बिहार के जज साहब को यूपी पुलिस ने घसीट कर कूटा, रिपोर्ट भी लिखी

बिटिया खबर

सत्येन्द्र पी सिंह/ गोविंद मौर्य
: पथराव के चलते एसडीएम का पैर टूटा, कई पुलिसवाले भी घायल : लगेगी आग तो आएँगे घर कई ज़द में, यहाँ पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है : मैजिस्‍ट्रेट ने अपना जलवा जमाने के लिए अनावश्‍यक विवाद खड़ा किया : 

नई दिल्ली/ देवरिया : बिहार के एक युवा ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट शैलेश सिंह को यूपी पुलिस के जवानों ने देवरिया में घर से घसीटकर पीटा, जमीन पर रौंदा, और लात मार कर औकात में लिटा दिया। खबर के मुताबिक उसके बाद देर रात तक पुलिस वाले मजिस्ट्रेट साहब को थाने में रखे रहे और रात को छोड़ दिया। मामला जमीन और एक पोखरे पर अवैध कब्‍जे का। प्रशासन के निर्देश के तहत जब एसडीएम और पुलिसवाले मौके पर पहुंचे तो यह हादसा हो गया। एक पक्ष का आरोप है कि जज साहब थे, लेकिन उन को पुलिस और प्रशासन ने बेहद बेरहमी के साथ पीटा। उधर हमारे दोलत्‍ती संवाददाता गोविंद मौर्य की खबर है कि इस मामले में मैजिस्‍ट्रेट साहब अनावश्‍यक रूप से मामले में अपना रूआब गालिब कर रहे थे, कि अचानक यह हादसा हो गया। यह भी खबर है कि मैजिस्‍ट्रेट के लोगों ने भी पथराव किया, जिससे एसडीएम का पैर टूट गया है, कुछ अन्‍य पुलिसवालों को भी चोटें आयीं हैं। वैसे यह भी खबर है कि देवरिया की इस घटना के इस मामले को अब दिल्‍ली में सुलगाने की कोशिशें चल रही है। हो सकता है कि दो-एक दिन में यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच जाए।

दिल्‍ली के पत्रकार सत्‍येंद्र सिंह के मुताबिक कहानी कुछ यूं है। पुलिस को शिकायत मिली कि वकील हरेंद्र सिंह अपने पट्टीदार के तालाब के किनारे स्थित घर के पास सरकारी जमीन पर गोबर रखते हैं। जैसे ही प्रशासन को गोबर की सूचना मिली, शिकायत की जांच करने देवरिया के एसडीएम हरेंद्र मिश्र, सीओ निष्ठा उपाध्याय, तरकुलवा एसओ नरेंद्र प्रताप राय फोर्स के साथ गोबर का निरीक्षण करने पहुँच गए। उनके साथ राजस्व विभाग की टीम भी थी।

पुलिस के मुताबिक कहानी कुछ यूं है। पुलिस को शिकायत मिली कि वकील हरेंद्र सिंह अपने पट्टीदार के तालाब के किनारे स्थित घर के पास सरकारी जमीन पर गोबर रखते हैं। जैसे ही प्रशासन को गोबर की सूचना मिली, शिकायत की जांच करने देवरिया के एसडीएम हरेंद्र मिश्र, सीओ निष्ठा उपाध्याय, तरकुलवा एसओ नरेंद्र प्रताप राय फोर्स के साथ गोबर का निरीक्षण करने पहुँच गए। उनके साथ राजस्व विभाग की टीम भी थी।

पुलिस के मुताबिक हरेंद्र सिंह के पुत्र शैलेश सिंह ने सरकारी अधिकारियों के साथ अभद्रता की। महिलाओं ने पुलिस पर हमला बोल दिया। इस बीच सरकारी अमले और गांववालों के बीच खूब गाली गलौज भी हुई। एसडीएम बता रहे हैं कि उनकी महिला पुलिस पर महिलाओं ने हमला बोल दिया और महिला कह रही है कि हम भी बोलेंगे कि हमारा जेवर लूटा गया।

बहरहाल पुलिस या प्रशासन के किसी व्यक्ति ने यह वीडियो बनाया है, जिसे मैं यूपी प्रशासन एट वर्क का मनोरंजन करने के लिए भेज रहा हूँ। वीडियो प्रशासन ने बनाया, इससे पता चलता है कि एसडीएम साहब (आवाज से लगता है) कह रहे हैं वीडियो बनाओ। जो व्यक्ति कैमरे से रिकार्ड कर रहा है (उसकी आवाज तेज सुनाई दे रही है, इस आधार पर) कह रहा है, भगाओ भोंसड़ी वालों को। गांव की एक महिला गाली देती है और सम्भवतः ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट साहब महिला को डांटते और जाकर रोकते हैं, घर मे जाने को धकेलते है। उसके बाद की कहानी है कि पुलिस घर मे घुसती है मजिस्ट्रेट साहब को खींचकर बाहर लाया जाता है और लात जूतों से उनकी सेवा होती है।

उसके बाद की कुछ कहानी उपर लिखी है।

कहानी यहीं खत्म नहीं होती। आप सोच रहे होंगे कि गोबर के मौका मुआयना का क्या हुआ? कौन वह ताकतवर आदमी है जो इतनी फोर्स गोबर जांच के लिए बुला लेता है? तो यह बताते चलें कि वह व्यक्ति मजिस्ट्रेट का सामान्य सा पट्टीदार है जो खुद को भाजपा का कार्यकर्ता कहता है।

जरा ठहरिये!
कहानी अभी खत्म नहीं हुई है। सुनने में आ रहा है कि कूटे गए जज साहब ओबीसी तबके के हैं। उनके पिताजी वकील साहब भी ओबीसी ही होंगे। सुनने में आ रहा है कि भाजपा के एक अपर कॉस्ट नेता ( शायद मंत्री, यह पुष्ट नहीं है लेकिन पुलिस की गोबर सक्रियता से इस अफवाह में दम दिखता है) को उनसे खुंदक है और वह अपने साधारण कार्यकर्ता का साथ दे रहे हैं, जिसके चलते पूरा प्रशासनिक अमला सूचना पाते ही गोबर जांच के लिए पहुंचा था!

कहानी में एक ट्विस्ट और है। ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट पढ़ने में शायद तेज रहे होंगे। उनका चयन यूपी पीसीएस जे में भी हो गया है। उनके बैच के चयनित करीब सभी कैंडिडेट ज्वाइन कर चुके हैं, लेकिन शैलेन्द्र सिंह का पुलिस वैरिफिकेशन ही नहीं हो पाया (क्या पता, करने नहीं दिया गया!).

और अब ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के ऊपर कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। हालांकि जज साहब गिरफ्तार नहीं हैं, सुनते हैं कि कई नान बेलेबल धाराएं भी लगी हैं।

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