताबिश सिद्दीकी।
ताबिश ने एक बड़ा वाजिब सवाल उठाया है। कहा:- मोहम्‍मद पर शार्ली हाब्‍दो ने कार्टून बनाया तो पूरी दुनिया में हंगामा खड़ा कर दिया मुसलमानों ने। और अब पुलवामा समेत सैकड़ों हादसों में हजारों की मौत का फरमान जारी करने वाले जैश-ए-मोहम्‍मद नामक विश्‍व-कुख्‍यात आतंकवादी संगठन का नाम पैगम्‍बर मुहम्‍मद के नाम पर है, तो मुसलमानों में सांप क्‍यों सूंघ गया है।
अरे मुसलमान हो तो मुसल्‍लम ईमान रखो।
विचार और जिन्‍दगी में खुद को दोगला बनाये रखना इस्‍लाम के सख्‍त खिलाफ है मेरे दोस्‍त।
सच करो, सच बोला और सच का सामना भी करो। वरना तुम और चाहे कुछ भी हो जाओ, मगर ………
बहरहाल, ताबिश सिद्दीकी का यह लेख शायद मुसलमानों को कुछ समझा पाये:-
सोचिये.. एक कार्टून कोई बना दे पैग़म्बर मुहम्मद का तो उसकी जान ले लेते हैं ये.. कहते हैं कि पैग़म्बर की “बे-अदबी” (इंसल्ट) हो गयी है मगर पैग़म्बर के नाम पर “जैश-ए-मुहम्मद” संगठन बन जाये और लोगों को मारे तो उस से पैग़म्बर की कोई बे-अदबी नहीं होती है.. आपसे कहूँ तो आप कहेंगे कि फ़लाने आलिम ने फ़तवा दिया है जैश के ख़िलाफ़, फ़लाने मदरसे ने फ़तवा दिया है.. मगर ये आप भूल जाते हैं कि फ़तवा जैश वालों की हरकतों पर दिया है वो भी तब जब दुनिया थू थू करने लगी तब
और आपने कोई फ़तवा नहीं दिया इस बात पर कि हमारे आक़ा के नाम पर आतंकी संगठन न बनाओ.. उनकी बे-अदबी होती है इस से.. आपने दुनिया के दबाव में आ कर खानापूर्ति के लिए जैश पर ऐसे ही छोटा मोटा फ़तवे का नोटिस दे दिया
अगर सच में आपको लगता कि जैश-ए-मुहम्मद में मुहम्मद का नाम लगाने से रसूल की बे-अदबी हुई है तो अब तक जैश के सरगना को आप मे से ही किसी ने मार दिया होता.. आपको और इस्लामिक मुल्क़ पाकिस्तान को इसमें बेअदबी न दिखी कभी इसीलिए जैश अभी तक जिंदा है
कभी सोचा है आपने कि मुहम्मद साहब का कार्टून देखकर शायद ही किसी ने उनको गाली दी हो जबकि लाखों करोड़ों लोग जैश-ए-मुहम्मद के नाम की वजह से दिन रात उन्हें गालियां निकाल रहे हैं
आपको जिस दिन अपने रसूल और इस्लाम की असल बेइज़्ज़ती समझ मे आ जायेगी, और अगर आप ये समझ पाएंगे कि इस्लाम किस बात और कर्म से बदनाम होता है, उसी दिन से सब कुछ सही होने लगेगा

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